० अजय खरे ०
रीवा . केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार के दौरान कई पुराने चेहरों का इस्तीफा लिया गया है . मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में शामिल होने वाले नेताओं में बड़ी संख्या में नए चेहरे हैं . इस बात को लेकर समाजवादी जन परिषद के नेता अजय खरे ने कहा है कि मोदी सरकार मंत्रिमंडल के इस बड़े विस्तार को ऐसा बता रही है जैसे वह कुछ नया करने जा रही हो . मंत्रिमंडल में बदलाव तो एक दिखावा है , बदलना तो व्यवस्था चाहिए .
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा केंद्रीय मंत्रिमंडल में किए गए बड़े फेरबदल से मौजूदा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होने वाला है . इस तरह का भारी-भरकम मंत्रिमंडल कोरोना काल के अत्यंत संवेदनशील समय में देश की अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ एवं फिजूलखर्ची है .
यह तो इस कोठे का धान , उस कोठे में धरे वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है . अगले वर्ष सन 2022 में उत्तर प्रदेश सहित 6 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं और आगे 2024 में लोकसभा चुनाव हैं , इन सब बातों को मद्देनजर रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों के धार्मिक सामाजिक जातीय आधार पर वोटों के ध्रुवीकरण को साधने के लिए मंत्रिमंडल विस्तारित किया गया है .
सन 2014 से अभी तक मोदी सरकार को 7 साल से अधिक समय हो गया है लेकिन यह सरकार किसी भी मोर्चे में सफल नहीं रही है . गरीब और गरीब हुआ है वहीं अमीर और अमीर हुआ है .विभिन्न मोर्चों में सरकार की विफलता के चलते पूरे देश में जन आक्रोश है . मंत्रिमंडल के इस विस्तार से बड़े पैमाने पर परेशान हो रहे लोगों का गुस्सा शांत होने वाला नहीं है . मोदी सरकार ने देश में अघोषित आपातकाल के हालात बना दिए हैं . संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट किया जा रहा है , ऐसी स्थिति में देश के लोकतंत्र को भारी खतरा पैदा हो गया है .
एक टिप्पणी भेजें