Halloween Costume ideas 2015

होली के दोहे-----


सुषमा भंडारी 0 

दोहा

गाल गुलाबी कर गये,

तेरे वो दो नैन।

दिवस हुए मदमस्त से,

रातें हैं बेचैन।।

खिल- खिल कर कहती कली

तुझसे ये मुस्कान

ओ भ्रमर ओ साँवरे,

है तुझसे मुस्कान।।

रंग- बिरंगी हो रहा

धरती का हर छोर

मस्त- मस्त फागुन हुआ

नाचे मन का मोर।।

हम- सब होली खेलते ,

हंसी - खुशी के संग।

प्यार की आओ पियें

मिलकर सारे भंग।।

उड़ते रंग गुलाल सब

प्रेम - प्रीत के संग।

मन से बैर मिटाय के

दूर करो सब जंग।
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होली के दोहे-----

होली का हुड़दंग है

बिखरे हैं सब रंग

ढूंढे से भी ना मिला

मुझे प्यार का रंग।।

उड़ उड़ कहे गुलाल सब

ढोल बजे मृदंग

ठोंके फगुआ ताल भी

नाच रही है भंग।।।

रंग गुलाबी सा हुआ

हवा हुई सतरंग

लहर- लहर सी मस्त है

भरी उमंग तरंग।।

रिश्ते नाते मस्त हैं,

हो रहे लालमलाल

, रंग खुशी के फैल कर

‌‌ करते हैं खुशहाल।।

पकवानों की धूम है,

बर्तन करें किलोल।

बौराया फागुन फिरे

बाज रहे हैं ढोल।।

दुश्मन को भी लगा गले

होली दे संदेश।

होली के रंग भा गये

मिट गया सारा क्लेश।।

रंग- रंग, रंग उजला,

मिट जाये सारा रोष।

मस्त मस्त खुशियाँ कहें

भरा हमारा कोष।।
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 होली गीत------

ऐसो रंग लगाओ कान्हा

जन्म - जन्म न उतरे -----

मन को मीत ,तू ही मेरो प्रीतम

तू ही मेरो श्याम प्रिय

प्रेम गुलाल हाथ में लेकर

हो जाऊं बदनाम प्रिय

पोर पोर में नशा तुम्हारा

जन्म जन्म न उतरे -------

ऐसो रंग लगाओ कान्हा

जन्म जन्म न उतरे-------

तन भीगा मन भीगा साजन

सिहर सिहर मैं जाऊं

मस्त बयार के संग बहूँ मैं

गीत खुशी के गाऊं

जन्म जन्म का बंधन है ये

जन्म जन्म न उतरे-------

ऐसो रंग लगाओ कान्हा

जन्म जन्म न उतरे------

बहक रहें हैं नैन मेरे और

खनक रहे हैं कंगन

फागुन की टोली है आई

अद्भुत रंग है तन मन।

उड़ उड़ रंग गुलाल कहे है

जन्म जन्म न उतरे----

ऐसो रंग लगाओ कान्हा

जन्म जन्म न उतरे-----

टेसू के रंगों की महकूँ

दहकूँ मैं होली में

लाड़ और मनुहार भरा है

मेरी तो झोली में

रंग प्रीत का श्यामल- श्यामल

जन्म- जन्म न उतरे------

ऐसो रंग लगाओ कान्हा

जन्म जन्म न उतरे------
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