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रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी गिरफ्तार

नई दिल्ली। रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने उनके घर से साल 2018 के एक आत्महत्या को उकसाने के एक मामले में गिरफ्तार किया है। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसे ‘आपातकाल की याद दिलाने वाला’ घटनाक्रम बताते हुए इसकी निंदा की है।



प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा कि 'हम प्रेस की स्वतंत्रता पर हुए इस हमले की भर्त्सना करते हैं। यह प्रेस के साथ व्यवहार का तरीका नहीं है। यह हमें आपातकाल की याद दिलाता है, जब प्रेस के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता था।'

इसी बीच एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा है कि पत्रकार अर्नब गोस्वामी को अचानक गिरफ्तार किया जाना निंदनीय है और आहत करने वाला है। गिल्ड महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से चाहती है कि वह सुनिश्चित करें कि गोस्वामी के साथ उचित व्यवहार हो और सरकारी मिशनरी का इस्तेमाल आलोचनात्मक पत्रकारिता के खिलाफ न हो।

इसी बीच अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की सोशल मीडिया पर व्यापक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा नेताओं ने इस गिरफ्तारी की आलोचना की है। वहीं पत्रकारों ने भी इस कार्रवाई की निंदा की है।

केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी गंभीर रूप से निंदनीयअनुचित और चिंताजनक है। हमने 1975 के ड्रैकनियन आपातकाल का विरोध करते हुए प्रेस की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि अगर आज अर्नब के साथ खड़े नहीं हुए तो इसका मतलब होगा कि आप फासिज्म का समर्थन कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी महाराष्ट्र में प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि 'यह एक अघोषित आपातकाल की ओर जाता फासिस्ट कदम है। पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर हमला सत्ता के दुरुपयोग का एक उदाहरण है। भारतीय लोकतंत्र पर होने वाले इस प्रकार के हमले के खिलाफ हम सब को खड़ा होना होगा।'

भाजपा नेता राम माधव ने कहा कि एक बंद पड़े मामले को दोबारा जांच के लिए खुलवाकर अर्नब को गिरफ्तार किया जाना बदले की भावना को दर्शाता है। उन्हें आशा है कि न्यायपालिका इस पर उचित दृष्टिकोण रखेगी और यह भी उम्मीद है कि मीडिया से जुड़ी हुई अन्य इकाइयां इस पर उचित प्रतिक्रिया देंगी।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि आपातकाल के शेड्स!। अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है। जो लोग वास्तव में इस स्वतंत्रता में विश्वास करते हैंउन्हें अवश्य बोलना चाहिए।

केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि क्या हम लोकतंत्र की आड़ में फासिज्म और तानाशाही के दौर में लौट रहे हैं? बदले की राजनीति सभी सीमाओं को पार कर गई है। अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करने के लिए कोई आधार नहीं है। महाराष्ट्र सरकार प्रेस की स्वतंत्रता को समाप्त करने के लिए क्या कर सकती है, यह दर्शाता है।


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