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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से लोकलुभावन नहीं बल्कि प्रगतिशील बजट पेश करने की मांग


० नूरुद्दीन अंसारी ० 

नयी दिल्ली - वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एसक्यूआर इलयास ने देश में खराब आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि मोदी सरकार को एक प्रगतिशील बजट पेश करना चाहिए जो देश में आर्थिक विकास को पुनर्जीवित कर सके, लेकिन डर है कि विभिन्न राज्यों के चुनावों को देखते हुए, मोदी सरकार मतदाताओं से वोट प्राप्त करने के लिए लोकलुभावन बजट दे सकती है।

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति पहले से ही बढ़ी हुई है, जो उच्च राजकोषीय घाटा है उससे चालू घाटा और बढ़ेगा और जो रुपये को कमज़ोर कर सकता है और मुद्रास्फीति की चिंताओं को बढ़ा सकता है।उन्होंने कहा कि बजट 2022 से निवेश में वृद्धि करनी चाहिए, और स्वास्थ्य सेवा को सभी के लिए अधिक सुलभ और किफायती बनाने के उपाय करना चाहिए।

उन्होंने कहा, केंद्रीय बजट 2022 का लक्ष्य रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे का विकास, नवीनतम तकनीकों की शुरूआत और कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता देते हुए दीर्घकालिक समग्र विकास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन असंगठित श्रमिकों को महामारी के दौरान बड़े पैमाने पर पलायन और असुरक्षा का सामना करना पड़ा और अब उन्हें ई-श्रम पोर्टल के साथ पंजीकृत कर के उन्हें कल्याण योजना के माध्यम से आय सहायता दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ज्यादातर वेतनभोगी लोग जो वर्क फ्राम होम (घर से काम) कर रहे हैं, उन्हें वेतन में कटौती का सामना करना पड़ा है। बजट 2022 को मौजूदा आयकर स्लैब में संशोधन करते हुए कुछ राहत देनी चाहिए और वेतनभोगी लोगों के लिए कर मुक्त वर्क फ्राम होम भत्ता शुरू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुपर रिच पर एकमुश्त महामारी उपकर लगाया जाना चाहिए और उनके आयकर स्लैब में वृद्धि की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रोपराइटरशिप/पार्टनरशिप के रूप में काम करने वाली एमएसएमईफर्मों पर टैक्स में कमी की जानी चाहिए ताकि इससे पूरे एमएसएमई सेक्टर को फायदा हो। उन्होंने कहा कि इस बजट में वंचितों का ध्यान रखा जाना चाहिए और वृद्धों, विधवाओं और विकलांगों के लिए पेंशन राशि बढ़ानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस बजट में गरीब किसानों का कर्ज माफ किया जाए, सभी फसलों के लिए एमएसपी तय की जाए और मुफ्त बिजली दी जाए। हाल ही में नवंबर 2021 में कृषि कानूनों को निरस्त करने के साथ, यह बजट किसानों के लिए खेती को लाभदायक बनाकर उन्हें आर्थिक लाभ का मौका दे और उनके विश्वास को मजबूत करे। 60 साल से ऊपर के लोगों को मुफ्त रेल यात्रा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि इस बजट में असुरक्षा और असमानताओं को कम करने और महिलाओं को अधिक वित्तीय समावेशन प्रदान करने में मदद करने के लिए लैंगिक बजट पर खर्च को प्राथमिकता देनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस बजट में एक विशिष्ट पैकेज होना चाहिए जो मुस्लिम समुदाय के लोगों को सामाजिक, आर्थिक, शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसरों के साथ जीने में सक्षम बनाए। त्वरित सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और शैक्षिक रियायतें शुरू करने के लिए योजनाओं को लागू करे। उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करे, जिससे उनमें आर्थिक पिछड़ेपन की समस्याओं का समाधान हो सके।

डॉ इलयास ने कहा कि ‘गरीबी रेखा से नीचे’ सरकार द्वारा आर्थिक नुकसान को इंगित करने और सरकारी सहायता की आवश्यकता वाले लोगों की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक बेंचमार्क हो। आय-आधारित बीपीएल बुनियादी खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केवल न्यूनतम आय पर विचार करता है, यह स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा जैसी अन्य आवश्यकताओं पर विचार नहीं करता है, उन्होंने कहा कि बजट 2022 में बीपीएल बेंचमार्क को बढ़ाया जाना चाहिए और वंचितों के उत्थान के लिए एक समावेशी पैकेज प्रदान करना चाहिए

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