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ब्लैक फंगस ने निगल ली पत्रकार तनवीर अहमद की जिंदगी

० आशा पटेल ० 

जयपुर। राजस्थान के पत्रकार माणक अलकंरण से सम्मानित भाई तनवीर अहमद का ब्लैक फंगस की वजह से 2 जून को निधन हो गया। वे जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती थे। तनवीर के भाई शकील अहमद ने मुझे बताया कि 31 मई को उनका नाक, कान और गले का ऑपरेशन हुआ था, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद भी उनको बचाया न जा सका। वे 42 वर्ष के थे।

मैरा तनवीर से लगभग 20 -25 साल पुरानी मुलाकात थी। जब मैं  सुभाष चौक रहती थी, तब वह मैरा पडोसी था इस लिए अक्सर मुलाकात होती थी।यह बात तब की है जब वह किसी बड़े समाचार पत्र से जुड़ा भी नहीं था। हाँ राजस्थान लीडर उर्दू में जरूर किताबत का काम और उर्दू में अनुवाद का काम करता था।

तनवीर के परिवार में माता-पिता, पत्नी और दो पुत्र हैं । तनवीर कुछ माह पहले किडनी संबंधित बीमारी से भी पीडित रह चुके थे। उनकी माताजी ने अपनी एक किडनी देकर उनका ट्रांसप्लांट कराया था, जिसके बाद वे किडनी की बीमारी से पूरी तरह ठीक हो चुके थे, लेकिन कुछ दिन पूर्व उनकी तबियत बिगड़ी, तो टेस्ट के जरिए पता चला कि उन्हें कोरोना संक्रमण ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। 

इसके बाद उपचार के लिए उन्हें जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल ले जाया गया, जहां इसी दौरान उन्हें ब्लैक फंगस हो गया, जिसके बाद उनके नाक, कान और गले का ऑपरेशन हुआ। इसके बाद से ही वे आईसीयू में थे। 2 जून को दोपहर बाद करीब 3 बजे मुझे ये खबर आयी कि वे जिंदगी की जंग हार गए।मुझे बड़ा सदमा लगा ,मेरे आखों के सामने उसका हँसता चेहरा उभर आया। पूरे पत्रकार जगत में यह खबर बिजली की माफिक फैल गई। उसके पत्रकार मित्रों में शोक का माहौल है।

तनवीर अहमद ने ‘राजस्थान लीडर, ‘जयपुर का फरिश्ता’, ‘राजस्थान पत्रिका’, ‘डेली न्यूज’, ‘दैनिक भास्कर’, ‘नेशनल दुनिया’, ‘ई टीवी राजस्थान’, ‘फर्स्ट इंडिया न्यूज’ सहित कई अन्य मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएं दी थी ।पत्रकार तनवीर अहमद के निधन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई नेताओं, पत्रकार संगठनों, बुद्विजीवियों और शुभचिंतकों ने अपनी संवेदना व्यक्त की हैं। सेतु प्रकाशन समूह परिवार की और से श्रद्धाञ्जलि ।
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