० आशा पटेल ०
जोधपुर, देश के वरिष्ठ गांधीवादी सर्वोदय साधक एवं एकादश जीवनव्रती त्रिलोकचंद गुलेच्छा को 4 मई को गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र गांधी भवन की ओर से आयोजित वर्चुअल शोक सभा में भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित की गई। वक्ताओं ने कहा कि ‘बाऊजी‘ गांधी जीवन दर्शन के जीवन्त प्रतीमान थे। उन्होंने सेवा और सादगी के आदर्श को अपने जीवन में साकार करके दिखाया। ‘बाऊजी‘ की स्मृति हमें प्रेरणा देती रहेगी। शोक सभा में केंद्र के सचिव डाॅ0 भावेंद्र शरद जैन ने कहा कि ‘बाऊजी‘ सरल स्वभाव के धनी थे।
उनकी उपस्थिति मात्र से ही हमें ऊर्जा और उत्साह मिलता था। उनके देहावसान से हमने गांधी परिवार के एक वरिष्ठ सदस्य को खो दिया हैं। और पुरानी पीढ़ी का आखिरी स्तंभ भी ढह गया हैं। उपाध्यक्ष डाॅ0 ओमप्रकाश टाक ने कहा कि ‘बाऊजी‘ ने शुद्ध और प्रामाणिक जीवन जीया और गांधी दर्शन के मूल्यों को जीवन में उतारा। ‘बाऊजी‘ ने अपने रचनात्मक विचारों से अनेक संस्थाओं को खड़ा किया और उन्हें अपने मन प्राण से सींचा लेकिन वे कभी उन संस्थाओं से प्रति आसक्ति में नहीं बंधे। सहसचिव धर्मेश रूटिया ने कहा कि ‘बाऊजी‘ के लिए गांधीजी कर्म और आचरण का नाम था उन्होंने गांधीजी के एकादशव्रतों को जीवन में साकार किया। उनकी स्मृति दीप-स्तंभ की तरह हमें रास्ता दिखाती रहेगी।
उल्लेखनीय है कि गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र जोधपुर की अध्यक्ष आशा बोथरा ने पिता त्रिलोकचंद गुलेच्छा बाबूजी ने सादा जीवन और उच्च विचार को अपनाकर सादगी की मिसाल पेश की जो अनुकरणीय हैं। केंद्र के कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर अल्प शब्दों में ही अपना संदेश देते थे।
ऐसे कर्मयोगी को सभी सादर नमन करते हैं। इस वर्चुअल कार्यक्रम में दिल्ली से रमेशचंद शर्मा, रूपल बहन, केंद्र के आजीवन सदस्य अशोक चौधरी , बादलराज सिंघवी, देवेन्द्र नाथ मोदी, डाॅ0 पद्मजा शर्मा, डाॅ0 संध्या शुक्ल, राकेश गांधी, गिरधर मूंदडा, डाॅ0 रश्मि राठी, अधिवक्ता गौतम के0 गट्स, विश्व शांति एवं सद्भावना अभियान के राजेन्द्र सिंह गहलोत, गीता भट्टाचार्या, हेना भट्टाचार्या, प्रो0 कौशलनाथ उपाध्याय, रेणु वर्मा, प्रो0 रेणु शाह, मिठेश निर्माेही, डाॅ0 कमल मोहनोत, कविता शर्मा, दीप्ति कुलश्रेष्ठ, मनोहरसिंह चैहान, करणसिंह परिहार, नवीन चितारा, कमलेश सहित गांधीभवन के कार्यकर्ताओं, साहित्यकारों एवं शिक्षाविदों, गणमान्य सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा के प्रति श्रद्धांसुमन अर्पित किए ।
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