नयी दिल्ली - महिलाओं का स्वास्थ्य एक अहम विषय है। आज इसी पर आशा आयुर्वेदा की फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ चंचल शर्मा से जानते हैं। कि महिलाओं के स्वस्थ जीवन के लिए क्या-क्या किया जा सकता है।हम हर वर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को महिलाओं की उपलब्धियों को लेकर विश्व महिला दिवस के रुप में मनाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस में महिलाओं और लड़कियों के योगदान को पहचानना और उन्हें सम्मानित करना। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आशा आयुर्वेदा ने इस साल महिला दिवस 2022 की थीम 'जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो' (“Gender equality today for a sustainable tomorrow”) पर भी चर्या की है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम पर डॉ चंचल शर्मा ने कहा कि महिला और पुरुष दोनों को बराबर सामान अधिकार मिलना चाहिए ।
महिलाओं को अपने जीवन में कई नाजूक अवस्थाओं से होकर गुजरना पड़ता है। इस बात को डॉ चंचल शर्मा भालिभांति जानती हैं। क्योंकि वह खुद एक महिला हैं। महिलाओं की इन अवस्थाओं जैसे बचपन, किशोरावस्था, गर्भावस्था और महिला की वृद्धा में सही स्वास्थ्य और देखभाल की आवश्यकता होती है।
महिलाओं को यह समझने की भी बहुत आवश्यकता है। कि आपको स्वयं स्वस्थ रहना है। क्योंकि यदि आप खुद स्वस्थ नही हैं। तो आप कैसे स्वस्थ समाज की नींव रख पाएंगी।एक स्थाई कल के लिए आज लैंगिक समानता बहुत जरुरी है। ऐसे में महिलओं के अधिकारों को मजबूती मिलेगी। महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं।
डॉ चंचल शर्मा एक महिला होकर महिलाओं की समस्याओं को समझते हुए महिला स्वास्थ्य सुधार में बहुत बड़ा योगदान दिया है। आज के समय में महिला स्वास्थ्य एक बहुत बड़ा मुद्दा है। आज भी हर कोई खुलकर महिलाओं के स्वास्थ्य में खुलकर बात करने को तैयार नही हैं। ऐसे में डॉ चंचल शर्मा उन तमाम महिलाओं के लिए फरिश्ता बनकर उभरी है। जो महिलाओं के गंभीर स्वास्थ्य मामलों में खुलकर बात करती है । और उनकी समस्याओं का समाधान करती है।
अनियंत्रित जीवनशैली के कारण महिलाओं में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ रहा है। जिसके कारण महिलाओं की फर्टिलिटी भी प्रभावित होती है। आज पूरे भारत में 40 प्रतिशत महिलाओं की इनफर्टिलिटी की समस्या है। जिसके कारण वह कंसीव नही कर पाती है।महिला इनफर्टिलिटी की समस्या में ट्यूबल ब्लॉकेज एक बहुत बड़ा कारण है। जिसके लिए चंचल शर्मा एक विशेष कार्यक्रम चला रही है। “निःसंतानता भारत छोड़ो” और इसमें आशा आयुर्वेदा की पूरी टीम काम कर रही है। और इसमें आशा आयुर्वेदा को अच्छा सफलता भी प्राप्त हुई है।
कौन-कौन से प्रमुख कारक है जो महिला स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं ? महिलाओं को बचपन से कुछ ऐसे कारक है जो प्रभावित करने लगते हैं। महिलाओं को बचपन से ही सही पोषण न मिल पाना। एनीमिया शारीरिक कमजोरी गर्भावस्था में सही पोषण और देखभालल की कमी । प्रसव के दौरान बहुत सारी जटिलताएं। मासिकधर्म में अनिमितता और समस्याएं। नियमित व्ययाम न करना। मानसिक थकावट और तनाव स्तन कैंसर व प्रजनन अंगोंं के कैंयह सभी कारक महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ी समस्या है। इस विश्व महिला दिवस के मौके पर सभी महिलाओं से आग्रह है। कि सभी महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरुक रहें और पूरी तरह से सजक रहें। सभी महिलाओं को priority list में अपने स्वास्थ्य को सबसे ऊपर रखना हैं। फिर चाहि आपकी फिजिकल हेल्थ हो, इमोश्नल हेल्थ हो, साइक्लोजिकल हेल्थ हो या फिर स्प्रीचुअल हेल्थ हो।महिलाओं को कौन-कौन सी एक्सरसाइज करनी है। इससके लिए स्त्री विशेषज्ञ से समय पर जरुर मिलें। तभी आप खुद को और अपने परिवार को स्वस्थ रख पाएंगी।
स्वस्थ जीवनशैली का पालन पूरी सजकता के साथ अपनाएं और खानपान का भी विशेष ध्यान रखें।
आयुर्वेद के इन सभी नियमों का पालन करने से बीमारियों का खतरा कम होगा और आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा।भारत में प्रसव के बाद 53 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी अर्थात एनीमिया की समस्या होती है। इसलिए प्रेगनेंसी के पूर्व और प्रेगनेंसी के दौरान पौष्टिक एवं संतुलिए आहार का पूरी सजकता से पालन करें।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आज पूरे लेख में महिला सम्मान, महिला स्वास्थ्य, लिंग भेद पर विस्तार से चर्चा की गई है। हमारा उद्धेश्य महिला दिवस पर केवल चर्चा करना नही हैं। बल्कि महिलाओं को समाज में उचित सम्मान और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। आशा आयुर्वेदा हमेशा से ही महिला स्वास्थ्य पर पूरी लगन के साथ काम करता आया है और आगें भी महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में अपना योगदान देता रहेगा। आशा आयुर्वेदा ने महिलाओं को इनफर्टिलिटी (निःसंतानता) से निजात दिलाकर मातृत्व सुख दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।
महिलाओं को यह समझने की भी बहुत आवश्यकता है। कि आपको स्वयं स्वस्थ रहना है। क्योंकि यदि आप खुद स्वस्थ नही हैं। तो आप कैसे स्वस्थ समाज की नींव रख पाएंगी।एक स्थाई कल के लिए आज लैंगिक समानता बहुत जरुरी है। ऐसे में महिलओं के अधिकारों को मजबूती मिलेगी। महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं।
डॉ चंचल शर्मा एक महिला होकर महिलाओं की समस्याओं को समझते हुए महिला स्वास्थ्य सुधार में बहुत बड़ा योगदान दिया है। आज के समय में महिला स्वास्थ्य एक बहुत बड़ा मुद्दा है। आज भी हर कोई खुलकर महिलाओं के स्वास्थ्य में खुलकर बात करने को तैयार नही हैं। ऐसे में डॉ चंचल शर्मा उन तमाम महिलाओं के लिए फरिश्ता बनकर उभरी है। जो महिलाओं के गंभीर स्वास्थ्य मामलों में खुलकर बात करती है । और उनकी समस्याओं का समाधान करती है।
अनियंत्रित जीवनशैली के कारण महिलाओं में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ रहा है। जिसके कारण महिलाओं की फर्टिलिटी भी प्रभावित होती है। आज पूरे भारत में 40 प्रतिशत महिलाओं की इनफर्टिलिटी की समस्या है। जिसके कारण वह कंसीव नही कर पाती है।महिला इनफर्टिलिटी की समस्या में ट्यूबल ब्लॉकेज एक बहुत बड़ा कारण है। जिसके लिए चंचल शर्मा एक विशेष कार्यक्रम चला रही है। “निःसंतानता भारत छोड़ो” और इसमें आशा आयुर्वेदा की पूरी टीम काम कर रही है। और इसमें आशा आयुर्वेदा को अच्छा सफलता भी प्राप्त हुई है।
कौन-कौन से प्रमुख कारक है जो महिला स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं ? महिलाओं को बचपन से कुछ ऐसे कारक है जो प्रभावित करने लगते हैं। महिलाओं को बचपन से ही सही पोषण न मिल पाना। एनीमिया शारीरिक कमजोरी गर्भावस्था में सही पोषण और देखभालल की कमी । प्रसव के दौरान बहुत सारी जटिलताएं। मासिकधर्म में अनिमितता और समस्याएं। नियमित व्ययाम न करना। मानसिक थकावट और तनाव स्तन कैंसर व प्रजनन अंगोंं के कैंयह सभी कारक महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ी समस्या है। इस विश्व महिला दिवस के मौके पर सभी महिलाओं से आग्रह है। कि सभी महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरुक रहें और पूरी तरह से सजक रहें। सभी महिलाओं को priority list में अपने स्वास्थ्य को सबसे ऊपर रखना हैं। फिर चाहि आपकी फिजिकल हेल्थ हो, इमोश्नल हेल्थ हो, साइक्लोजिकल हेल्थ हो या फिर स्प्रीचुअल हेल्थ हो।महिलाओं को कौन-कौन सी एक्सरसाइज करनी है। इससके लिए स्त्री विशेषज्ञ से समय पर जरुर मिलें। तभी आप खुद को और अपने परिवार को स्वस्थ रख पाएंगी।
स्वस्थ जीवनशैली का पालन पूरी सजकता के साथ अपनाएं और खानपान का भी विशेष ध्यान रखें।
आयुर्वेद के इन सभी नियमों का पालन करने से बीमारियों का खतरा कम होगा और आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा।भारत में प्रसव के बाद 53 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी अर्थात एनीमिया की समस्या होती है। इसलिए प्रेगनेंसी के पूर्व और प्रेगनेंसी के दौरान पौष्टिक एवं संतुलिए आहार का पूरी सजकता से पालन करें।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आज पूरे लेख में महिला सम्मान, महिला स्वास्थ्य, लिंग भेद पर विस्तार से चर्चा की गई है। हमारा उद्धेश्य महिला दिवस पर केवल चर्चा करना नही हैं। बल्कि महिलाओं को समाज में उचित सम्मान और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। आशा आयुर्वेदा हमेशा से ही महिला स्वास्थ्य पर पूरी लगन के साथ काम करता आया है और आगें भी महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में अपना योगदान देता रहेगा। आशा आयुर्वेदा ने महिलाओं को इनफर्टिलिटी (निःसंतानता) से निजात दिलाकर मातृत्व सुख दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।
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