० संवाददाता द्वारा ०
भोपाल -भूटान के एच ई ड्यूक डॉ संतोष कुमार बिस्वा (संस्थापक,अध्यक्ष विश्व साहित्य मंच ) ने विश्व साहित्य फोरम शांति और मानवाधिकार के लिए वरिष्ठ लेखिका संतोष श्रीवास्तव को अंतर्राष्ट्रीय एंबेसडर के पद पर सुशोभित किया है।संतोष श्रीवास्तव भारत की जानी-मानी लेखिका है उनकी कहानी,उपन्यास,कविता,स्त्री विमर्श,संस्मरण,लघुकथा,साक्षात्कार,आत्मकथा की अब तक बीस किताबे प्रकाशित हो चुकी हैं।
उन्हें चार अंतरराष्ट्रीय ( मॉरीशस,कम्बोडिया ताशकन्द,बैंकॉक )तथा 21 राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार मिल चुके है। राजस्थान विश्वविद्यालय से पीएचडी की मानद उपाधि प्राप्त संतोष जी की "मुझे जन्म दो माँ" स्त्री के विभिन्न पहलुओं पर आधारित पुस्तक रिफरेंस बुक के रुप में विभिन्न विश्वविद्यालयों में सम्मिलित है।
संतोष की 6 पुस्तकों पर मुम्बई विश्वविद्यालय,एस एन डी टी महिला महाविद्यालय मुम्बई तथा डॉ आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से एम फिल हो चुका है ।अलवर ,लखनऊ ,यवतमाल और मेरठ के विश्वविद्यालयों में उनके साहित्य पर पीएचडी की जा रही है।उनकी कहानी " एक मुट्ठी आकाश "SRM विश्वविद्यालय चैन्नई में बी.ए. के कोर्स में तथा लघुकथाएं महाराष्ट्र राज्य के 11वीं की बालभारती में पढ़ाई जा रही हैं।
उनकी कहानियों ,लघुकथाओं, और उपन्यासों के अंग्रेजी, मराठी, सिंधी, पंजाबी, गुजराती, तेलुगू, मलयालम ,बांग्ला, ओड़िया, नेपाली, उर्दू ,छत्तीसगढ़ी भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं।राही सहयोग संस्थान रैंकिंग 2018 ,2019 और 2020 में वर्तमान में विश्व के टॉप 100 हिंदी लेखक लेखिकाओं में नाम शामिल है। भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा विश्व भर के प्रकाशन संस्थानों को शोध एवं तकनीकी प्रयोग( इलेक्ट्रॉनिक्स )हेतु देश की उच्चस्तरीय पुस्तकों के अंतर्गत उनके उपन्यास "मालवगढ़ की मालविका " का चयन किया गया है।
केंद्रीय अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार मित्रता संघ की वे मनोनीत सदस्य हैं । जिसके अंतर्गत 26 देशो की प्रतिनिधि के तौर पर हिंदी के प्रचार,प्रसार के लिए यात्रा की है। अंतर्राष्ट्रीय एंबेसेडर बनाए जाने के मौके पर संतोष ने कहा कि अब उनकी जिम्मेदारियां और भी अधिक बढ़ गई हैं ।इस संगठन से यूनाइटेड नेशन भी जुड़ा है।
एक टिप्पणी भेजें