० आशा पटेल ०
जयपुर। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश में 60 से अधिक स्थानों पर आॅक्सीजन प्लान्ट लगाये जाने के लिये नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के निर्देशों पर देश के प्रमुख आॅक्सीजन प्लान्ट निर्माताओं से विडियो काफ्रेसिंग के माध्यम से एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास विभाग कुंजीलाल मीणा, शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा, आयुक्त जयपुर विकास प्राधिकरण गौरव गोयल, निदेशक एवं विशिष्ठ सचिव स्वायत्त शासन विभाग दीपक नन्दी, मुख्य अभियन्ता भूपेन्द्र माथुर, नेशनल हेल्थ मिशन के अधिशाषी अभियन्ता अशोक गोयल एवं 11 देश के प्रमुख आॅक्सीजन प्लान्ट निर्माता मैं न्यूबर्ग इन्जिनियरिंग लि. नोएडा के आलोक शर्मा, मै. सेम गैस प्रोजेक्ट के श्री मो. अफसार, मै. गर्ग गैस अजमेर के महेन्द्र जोशी, मै. ओस मेडि कावया प्रा.लि. के चेतन्य गोयल, मै. यूनिसी इण्डिया प्रा.लि. की कु. दीक्षा, मै. मेडिकल केयर सिस्टम के पी.एस. कपूर, मै. एयर टूल जोधपुर के महेन्द्र जोशी, मै. प्रायोरोटक इल्केट्राॅनिक उदयपुर, मै. केन एनर्जी प्रा.लि. के विमल भारद्वाज, मै. सागर आॅक्सीजन के विशाल व्यास उपस्थित थे।
बैठक में नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने कहा कि वर्तमान में देश-प्रदेश में कोविड-19 की द्वितीय घातक लहर जारी है जिसके फलस्वरूप संक्रमितों को आॅक्सीजन की अत्याधिक आवश्यकता है। नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने निर्देश दिये है कि कोविड-19 की द्वितीय लहर के दृष्टिगत संक्रमितों की मेडिसिन आॅक्सीजन पर निर्भरता तेजी से बढ़ रही है। जिसके मध्येनजर राज्य की नगरीय निकायों, नगर विकास न्यास, प्राधिकरण अपने-अपने संस्थाधनों से एवं निजी संस्थानों द्वारा आॅक्सीजन व गैस संयत्र स्थापित करवाने की कार्यवाही करावें। उन्होनें कहा कि प्रदेश में 50 बेड, 100 बेड, 150 बेड, व 300 बेड के हास्पिटल है। जहाॅ प्रतिदिन एक बेड पर 2 से 3 आॅक्सीजन सिलेण्डर की आवश्यकता होती है। इसे देखते हुए जिला हॉस्पिटलों में 100 सिलेण्डर, 150 सिलेण्डर, 300 सिलेण्डर प्रतिदिन की क्षमता वाले तथा जयपुर व अन्य बड़े शहरों 800 से 1000 सिलेण्डर क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट लगाए जायँगे।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 वैश्विक माहमारी की दूसरी लहर को दृष्टिगत रखते हुए ऑक्सिजन प्लांट स्थापित करने एवं इसकी सहायक सामग्री क्रय करने के लिए नगरीय निकायों एवं अन्य उपापन संस्थाओं को आरटीपीपी एक्ट 2012 एवं नियम 2013 के प्रावधानों में राज्य सरकार द्वारा पूर्णतया छूट प्रदान की गई है। स्वास्थ्य विभाग एवं नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर ऑक्सिजन प्लांट लगवाये जाने के आदेश दिए गए है।
शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा ने बताया कि कोविड-19 की द्वितीय घातक लहर के मध्ये नजर प्रदेश में 60 से अधिक स्थानों पर जिला हाॅस्पिटल, मेडिकल काॅलेजों में विभिन्न केपेसिटी के आॅक्सीजन प्लांट लगवाये जाने है। प्रदेश में जिला हाॅस्पिटल, मेडिकल काॅलेज में लगवाये जाने वाले आॅक्सीजन प्लान्ट की क्षमता के लिये नगरीय निकायों, नगर विकास न्यासों एवं प्राधिकरणों से आज जानकारी प्राप्त हो जायेगी। उसी के अनुरूप आॅक्सीजन प्लान्ट लगवाये जायेंगे। आॅक्सीजन प्लान्ट आधुनिक तकनीक के होंगे। जिनमंे सीधे पाईप लाईन के माध्यम से अस्पतालों को आॅक्सीजन पहॅुचाने की सुविधा उपलब्ध होगी। कुछ प्लाटों में सिलेण्डर रिफील (फिलिंग प्लांट) की सुविधा भी रखी जायेगी। जिससे आॅक्सीजन की त्वरित मांग को पूरा किया जा सकेगा। यह सभी प्लान्ट दो माह में लगाये जा सकेंगे।
देथा ने बैठक में आॅक्सीजन प्लांट निर्माताओं से उनके द्वारा लगाये जाने वाले आॅक्सीजन प्लांट की क्षमता, टेक्नोलाॅजी उनके द्वारा अब तक कहाॅ-कहाॅ किस क्षमता के प्लान्ट लगाये है एवं कितने समय में कितने प्लान्ट लगाये जा सकते है कि जानकारी प्राप्त करते हुए निर्माताओं को मंगलवार सांयकाल तक उनके टेक्नों काॅमर्शियल प्रपोजल भिजवाने के लिये निर्देश दियें। उन्होनें बताया कि प्राप्त प्रस्तावों का तकनीकी अध्ययन कर माननीय मंत्री महोदय से विचार-विमर्श कर निर्देशानुसार आॅक्सीजन प्लान्ट के उत्कृष्ठ निर्माताओं को कार्यादेश देने की कार्यवाही की जावेगी।
जयपुर। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश में 60 से अधिक स्थानों पर आॅक्सीजन प्लान्ट लगाये जाने के लिये नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के निर्देशों पर देश के प्रमुख आॅक्सीजन प्लान्ट निर्माताओं से विडियो काफ्रेसिंग के माध्यम से एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास विभाग कुंजीलाल मीणा, शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा, आयुक्त जयपुर विकास प्राधिकरण गौरव गोयल, निदेशक एवं विशिष्ठ सचिव स्वायत्त शासन विभाग दीपक नन्दी, मुख्य अभियन्ता भूपेन्द्र माथुर, नेशनल हेल्थ मिशन के अधिशाषी अभियन्ता अशोक गोयल एवं 11 देश के प्रमुख आॅक्सीजन प्लान्ट निर्माता मैं न्यूबर्ग इन्जिनियरिंग लि. नोएडा के आलोक शर्मा, मै. सेम गैस प्रोजेक्ट के श्री मो. अफसार, मै. गर्ग गैस अजमेर के महेन्द्र जोशी, मै. ओस मेडि कावया प्रा.लि. के चेतन्य गोयल, मै. यूनिसी इण्डिया प्रा.लि. की कु. दीक्षा, मै. मेडिकल केयर सिस्टम के पी.एस. कपूर, मै. एयर टूल जोधपुर के महेन्द्र जोशी, मै. प्रायोरोटक इल्केट्राॅनिक उदयपुर, मै. केन एनर्जी प्रा.लि. के विमल भारद्वाज, मै. सागर आॅक्सीजन के विशाल व्यास उपस्थित थे।
बैठक में नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने कहा कि वर्तमान में देश-प्रदेश में कोविड-19 की द्वितीय घातक लहर जारी है जिसके फलस्वरूप संक्रमितों को आॅक्सीजन की अत्याधिक आवश्यकता है। नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने निर्देश दिये है कि कोविड-19 की द्वितीय लहर के दृष्टिगत संक्रमितों की मेडिसिन आॅक्सीजन पर निर्भरता तेजी से बढ़ रही है। जिसके मध्येनजर राज्य की नगरीय निकायों, नगर विकास न्यास, प्राधिकरण अपने-अपने संस्थाधनों से एवं निजी संस्थानों द्वारा आॅक्सीजन व गैस संयत्र स्थापित करवाने की कार्यवाही करावें। उन्होनें कहा कि प्रदेश में 50 बेड, 100 बेड, 150 बेड, व 300 बेड के हास्पिटल है। जहाॅ प्रतिदिन एक बेड पर 2 से 3 आॅक्सीजन सिलेण्डर की आवश्यकता होती है। इसे देखते हुए जिला हॉस्पिटलों में 100 सिलेण्डर, 150 सिलेण्डर, 300 सिलेण्डर प्रतिदिन की क्षमता वाले तथा जयपुर व अन्य बड़े शहरों 800 से 1000 सिलेण्डर क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट लगाए जायँगे।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 वैश्विक माहमारी की दूसरी लहर को दृष्टिगत रखते हुए ऑक्सिजन प्लांट स्थापित करने एवं इसकी सहायक सामग्री क्रय करने के लिए नगरीय निकायों एवं अन्य उपापन संस्थाओं को आरटीपीपी एक्ट 2012 एवं नियम 2013 के प्रावधानों में राज्य सरकार द्वारा पूर्णतया छूट प्रदान की गई है। स्वास्थ्य विभाग एवं नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर ऑक्सिजन प्लांट लगवाये जाने के आदेश दिए गए है।
शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा ने बताया कि कोविड-19 की द्वितीय घातक लहर के मध्ये नजर प्रदेश में 60 से अधिक स्थानों पर जिला हाॅस्पिटल, मेडिकल काॅलेजों में विभिन्न केपेसिटी के आॅक्सीजन प्लांट लगवाये जाने है। प्रदेश में जिला हाॅस्पिटल, मेडिकल काॅलेज में लगवाये जाने वाले आॅक्सीजन प्लान्ट की क्षमता के लिये नगरीय निकायों, नगर विकास न्यासों एवं प्राधिकरणों से आज जानकारी प्राप्त हो जायेगी। उसी के अनुरूप आॅक्सीजन प्लान्ट लगवाये जायेंगे। आॅक्सीजन प्लान्ट आधुनिक तकनीक के होंगे। जिनमंे सीधे पाईप लाईन के माध्यम से अस्पतालों को आॅक्सीजन पहॅुचाने की सुविधा उपलब्ध होगी। कुछ प्लाटों में सिलेण्डर रिफील (फिलिंग प्लांट) की सुविधा भी रखी जायेगी। जिससे आॅक्सीजन की त्वरित मांग को पूरा किया जा सकेगा। यह सभी प्लान्ट दो माह में लगाये जा सकेंगे।
देथा ने बैठक में आॅक्सीजन प्लांट निर्माताओं से उनके द्वारा लगाये जाने वाले आॅक्सीजन प्लांट की क्षमता, टेक्नोलाॅजी उनके द्वारा अब तक कहाॅ-कहाॅ किस क्षमता के प्लान्ट लगाये है एवं कितने समय में कितने प्लान्ट लगाये जा सकते है कि जानकारी प्राप्त करते हुए निर्माताओं को मंगलवार सांयकाल तक उनके टेक्नों काॅमर्शियल प्रपोजल भिजवाने के लिये निर्देश दियें। उन्होनें बताया कि प्राप्त प्रस्तावों का तकनीकी अध्ययन कर माननीय मंत्री महोदय से विचार-विमर्श कर निर्देशानुसार आॅक्सीजन प्लान्ट के उत्कृष्ठ निर्माताओं को कार्यादेश देने की कार्यवाही की जावेगी।
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