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जीजेईपीसी ने 180 दिनों के लिए भारतीय आभूषणों पर शुल्क निलंबित करने के USTR के फैसले की सराहना की


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० आशा पटेल ० 

मुंबई :ऑस्ट्रिया, इटली, स्पेन और तुर्की द्वारा अपनाए गए डिजिटल सेवा कर (डिजिटल सर्विस टैक्सेज - डीएसटी) की एक साल की धारा 301 जांच के समापन की घोषणा करते हुए, संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) ने माल पर टैरिफ को निलंबित कर दिया है। इन देशों को ओईसीडी और G20 प्रक्रिया में अंतर्राष्ट्रीय कराधान पर चल रही बहुपक्षीय वार्ताओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करने के लिए 180 दिनों तक का समय दिया गया है।

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जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि, " मैं USTR को पब्लिक हियरिंग में भारतीय रत्न तथा आभूषण उद्योग को अपने विचार साझा करने और हमारे प्रतिनिधित्व पर विचार करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। सुनवाई में अधिकांश वक्ताओं का विचार था कि बहुपक्षीय समाधान एक बेहतर विकल्प होगा, क्योंकि एकतरफा कार्रवाई विश्व व्यापार संगठन के तहत डिस्प्यूट सेटलमेंट मैकेनिज्म को कमजोर करती है। 180 दिनों तक के लिए माल पर टैरिफ का निलंबन इस बात का संकेत है कि यूएसटीआर डिस्प्यूट सेटलमेंट मैकेनिज्म (डीएसटी) के लिए बहुपक्षीय समाधान मिलने तक इंतजार करने को तैयार है।

कॉलिन शाह ने कहा, “17 भारतीय आभूषण वस्तुओं पर प्रस्तावित 25% आयात शुल्क लगाने से इस लेबर इंटेंसिव सेक्टर पर अत्यधिक प्रभाव पड़ेगा, जिसमें नौकरियों और आजीविका का नुकसान होगा और व्यापार चीन और मैक्सिको जैसे देशों में ट्रांसफर हो जाएगा। अमेरिकी ज्वैलरी कंपनियां भी भारतीय कंपनियों पर लंबे समय तक क्रेडिट और मेमो सुविधाएं देकर अपने कारोबार को वित्तपोषित करने के लिए बैंक (वित्तीय सहायता) करती हैं, जिसका बड़ा असर होगा। भारतीय कंपनियों ने अमेरिका के आसपास अनुमानित 500 कार्यालय स्थापित किए हैं जो स्थानीय लोगों को हजारों उच्च-भुगतान वाली वाइट- कालर नौकरियां प्रदान करते हैं; शुल्क लगाने से ये सभी नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं क्योंकि भारत-अमेरिका आभूषण व्यवसाय अव्यावहारिक हो जाएगा।

उद्योग की ओर से USTR को दिए गए प्रतिनिधित्व के लिए भारत सरकार, विशेष रूप से वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का , सरकार का आभार व्यक्त करता हूं। लेबर इंटेंसिव सेक्टर भारतीय रत्न और आभूषण उद्योग पर प्रस्तावित 25% आयात शुल्क लगाने के प्रतिकूल प्रभाव से अवगत कराते हुए मंत्रालय USTR के साथ लगातार संपर्क में है।

भारत में रत्न और आभूषण व्यापार की शीर्ष संस्था जीजेईपीसी ने भी कई हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत की और इस कदम के बारे में अवगत कराया। 29 मार्च, 2021 को भारत सरकार को एक विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी, व्यापार के साथ वेबिनार और बैठकों की श्रृंखला आयोजित की गई; और प्राप्त इनपुट के आधार पर, एक व्यापक गाइड तैयार किया गया था, और सभी सदस्यों को प्रदान किया गया था।

यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेन्टेटिव (यूएसटीआर) मल्टी -जुरिस्डिक्शनल 10 मई को आयोजित सुनवाई में, जीजेईपीसी ने अन्य प्रमुख व्यापार निकायों और रत्न और आभूषण क्षेत्र के प्रमुख निर्यातकों के साथ 17 भारतीय आभूषण आइटम पर प्रस्तावित 25% आयात शुल्क पर भारतीय उद्योग की शिकायतों का प्रतिनिधित्व किया।अमेरिका रत्न और आभूषण उत्पादों के लिए भारत का प्रमुख निर्यात बाजार है। लगभग 9.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात अमेरिका के बाजार में जाता है, जो देश से 36 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल रत्न और आभूषण निर्यात का 25.6% है। 25% आयात शुल्क लगाने से लगभग 46 मिलियन अमेरिकी डॉलर से 53 मिलियन अमेरिकी डॉलर के रत्न और आभूषण निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता और यह देश के सबसे लेबर इंटेंसिव और निर्यात क्षेत्र के लिए एक और झटका है।
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