० आशा पटेल ०
जयपुर। कला एवं संस्कृति विभाग, राजस्थान सरकार और जवाहर कला केंद्र (जेकेके) द्वारा जेकेके के फेसबुक पेज पर आयोजित 'आर्ट ऑफ एम्ब्रॉयडरी' पर ऑनलाइन वर्कशॉप का समापन हुआ। डॉ. मीना झाला द्वारा संचालित इस वर्कशॉप में दर्शकों ने डिजाइन कॉन्सेप्ट, विभिन्न प्रकार के स्टिचिज, थ्रीडी इफेक्ट, फिलिंग वर्क, डिजाइन एक्सप्लोरेशन, आदि के बारे में सीखा।
वर्कशॉप के आरंभ में प्रशिक्षक ने विभिन्न डिजाइन, कलर, स्टिचिज और बेस फैब्रिक के उपयोग से तैयार किए अपने कार्यों को प्रदर्शित किया। इनमें सिंगल सिल्क थ्रेड्स के उपयोग से तैयार स्टेम स्टिच वर्क, नॉटलेस एम्ब्रायडरी, चमकी वर्क, जरदौजी, बीड्स एवं स्पैंगल्स, कमल वर्क, एंटीक वर्क, जडतर विद फेदर, कोलम वर्क, ओपन चेन वर्क एवं ट्रेडिशनल वर्क के साथ-साथ रूमाल पर किए हुए कंटेम्पररी डिजाइन्स आदि भी शामिल थे।
उन्होंने थ्रीडी इफेक्ट तैयार करने, जियोमेटरिकल, नेचुरल और एमबॉस्ड डिजाइन्स के अतिरिक्त डिजाइन में एक्सेसरीज और स्पैस के बेहतरीन उपयोग के बारे में समझाया। कलर कॉम्बिनेशन के बारे में बताते हुए, उन्होंने कहा कि बेस के रूप में चमकीले रंगों का उपयोग करते समय, डिजाइन को उभारने के लिए धागे का चयन बेहद महत्वपूर्ण होता है। इसे बैलेंस करने के लिए डिज़ाइन में म्यूटिंग या बैलेंसिंग रंग का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने मर्जिंग और म्यूटिंग एम्ब्रॉयडरी की तकनीक के बारे में भी बताया। इस तकनीक में बैकग्राउन्ड पर अधिक फोकस होता है और एम्ब्रॉयडरी संतुलित रहती है।
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