Halloween Costume ideas 2015

मुद्रास्फीति में संतुलन हेतु आरबीआई नीति से वैश्विक आयात कीमतों से बढ़ सकता है महंगाई पर दबाव : शरद कुमार सराफ

sharad saraaf.jpg
० आशा पटेल ० 

जयपुर - आरबीआई द्वारा 4 जून को घोषित मौद्रिक नीति पर टिप्पणी करते हुए, फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ का कहना है कि विकास दर और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन की जरूरत को देखते हुए प्रमुख दरों में कोई बदलाव नहीं होने का पहले से अनुमान था, क्योंकि कमोडिटीज की वैश्विक आयात कीमतों में बढ़ोतरी के चलते आगे मुद्रास्फीति पर दबाव बना रहेगा।
fieo logo.jpg

सराफ ने आरबीआई के इस आकलन पर सहमति जताई कि निर्यात के लिए ज्यादा और लक्षित नीतिगत समर्थन की जरूरत है और गुणवत्ता व बढ़ोतरी पर जोर के साथ नीतिगत समर्थन देने के लिए यह अच्छा समय है। उन्होंने कहा कि निर्यात में पर्याप्त मुनाफा होने की स्थिति में ही बढ़ोतरी के लिए प्रयास किया जा सकता है, जिसे आगे विस्तार और उन्नयन यानी अपग्रेडेशन में लगाया जा सकता है। हालांकि, निर्यात मूल्य में बढ़ोतरी के बिना कच्चे माल की कीमतों और माल ढुलाई की लागत बढ़ने से वर्तमान में मुनाफा मार्जिन खासा घट गया है। उन्होंने अनुरोध किया कि आरओडीटीईपी (रोडटेप) दरें अधिसूचित करने, एमईआईएस और एसईआईएस दरें जारी करने, इंटरेस्ट इक्वलाइजेशन बेनिफिट्स के विस्तार और गैर वित्तीय सुविधाएं देकर एक स्थायी नीतिगत ढांचा उपलब्ध कराया जा सकता है।

फियो के अध्यक्ष ने बताया कि आरबीआई के सुझाव पर सहमत होने और एमएसएमई, गैर एमएसएमई छोटे कारोबारियों के लिए अधिकतम कर्ज सीमा 25 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करके रिजॉल्युशन फ्रेमवर्क 2.0 योजना के तहत कर्ज लेने वालों के कवरेज में विस्तार के लिए आरबीआई का आभार प्रकट किया है।

हालांकि फियो प्रमुख ने आरबीआई और सरकार से दूसरों के अलावा एमएसएमई के फायदे के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त उधारी सीमा के विस्तार का अनुरोध किया है, जो ईसीएलजीएस 1.0 से ईसीएलजीएस 2.0 के तहत उपलब्ध कराया गया है।
Labels:

एक टिप्पणी भेजें

MKRdezign

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *

Blogger द्वारा संचालित.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget