० आशा पटेल ०
इसमें प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व डिजिटल मीडिया शामिल हैं जो अपनी जान जोखिम में डाल अपने पत्रकारिता के धर्म को निभा रहे हैं। बावजूद इसके कि बहुत से पत्रकार कोरोना वायरस की चपेट में आकर अपनी जान भी गंवा चुके है फिर भी इस मुश्किल समय में वे अपने कर्तव्य को बखूबी निभा रहें है।
पीपीआई मांग करती है कि जैसे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु आदि राज्यों की सरकार पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित कर चुकी है, जिसमें उनके टीकाकरण व एक्सग्रेसिया के सभी लाभ शामिल है वैसे ही राजस्थान सरकार केवल अधिस्वीकृत पत्रकारों को ही नहीं बल्कि सभी पत्रकारों के प्रति समदर्शिता का भाव रखते हुए उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करें जिससे उन्हें सरकारी सहायता व अन्य लाभ मिल सकें।
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