⧭ नूरुद्दीन अंसारी ⧭
नई दिल्ली । भारत के अग्रणी वैलनेस ब्रांड, हिमालया ड्रग कंपनी ने क्लिनिकल अध्ययन के परिणाम जारी किए। यह क्लिनिकल अध्ययन हलके रोग एवं बिना लक्षण कोविड-19 पॉज़िटिव मरीजों के सहायक उपचार के रूप में उनके मशहूर हर्बल उत्पादों ( गोली सेप्टिलिन और गोली ब्रेसॉल का मिश्रण) की भूमिका का आंकलन करने के लिए अध्ययन किया गया। यह क्लिनिकल ट्रायल डॉक्टर सीआर जयंती (एमबीबीएस, एमडी), डीन एवं डायरेक्टर, प्रतिष्ठित विक्टोरिया हॉस्पिटल (बीएमसीआरआई- बैंगलोर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट), बैंगलुरू के निरीक्षण में किया गया।
सेप्टिलिन एक मशहूर प्रोप्रायटरी आयुर्वेदिक फॉर्मुलेशन है, जिसमें गुग्गुलू, यष्टिमधु एवं गुडुची जैसे अवयव हैं और इसमें मजबूत प्रतिरक्षा गुण हैं। सेप्टिलिन के सुरक्षित व प्रभावशाली होने का परीक्षण अनेक क्लिनिकल एवं प्रिक्लिनिकल अध्ययनों में किया जा चुका है। सेप्टिलिन का व्यापक विश्लेषण अध्ययन भी किया जा चुका है एवं पिछले 60 सालों में डॉक्टर विस्तृत तौर पर इसका परामर्श देते आए हैं। श्वास आरोग्य वैलनेस उत्पाद है, जिसमें मशहूर आयुर्वेदिक अवयव, जैसे हरिद्र, तुलसी और वासक हैं और इसका परामर्श सांस की विभिन्न समस्याओं के लिए दिया जाता रहा है। सूजन बढ़ाने वाले साईटोकिंस को नियंत्रित करने की अपनी सामर्थ्य के कारण प्रभावशाली सूजनरोधी प्रभाव प्रदर्शित करता है।
यह अध्ययन इस मजबूत तर्क के साथ किया गया कि सेप्टिलिन और बेसॉल प्रि-क्लिनिकल एवं क्लिनिकल अध्ययनों में प्रमाणित हैं और इम्युनिटी एवं सांस की क्रियाओं पर सकारात्मक एवं बहुआयामी प्रभाव उत्पन्न कर मदद करते हैं। ये उत्पाद उच्च गुणवत्ता मापदंडों का पालन करते हैं, जिसके कारण वो बिना किसी चिंता के कोविड-19 के खिलाफ जाँचे जाने के लिए आदर्श हैं। गोली सेप्टिलिन $ गोली ब्रेसॉल के साथ प्रतिरक्षा की भूमिका एवं सांस की सेहत पर इसके प्रभाव का आंकलन समूह 1 के मरीजों में सहायक थेरेपी के रूप में किया गया, जिन्हें इस इलाज के साथ सामान्य देखभाल का उपचार दिया गया, जबकि दूसरे समूह को केवल सामान्य देखभाल का उपचार दिया गया।
डॉक्टर जयंती ने कहा, ‘‘ सामान्य इलाज के साथ सेप्टिलिन एवं ब्रेसॉल का इलाज करा रहे मरीजों में उन मरीजों के मुकाबले, जिन्हें केवल एसओसी दी गई, उनके मुकाबले इन्फ्लेमेटरी साईटोकिंस की कमी (खासकर इंटरल्यूकिन-6, लैक्टेट डिहाईड्रोजिनेस एवं न्यूट्रोफिल-लिंफोसाईट अनुपात) देखने को मिली। ब्रेसॉल और सेप्टिलिन से इलाज करा रहे सभी मरीजों में डी-डाईमर का सामान्य स्तर दर्ज किया गया। क्लिनिकल ट्रायल में देखने को मिला कि सहायक दवाईयों के रूप सेप्टिलिन और ब्रेसॉल के अन्य दीर्घकालिक फायदे, जैसे इन्फ्लेमेशन में कमी, और ज्यादा नुकसान एवं संबंधित जटिलताओं में कमी है।’’ कोविड-19 महामारी पर अब तक उपलब्ध साहित्य में कोविड-19 पॉज़िटिव मरीजों में डी-डाईमर के स्तर में काफी बढ़ोत्तरी बताई गई है और इससे बीमारी की गंभीरता व मृत्यु दर बढ़ सकती है।
कोविड-19 से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने की अवधि में (एक्टिव कोविड-19 संक्रमण से रिकवरी के बाद), सेप्टिलिन एवं ब्रेसॉल के मिश्रण ने बीमारी के बाद दिक्कतें करने वाले अनेक लक्षणों से लोगों को आराम दिया। अध्ययन में देखा गया कि सेप्टिलिन और ब्रेसॉल के मिश्रण ने पहले समूह के मरीजों में दूसरे समूह के मरीजों के मुकाबले ऊर्जा, भूख एवं एकाग्रता में काफी वृद्धि की। अध्ययन के शुरुआत के मुकाबले बाद में शरीर में दर्द, जोड़ों की गतिविधि में दिक्कत, अनियमित नींद, सांस की नली में बार बार संक्रमण, सांस फूलने आदि में भी काफी सुधार देखने को मिला।
डॉक्टर राजेश कुमावत, एमबीबीएस, एमडी, हेड-मेडिकल सर्विसेस एवं क्लिनिकल डेवलपमेंट, हिमालया ड्रग कंपनी ने कहा, ‘‘पोस्ट-कोविड देखभाल बहुत जरूरी है। रिकवरी के दौरान मरीजों का निरीक्षण करते रहना भी उतना ही जरूरी है। हमारा मानना है कि कोविड-19 से स्वास्थ्यलाभ लेने वाले मरीजों को सेहतमंद जिंदगी जीने में मदद करने के लिए ये परिणाम काफी उपयोगी साबित हो सकेंगे। इस अध्ययन के उत्साहवर्धक परिणाम प्राप्त करने के बाद, हिमालया ड्रग कंपनी मूल्यांकन की इन विधियों के विस्तार पर विचार कर रहा है। ऐसी उम्मीद है कि इन उत्पादों (जो बाजार में उपलब्ध हैं) को मानक उपचार प्रोटोकॉल में शामिल करने से कोविड-19 के इलाज के ‘समेकित व्यवहारिक दृष्टिकोण’ में मदद मिलेगी।’’
कोविड-19 के पीड़ितों की एक बड़ी समस्या, जीवन की गुणवत्ता का आंकलन एक डब्लूएचओ प्रश्नावली द्वारा किया गया। ग्रुप 1 के मरीजों को ग्रुप 2 के मरीजों के मुकाबले ज्यादा खुशनुमा, सुकूनभरा एवं सक्रिय महसूस हुआ। ग्रुप 1 में मरीजों की संपूर्ण क्यूओएल में काफी ज्यादा सुधार देखा गया। कोविड-19 से स्वास्थ्यलाभ लेने वाले मरीजों की एक बड़ी समस्या, थकावट का आंकलन किया गया और ग्रुप 1 के मरीजों के थकावट के आंकलन, यानि फेटीग असेसमेंट स्कोर (एफएएस) में काफी सुधार देखने को मिला। ग्रुप 1 के सभी मरीजों में (100 प्रतिशत) इलाज के बाद थकावट में पूरा आराम हो गया, जबकि ग्रुप 2 में 35 प्रतिशत मरीजों को थकावट महसूस होती रही।
इस अध्ययन ने साबित कर दिया कि कोविड-19 पॉज़िटिव मरीजों में एसओसी की सपोर्ट के साथ सेप्टिलिन और ब्रेसॉल की सहायक चिकित्सा इम्युनिटी बढ़ाती है और इन्फ्लेमेशन को नियंत्रित करती है। इससे पोस्ट कोविड बीमारी के लक्षणों के सुधार में भी मदद मिलती है और ‘पोस्ट कोविड-19 सिंड्रोम’ से पीड़ित कोविड-19 संक्रमित मरीजों की संपूर्ण सेहत (क्यूओएल एवं थकान सहित) में सुधार होता है।
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