० आरिफ़ जमाल ० नयी दिल्ली - गोपाल किरन समाज सेवी संस्था द्वारा इंडियन सोशल इंस्टीट्यूट ,लोधी रोड, दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा संवाद व सावित्रीबाई फुले ग्लोबल आइकॉन शिक्षक अवार्ड 2022 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम गोपाल किरन समाज सेवी संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे के मार्गदर्शन व नेतृत्व मे संगीता शाक्य ,आर. के.मेहरा, कैलाश चंद मीणा के संरक्षत्व में तथा शैलेश प्रजापति के समन्वय में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रूप में प्रोफेसर खेम सिंह डहेरिया ,कुलपति, हिंदी विश्वविद्यालय,भोपाल, विशेष अतिथि -डॉ. रमेश चन्दा भारद्वाज, कुलपति ,महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल ,हरियाणा विशेष अतिथि कुलबीर सिधू , जनरल रक्षा विभाग, भारत सरकार।
आर. बी. वर्मा,डायरेक्टर, मौसम विभाग, भारत सरकार। विनोद कुमार शनवाल,विभागाध्यक्ष, शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश,जगदीश ग्रेवाल, (डी. जी. एम), आई. एफ़. सी आई,नई दिल्ली,डॉ. डेनियल फर्नांडिस, एजुकेटिव डायरेक्टर, इंडियन सोशल इंस्टीट्यूट ,नई दिल्ली निधि लाड़,( सी.ए.) रायपुर,डॉ. बी. मिश्रा अवार्ड प्रेसीडेंट, वाटरशेड, ग्रामीण विकास मंत्रालय, रघुवीर सिंह दिल्ली ,वार्डन नागरिक सुरक्षा,डॉ. सुरेंद्र सिंह,दिल्ली विश्वविद्यालय,
धर्मराज बैरवा,दिल्ली जल बोर्ड,देवीदीन,(से. नि.ज्वाइंट डायरेक्टर,रक्षा मंत्रालय) के आतिथ्य में आयोजित हुई। संस्था के बारे में तथा कार्यक्रम के उद्देश्यों पर श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने प्रकाश डाला ओर कहा कि डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने कहा था कि शिक्षा वो शेरनी का दूध है।जो पियेगा वो दहाडेगा। मंच संचालन अवर्तिका फर्स्वाण ने किया।कार्यक्रम में झांसी से पधारी कु.अंशिका यशिका, ने बुद्ध वंदना तो बबीता ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया साथ ही मनस्वी त्यागी ने सुंदर भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी ।
इस अवसर पर झारखंड की प्रोफेसर मीना कुमारी की पुस्तक प्राचीन भारत में नारी शिक्षा का लोकार्पण भी किया गया । साथ ही श्रीप्रकाश सिंह निमराजे को दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. सुरेंद्र सिंह, (यूथ फॉर सोशल जस्टिस),मध्यप्रदेश धार की कल्पना शाह, विनोद संखवार ने मिलकर सम्मानित किया। देश भर से 135 लोगों को स्मृति चिन्ह,शील्ड तथा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम में गुजरात,राजस्थान,दिल्ली,पंजाब हरियाणा,चंडीगढ़,जम्मू,हिमाचल,झा रखंड,महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश,छत् तीसगढ़,उत्तरप्रदेश,बिहार,उत्तरा खंड, तेलगांना, गोवा, आदि राज्य से शिक्षको ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य पूरे देश की शिक्षा में समानता ओर गुणवत्ता हो,निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कुलों को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है,बच्चों की ऑफ लाइन और ऑनलाइन पढ़ाई में आउटपुट क्या निकला, विद्यालयों की घटती संख्या , शिक्षकों को रोजगार की समस्या , नई शिक्षा नीति, का प्रभाव आदि विषयों पर व्यापक चर्चा की गई । शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली सावित्रीबाई फुले के बारे प्रतिभागियों से जानने के प्रयास किया तो यह बात सामने आई की देश में बमुश्किल 15 प्रतिशत लोग ही उनके बारे मैं जान पाये है।
कार्यक्रम की रूपरेखा पुष्पा अनिल , एच.निशा खान के साथ उसके क्रियान्वयन में शैलेश प्रजापति, नसीम बानो ,सुशीला देवी, प्रीति चौधरी ,अंजू सैनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। देश के इतिहास में यह ऐतिहासिक अवसर था जब पहली बार इतने शिक्षको ने एक साथ बैठ कर चर्चा की। इस कार्यक्रम को सफल नसीम बानो,नवजीत,जयजीत आदि का विशिष्ट सहयोग रहा। अंत में आभार सुशीला देवी ने किया।
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