जयपुर। भारतीय खाद्य निगम ने प्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2021-22 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीद प्रक्रिया में 23.40 लाख मैट्रिक टन गेहूँ की खरीद की है, जो राजस्थान क्षेत्र में अब तक की सर्वाधिक गेहूँ खरीद है | भारतीय खाद्य निगम ने महामारी के दौरान उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार के साथ मिलकर गेहूँ खरीद के निर्धारित लक्ष्य से अधिक खरीद कर प्रदेश में गेहूं खरीद का एक नया रिकार्ड बनाया है| यह जानकारी एफसीआई के राजस्थान क्षेत्र के महाप्रबंधक श्री संजीव भास्कर ने प्रेस वार्ता के दौरान दी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में गेहूँ कि बम्पर पैदावार के मध्यनजर पूर्व निर्धारित खरीद लक्ष्य 22 लाख मैट्रिक टन को बढाकर 23.25 लाख मैट्रिक टन किया गया था एफसीआई ने संशोधित खरीद लक्ष्य को भी प्राप्त करते हुए अप्रत्याशित रूप से गेहूँ खरीद कर प्रदेश में गेहूँ खरीद कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है | इस वर्ष गेहूँ खरीद से 02.27 लाख किसान लाभान्वित हुए है, जिनके बैंक खातों में लगभग 4500 करोड़ रूपये का भुगतान डिजिटल माध्यम से किया जा चुका है |
इसके साथ ही उन्होंने मीडिया को जानकारी दी कि एफसीआई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत नियमित रूप से खाद्यान्न जारी कर रहा है | इस योजना में लाभार्थियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आवंटित खाद्यान्न के अतिरिक्त 05 किलो प्रति व्यक्ति प्रतिमाह खाद्यान्न निशुल्क: जारी किया जाता है | प्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तीसरे चरण के अंतर्गत मई एवं जून माह हेतु आवंटित 04.18 लाख मैट्रिक टन गेहूँ राज्य सरकार को जारी कर दिया गया है, जिसका अनुमानित मूल्य 1045 करोड़ रूपये है | इस योजना का संपूर्ण खर्चा भारत सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है | भारत सरकार ने इस योजना के चौथे चरण की भी घोषणा करते हुए इसे आगामी पांच माह हेतु बढाया है जिसके तहत लाभार्थियों को जुलाई से नवम्बर तक खाद्यान्न जारी किया जाना है |
उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि एफसीआई के पास सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य खाद्य योजनाओं के अंतर्गत जारी करने हेतु पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध है | कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश में खाद्यान्न की सुचारू रूप से खरीद, परिचालन एवं निर्गमन हेतु निगम के कार्मिक एवं श्रमिकों ने कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करते हुए निरंतर कार्य कर निगम की विशिष्ठ महत्वता स्थापित की है, जिसके लिए निगम कार्मिक धन्यवाद के पात्र है | निगम अपने कार्मिकों की सुरक्षा हेतु प्रतिबद्ध है, जिस हेतु कोरोना काल के संकट दौरान निगम अपने कार्मिकों को जीवन बीमा सुरक्षा उपलब्ध करवा रहा है, जिसके तहत निगम कार्मिक अथवा श्रमिक की कोरोना बीमारी से मौत हो जाती है तो उसे श्रेणी अनुसार 15 से 35 लाख तक का बीमा कवर दिया जा रहा है | साथ ही कार्मिकों की सुरक्षा हेतु निगम द्वारा आवश्यकता अनुसार थर्मोगन, सेनेटाइजर, मास्क एवं ग्लव्स उपलब्ध करवाए गए।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में गेहूँ कि बम्पर पैदावार के मध्यनजर पूर्व निर्धारित खरीद लक्ष्य 22 लाख मैट्रिक टन को बढाकर 23.25 लाख मैट्रिक टन किया गया था एफसीआई ने संशोधित खरीद लक्ष्य को भी प्राप्त करते हुए अप्रत्याशित रूप से गेहूँ खरीद कर प्रदेश में गेहूँ खरीद कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है | इस वर्ष गेहूँ खरीद से 02.27 लाख किसान लाभान्वित हुए है, जिनके बैंक खातों में लगभग 4500 करोड़ रूपये का भुगतान डिजिटल माध्यम से किया जा चुका है |
इसके साथ ही उन्होंने मीडिया को जानकारी दी कि एफसीआई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत नियमित रूप से खाद्यान्न जारी कर रहा है | इस योजना में लाभार्थियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आवंटित खाद्यान्न के अतिरिक्त 05 किलो प्रति व्यक्ति प्रतिमाह खाद्यान्न निशुल्क: जारी किया जाता है | प्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तीसरे चरण के अंतर्गत मई एवं जून माह हेतु आवंटित 04.18 लाख मैट्रिक टन गेहूँ राज्य सरकार को जारी कर दिया गया है, जिसका अनुमानित मूल्य 1045 करोड़ रूपये है | इस योजना का संपूर्ण खर्चा भारत सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है | भारत सरकार ने इस योजना के चौथे चरण की भी घोषणा करते हुए इसे आगामी पांच माह हेतु बढाया है जिसके तहत लाभार्थियों को जुलाई से नवम्बर तक खाद्यान्न जारी किया जाना है |
उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि एफसीआई के पास सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य खाद्य योजनाओं के अंतर्गत जारी करने हेतु पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध है | कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश में खाद्यान्न की सुचारू रूप से खरीद, परिचालन एवं निर्गमन हेतु निगम के कार्मिक एवं श्रमिकों ने कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करते हुए निरंतर कार्य कर निगम की विशिष्ठ महत्वता स्थापित की है, जिसके लिए निगम कार्मिक धन्यवाद के पात्र है | निगम अपने कार्मिकों की सुरक्षा हेतु प्रतिबद्ध है, जिस हेतु कोरोना काल के संकट दौरान निगम अपने कार्मिकों को जीवन बीमा सुरक्षा उपलब्ध करवा रहा है, जिसके तहत निगम कार्मिक अथवा श्रमिक की कोरोना बीमारी से मौत हो जाती है तो उसे श्रेणी अनुसार 15 से 35 लाख तक का बीमा कवर दिया जा रहा है | साथ ही कार्मिकों की सुरक्षा हेतु निगम द्वारा आवश्यकता अनुसार थर्मोगन, सेनेटाइजर, मास्क एवं ग्लव्स उपलब्ध करवाए गए।
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