चावल पर सूक्ष्म लेखन कलाकार निरु छाबडा ने दिया प्रकृति बचाने का संदेश
जयपुर - पर्यावरण जागरूकता अभियान '' धरती का आवरण-ये सुन्दर पर्यावरण '' के अन्तर्गत चावल पर सूक्ष्म लेखन कलाकार निरु छाबडा द्वारा चलाए जा रहे 24 दिवसीय पर्यावरण जागरूकता अभियान को खासा समर्थन मिल रहा है। इस अभियान के अंतर्गत बनाई हुई कलाकृतियों का कई ख्यातनाम लोगो, राजनीतिज्ञ व प्रशासनिक तथा समाज बन्धुओं ने अवलोकन किया। इसी कडी में शनिवार को एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फाॅर हैण्डीक्राफ्ट के पूर्व अध्यक्ष, ईपीसीएम के मेट्रोशिप ग्रुप में नार्थ वेस्ट रीजन (राजस्थान - मध्य प्रदेश) के संयोजक, उद्योगपति एवं निर्यातक लेखराज माहेश्वरी ने सुक्ष्म लेखन कला व कलाकृतियों का अवलोकन किया। इस मौके पर दर्शक पंजिका पुस्तिका में अपने विचार व्यक्त करते हुए इस कला व अभियान की भरपूर प्रशंसा की।
इस मौके पर श्रीमति छाबड़ा ने चावल पर लिखा '' प्रकृति देती सबको उतना, जितना सबके लिए जरुरी। पर लोगो की जरुरतों को कर न सकेगी प्रकृति पूरी।। '' परिग्रह के कारण ही आज हम, कितनी समस्याओं से है ग्रस्त, हमारा व प्रकृति का अस्तित्व दाव पर लग रहा है। अपरिग्रह से ही हम अपना व नई पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित बना सकते हैं। हम अपने आपको व नई पीढ़ी के भविष्य को अपरिग्रह से ही बचा सकते हैं।
श्री माहेश्वरी ने '' परिग्रह से अपरिग्रह '' कृति, जिस पर प्रकृति बचाने का संदेश लिखा था को अनमोल बताया। उन्होंने कहा कि आज प्रकृति व पर्यावरण को बचाने की आवश्यकता है। ऐसे समय में श्रीमती निरु छाबड़ा द्वारा चावल पर इतना सुन्दर लेखन कार्य निश्चय ही पर्यावरण संरक्षण एवं पृथ्वी बचाओ का संदेश देता है
निरु छाबडा ने" जल बचाओ " लिखा चावल भेट किया। इस मौके पर कंसल्टेंट रोहित जैन, चार्टर्ड एकाउंटेंट मोहित पाटनी सहित परिवार के प्रदीप छाबड़ा, प्रमोद छाबड़ा व अन्य परिवारजन उपस्थित थे। निरु छाबडा 25 जुलाई को राजस्थान के 92 वर्षीय वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण चन्द्र छाबड़ा को उनके जन्मदिन पर “धरती का आवरण-ये सुन्दर पर्यावरण” कलाकृति भेंट कर इस अभियान को संपन्न करेंगी | निरू देश में एक चावल पर ब्रश से 108 अक्षर लिखने व कलाकृतियाँ बनाने वाली पहली महिला कलाकार हैं |
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