"राजस्थान में 44 हजार राजस्व गांव है और डेयरी नेटवर्क को ग्राम स्तर तक जोड़ने के लिए रोडमेप तैयार कर उसका क्रियान्वयन किया जाएगा। मुख्यमंत्री गहलोत का सपना है कि राज्य का सहकारी डेयरी आंदोलन देश का अग्रणी आंदोलन बने और समूचे देश में हमारे डेयरी उत्पादों की पहुंच और पहचान हो"
जयपुर । माइंस व गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा है कि राज्य के डेयरी नेटवर्क को गांव गांव तक पहुचाते हुए प्रदेश के पषुपालकों को दूध का लाभकारी मूल्य दिलाने के साथ ही डेयरी उत्पादों के विपणन नेटवर्क को विस्तारित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए जहां प्रदेश में नई दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा, वहीं पहले चरण में 5 हजार डेयरी बूथों का प्राथमिकता से आवंटन किया जाएगा। माइंस व गोपालन मंत्री भाया वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जिला दुग्ध संघों के अध्यक्षों व अधिकारियों से रुबरु हो रहे थे।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थ व्यवस्था में खेती के साथ ही पषुपालन की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डेयरी नेटवर्क को विस्तारित करने पर जोर दिया है और अधिक से अधिक युवाओं को इससे जोड़कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 44 हजार राजस्व गांव है और मुख्यमंत्री गहलोत की मंशा के अनुसार डेयरी नेटवर्क को ग्राम स्तर तक जोड़ने के लिए रोडमेप तैयार कर उसका क्रियान्वयन किया जाएगा। मुख्यमंत्री गहलोत का सपना है कि राज्य का सहकारी डेयरी आंदोलन देश का अग्रणी आंदोलन बने और समूचे देश में हमारे डेयरी उत्पादों की पहुंच और पहचान हो। उन्होंने जिला संघों के अध्यक्षों से आग्रह किया कि हमें मुख्यमंत्री की भावना के अनुरुप आगे बढ़ने के लिए समन्वित प्रयास करने होंगे।
भाया ने कहा कि दूध और दूध उत्पाद सीधे आम आदमी के स्वास्थ्य से जुड़े हुए हैं ऐसे में प्रदेषवासियों को शुद्ध दूध उपलब्ध कराने के लिए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज सरस उत्पादों की पहचान है और सरस दूध के साथ ही छाछ, पनीर सहित अन्य उत्पादों की घर घर में मांग बढ़ी है। ऐसे में हमें दूध और इससे जुड़े अन्य उत्पादों के विपणन व्यवस्था में आधुनिक तकनीक के उपयोग, सहज उपलब्धता और व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल देना होगा। उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र में नवाचारों की विपुल संभावनाएं हैं और हमें नवाचारों को अपनाने और प्रोत्साहित करने के लिए तत्पर रहना होगा।
माइंस व गोपालन मत्री भाया ने कोरोना महामारी के कारण पिछले एक साल से भी अधिक समय से प्रभावित हालातों में लाकडाउन जैसी स्थिति में भी दूध संकलन और वितरण व्यवस्था के सफलतापूवर्क संचालन के लिए जिला संघों व आरसीडीएफ के पदाधिकारियों, अधिकारियों व कार्मिकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि डेयरी समितियों द्वारा पशुपालकों को अन्य सुविधाओं के साथ ही गुणवत्तायुक्त पशुआहार उपलब्ध कराया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि हमें दोहरे स्तर पर काम करना होगा जिसमें एक और दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने, सुचारु दूध संकलन व्यवस्था और पशुपालकों को निजी डेयरी संचालकों के शोषण से बचाकर लाभकारी मूल्य दिलाने और दूसरी और दूध सहित डेयरी उत्पादों की सहज उपलब्धता सुनिष्चित कर आमलोगों को सेवाएं उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि परस्पर सहयोग व समन्वय से यह संभव हो पाएगा।
वीडियों कान्फ्रेसिंग के दौरान डेयरी संघों के अध्यक्षों ने प्रदेश के सहकारी डेयरी आंदोलन के विकास और विस्तार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव देने के साथ ही विभिन्न समस्याओं की और भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने विश्वास दिलाया की राज्य के डेयरी संघ मुख्यमंत्री की आशाओं, अपेक्षाओं व निर्देशों की पालना में सहभागिता निभाते हुए खरे उतरेंगे।
वीडियो कान्फ्रेसिंग में गोपालन विभाग की सचिव डा. आरुषी मलिक ने विश्वास दिलाया कि डेयरी क्षेत्र में नवाचारों को प्रोत्साहित किया जाएगा व राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को तय समय सीमा में पूरा किया जाएगा। आरसीडीएफ के एमडी केएल स्वामी ने राज्य में डेयरी नेटवर्क और गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दीा वीडियो कान्फ्रेसिंग में जिला दुग्ध संघों के अध्यक्षों व डेयरी संघों और आरसीडीएफ के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
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