दिल की बीमारी की वजह से हर साल लगभग 17.9 मिलियन लोगों की हो जाती है मौत
जयपुर। मानव जीवन के लिए दिल कितना महत्वपूर्ण है ये तो सभी जानते हैं, लेकिन फिर भी लोग अनजाने कारणों से न जाने इसे कितना नुकसान पहुंचाते हैं, जिसके कारण वह कई तरह की हार्ट से संबंधित बीमारियों के शिकार बन जाते हैं। दिल की सेहत से जुड़ी तमाम जानकारियां और बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करवाने के लिए हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) मनाया जाता है। दुनिया में लाखों लोग ऐसे हैं जो हार्ट की बीमारियों से जूझ रहें हैं। बात करे भारत की तो यहां हर पांचवा व्यक्ति दिल का मरीज है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दिल की बीमारी की वजह से हर साल लगभग 17.9 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है, जो वैश्विक मृत्यु दर का 31 फीसदी हिस्सा है। वहीं वर्ल्ड हर्ट फेडरेशन के अनुसार, समय से पूर्व होने वाली मौंते कम-से-कम 80 प्रतिशत हृदय रोगों के कारण होती है।
डॉ. अंकित माथुर, सीनियर कार्डियक सर्जन, नारायणा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल जयपुर ने बताया कि आज छोटी उम्र से लेकर बुजर्गों तक में हृदय से जुड़ी समस्याएं होना आम बात हो गई है। इसके लिए हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं, क्योंकि हमारी अव्यवस्थित दिनचर्या, तनाव, गलत खान-पान, पर्यावरण प्रदूषण आदि कई ऐसे कारण है जिनके कारण हमें हार्ट से संबंधित बीमारियां होती है। इन्ही कारणों से आज देश में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। वैसे देखा जाए तो अधिकांश मामलों में हृदय रोग का प्रमुख कारण तनाव, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं दिल से जुड़े रोगों को जन्म देती है। उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया में दिल के दौरे से हर साल 1 करोड़ से भी अधिक लोगों की मौत हो जाती है, और इनमें से 50 प्रतिशत लोग अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। अत: हृदय रोग मौत की एक अहम वजह बन चुका है।
डॉ. अंकित माथुर ने बताया कि हृदय रोगों का तेजी से बढ़ना और उससे होने वाली मौतों के आंकड़ों को देखते हुए, हृदय के प्रति गंभीर रवैया अपनाने की आवश्यकता है। इसके लिए जरूरी है के हृदय के प्रति कुछ सावधानियां अपनाई जाए, और उनका सख्ती से पालन किया जाए। इन सभी बीमारियों से बचने के लिए स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना व सावधानी रखना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि कुछ सामान्य से उपायों को कर हम अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं, इसके लिए...
तनावमुक्त जीवन जिएं। तनाव अधिक होने पर योगा व ध्यान के द्वारा इस पर नियंत्रण करें। स्वस्थ शरीर और दिल के लिए भरपूर नींद लें। प्रतिदिन अन्य कार्यों की तरह ही व्यायाम के लिए भी समय निकालें। सुबह और शाम के समय पैदल चलें या सैर पर जाएं। भोजन में नमक और वसा की मात्रा कम कर लें। ताजे फल और सब्जियों को आहार में शामिल करें।अस्वास्थकर आहार, तंबाकू का उपयोग, शारीरिक गतिविधि की कमी और शराब के उपयोग कम करे।
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