जो सत्ता के विकेन्द्रीकरण एवं जन भागीदारी के साथ गांवों को सुदृढ़ करने को समर्पित था। इसका परिणाम जहां अपूर्व आर्थिक केन्द्रीकरण के रूप में सामने आया और आर्थिक केन्द्रीकरण के सहारे सत्ता एवं शक्ति का केन्द्रीकरण घनीभूत हुआ। महज राज्यों के संघ से आगे भारत को पांच लाख गांवों के संघ की ओर ले जाने की आधुनिक भारत दृष्टि इसके साथ पूरी तरह औंधे मुंह हुई। वह मानते थे कि गांवों को सुदृढ़ किये बिना भारत को स्वावलंबी बनाने की कोई भी बात बेमानी है।
आयोजित वेबिनार में राज्य सह समन्वयक डॉ अनुज विलियमस ने बेबिनार के अध्यक्ष, सर्कल चेयरमैन एवं मननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का प्राप्त संदेश सब को पड़ कर सुनाया। विशिष्ट अतिथि के रूप में अ.भा.कांग्रेस कमेटी महासचिव श्री तारिक अनवर साहब ने कहाकि राजीव जी ने ग्रामीण विकास के साथ 21 सदी के अनुरुप युवा प्रतिभा निर्माण और विशेषतः ग्रामीण प्रतिभा प्रोत्साहन पर जोर दिया। डिजिटल इंडिया के वह जनक थे।
विशिष्ट अतिथि और राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डा.सी. पी.जोशी ने कहाकि आज की महामारी की चुनौतियों के दौर में ग्रामोन्मुखी राजीव गांधी माडल की प्रासंगिकता प्रमाणित हुई। उनकी राष्ट्रनिर्माण दृष्टि में सत्ता और अर्थ शक्ति का विकेन्द्रीकरण ही सुशासन की कसौटी है। पंचायतों को उन्होंने सहभागी राजनीतिक शक्ति के साथ संवैधानिक रूप देने के साथ आर्थिक शक्ति समर्थ बनाने की पहल की। बेबिनार में जहां सर्कल के प्रभारी राष्ट्रीय समन्वयक प्रो.सतीश राय (वाराणसी) के अतिरिक्त सर्कल के सह समन्वयक एवं राजस्थान शासन के मंत्री डा.सुभाष गर्ग ने अतिथियों एवं विद्वजनों का स्वागत किया,
वहीं राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी एवं कई वर्तमान एवं पूर्व कुलपतियों सहित तीन दर्जन विद्वान प्रतिभागियों ने सम्बोधित किया। लगभग चार घंटे चले बेबिनार में दो सौ प्रतिभागियों की भागीदारी के अतिरिक्त आठ सौ लोगों ने उसे फेसबुक पर लाइव देखा। सर्कल के दर्जनों राज्यों के समन्वयकों सहित प्रमुख लोगों ने विचार रखे। संचालन का दायित्व राजस्थान राज्य सह समन्वयक डा.अनुज विलियम्स (कोटा) ने निभाया।
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