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जालौर की महिलाओं के लिए बनना चाहती हूं प्रेरणास्त्रोतः बीनू देवल

० आशा पटेल ० 

 जयपुरः महिला साक्षरता के मामले में जालौर सबसे पीछे है ऐसे में मैं उम्मीद करती हूं कि मेरी सफलता वहां की महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगी। चूंकि मेरी नियुक्ति सब-डिविज़नल मजिस्ट्रेट के पद पर होगी इसलिए मेरी कोशिश रहेगी कि मैं महिला साक्षरता, सशक्तिकरण एवं सुरक्षा पर काम करूं। यह कहना है आई आई एस डीम्ड विश्वविद्यालय की छात्रा बीनू देवल का जिसने हाल ही में आए राजस्थान लोक सेवा आयोग परीक्षा परिणामों में आठवीं रैंक हासिल की है। 

गौरतलब है कि बीनू ने स्नातक व स्नातकोत्तर की शिक्षा आईआईएस विश्वविद्यालय से ली है। विश्वविद्यालय में अपने शुरूआती दिनों को याद करते हुए बीनू बताती हैं कि आरएएस बनने का बीज आईआईएस विश्वविद्यालय में ही पनपा था जब वो एमबीए-एचआर का कोर्स कर रही थीं। शिक्षकों ने बीनू की काबीलियत को देखते हुए विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिविल सर्विस प्रेपरेटरी क्लासेस में दाखिला लेने की सलाह दी। बीनू का मानना है कि यह विश्वविद्यालय के शिक्षकों रिद्धसिद्ध सिंह और प्रियंका रघुवंशी का उनपर भरोसा व उनके द्वारा दिए गए सही मार्गदर्शन का ही नतीजा था कि उन्होंने पहले ही प्रयास में सिर्फ एक माह की तैयारी में ही प्री-लिम्स उत्तीर्ण कर लिया था। 

ज्ञात हो कि बीनू का यह दूसरा प्रयास है जिसमें उन्होंने आठवीं रैंक हासिल की है। इससे पहले बीनू 2016 में भी यह परीक्षा उत्तीर्ण कर चुकी थी जिसमें उनकी रैंक कुछ अच्छी नहीं थी। इस पर बीनू बताती हैं कि पहले प्रयास की रैंक ने उन्होंने अस्मंजस में डाल दिया था कि वो सरकारी नौकरी का प्रयास करें या फिर प्राइवेट नौकरी हासिलकर अपना भविष्य बनाए। बीनू ने एक मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में कुछ दिनों के लिए टीचिंग भी की थी लेकिन वहां उनका मन नहीं लगा।  बीनू ने कहा कि पहले प्रयास में मैंने ज़्यादा अच्छे से तैयारी नहीं की थी तो सोचा क्यों न इस बार पूरी लगन के साथ तैयारी करके देखूं और अंततः मेरी मेहनत रंग लाई।

इस खुशी के अवसर पर संेटर की कोआॅर्डिनेटर रिद्धसिद्ध सिंह ने बीनू को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि बीनू एक बहुत ही होशियार और मेहनतपरस्त लड़की है और हमें उम्मीद थी कि वो इस परीक्षा में ज़रूर ज़रूर सफलता हासिल करेगी। सिंह ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिविल सर्विस प्रेपरेटरी क्लासेस में हमारी कोशिश यही रहती है कि बच्चे पहले ही प्रयास में परीक्षा उत्तीर्ण कर लें। गौरतलब है कि पिछले आठ सालों में अभी तक कई छात्राएं न केवल आरपीएससी बल्कि यूपीएससी व पंजाब लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं उत्तीर्ण करके महत्वपूर्ण कार्यभाल संभाल रही हैं। 

आरएएस अभिलाषियों के लिए बीनू बताती हैं कि उन्होंने वीकली टाईमटेबल बनाकर टॉपिक के अनुसार पढ़ाई की और टेस्ट सीरिज़ पर फोकस किया। हालांकि बीनू को सफलता प्राप्त हुई है परन्तु बीनू की मंज़िल आईएएस बनना है जिसकी तैयारी वो जल्द ही शुरू करेंगी।  बीनू की सफलता पर विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ अशोक गुप्ता ने उन्हें ढ़ेर सारी शुभकामनाएं प्रेषित कीं साथ ही उन्होंने कहा कि बीनू विश्वविद्यालय की छात्राओं के लिए भी प्रेरणास्त्रोत रहेंगी एवं साथ ही भविष्य में उनका मार्गदर्शन अपेक्षित है।

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