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ईपीसीएच ने सदस्य निर्यातकों के लिए जागरुकता वेबिनार “ हाउ टु इंक्रीज प्रॉफिट इन योर पॉकेट बाय यूजिंग- सोलर एनर्जी”

० आशा पटेल ० 

नई दिल्ली- हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने जूम प्लेटफार्म पर सदस्य निर्यातकों के लिए वर्चुअल मोड पर जागरुकता वेबिनार “हाउ टु इंक्रीज प्रॉफिट इन योर पॉकेट बाय यूजिंग- सोलर एनर्जी” का सफल आयोजन किया। इस आयोजन में ईपीसीएच के हाल में अध्यक्ष रहे श्री रवि के पासी और जयपुर, जोधपुर, मुरादाबाद, मुंबई, उत्तर-पूर्वी राज्यों, दिल्ली एनसीआर, नरसापुर, बैंगलोर समेत देश के कोने कोने से बड़ी संख्या में सदस्य निर्यातक मौजूद रहे। इनके साथ ही अतिथि संकाय के रूप में सुश्री रुचि भांबरी और बीएसईएस के श्री नवीन नागपाल मुख्य अतिथि संकाय के रूप में उपरोक्त जागरूकता वेबिनार सत्र में उपस्थित थे। ईपीसीएच के महानिदेशक डॉक्टर राकेश कुमार ने जानकारी दी कि सुश्री रुचि भांबरी अतिथि संकाय और श्री नवीन नागपाल ने स्थायी सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अपने विशाल अनुभव को वेबिनार के जरिए सदस्य निर्यातकों से साझा किया।

वेबिनार के दौरान, सुश्री रुचि भांबरी, अतिथि संकाय ने सौर ऊर्जा के उपयोग और उसके महत्व के बारे में जानकारी दी। सौर्य उर्जा अब उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए सबसे प्रभावी और स्वीकार्य विकल्प बन गयी है क्योंकि इस ऊर्जा से जुड़ी प्रौद्योगिकी सुधरने से इसकी लागत भी कम हो गई है। पारंपरिक ईंधन, तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और भविष्य में इनमें तेजी की उम्मीद है ऐसे में सौर्य उर्जा से लाभ कमाने के कई अवसर उपलब्ध हो गये हैं। सुश्री भांबरी ने प्रतिभागियों को बताया कि सौर ऊर्जा आमतौर पर सूर्य से प्रकाश ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करके काम करती है। 

ये बिजली फोटोवोल्टिक (पीवी) ऊर्जा फ्लैट सौर पैनलों का उपयोग करके बनाई जाती है जिन्हें घरों की छत, संरचना पर लगाया जा सकता है या खुली जगहों पर रखा जा सकता है। एक अन्य विधि, जिसे थर्मल सोलर के रूप में जाना जाता है, उसमें पानी को भाप में बदलने के लिए सूर्य की ऊर्जा को एक बिंदु पर केंद्रित करने के लिए शीशों की एक श्रृंखला का उपयोग किया जाता है । भाप में परिवर्तित होते ही यही भाप टरबाइन को बदल देती है। उपभोक्ता और व्यावसायिक उपयोग के लिए, फोटोवोल्टिक सौर पैनल आजकल ज्यादा प्रचलित और लोकप्रिय है।

.सुश्री भांबरी ने वेबिनार के दौरान आगे उल्लेख किया कि अधिकांश फैक्ट्रियां दिन के समय चलती हैं और टीओडी (टाइम ऑफ डे) शुल्क के अनुसार बिजली की लागत दोपहर में सबसे अधिक होती है और सौर ऊर्जा के जरिये सबसे ज्यादा बिजली पैदा करने के लिेय भी यही सबसे अच्छा समय है। अगर कोई निर्यातक अपने काम या बिजनेस का विस्तार करना चाहता है, तो उसे लोड बढ़ाने की जरुरत होती है इसके लिए नए केबल लगाने होंगी
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