० योगेश भट्ट ०
नयी दिल्ली - स्टॉक मार्केट (शेयर बाज़ार) में निवेश करना रोमांचक होने के साथ-साथ डरावना भी हो सकता है। जहाँ इसके रिटर्न काफी लुभावने होते हैं, वहीं जोखिम के घटक हतोत्साहित भी कर सकते हैं। हालांकि, अगर आप स्टॉक मार्केट में हाथ आजमाने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले जो बात मन में आ सकती है, वह है कि स्टॉक मार्केट में निवेश की बुनियादी बातों को जान लेना चाहिए।
ऐसे लोगों के ढेरों उदाहरण हैं, जहाँ उन्होंने स्टॉक मार्केट में निवेश के मामले में सुव्यवस्थित और निर्देशित दृष्टिकोण अपना कर काफी धन बनाया और कारगर तरीके से आमदनी का एक दूसरा जरिया पैदा किया। पर स्टॉक मार्केट में किया गया निवेश बाज़ार की अस्थिरता और जोखिमों के अधीन होता है। नए और नौसिखिए निवेशकों के लिए ज़रूरी है कि सावधानी बरतें और यथोचित छानबीन एवं अध्ययन के बाद ही प्रतिभूतियों में निवेश का कोई फैसला करें। नीचे कुछ ज़रूरी बातें दी गई हैं जिन पर नए निवेशकों को पहली बार मार्केट में निवेश करने के पहले अवश्य विचार करना चाहिए।
स्टॉक मार्केट में निवेश से एक सीमा से ज्यादा उम्मीद नहीं रखें भले ही स्टॉक मार्केट के निवेश में संतुलित और सुनियोजित दृष्टिकोण से अक्सर फ़ायदा होता है, फिर भी यह समझना ज़रूरी है कि बाज़ार कोई जादू की छड़ी नहीं होता। शुरुआती निवेशकों को यह अहसास करने की ज़रूरत है कि दीर्घकालीन दिन दूनी रात चौगुनी परिणामों की अपेक्षा करना सम्पूर्ण निवेश यात्रा के लिए एक गलत नजरिया हो सकता है। आरंभिक निवेश तय करना
नए निवेशकों के लिए स्टॉक मार्केट में निवेश की शुरुआत करने के लिए अलग-अलग तरीके हैं। या तो अलग-अलग शेयरों में एकमुश्त राशि का निवेश किया जा सकता है या फिर एक क्रमिक निवेश योजना (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) का अनुसरण किया जा सकता है। इक्विटी शेयर और म्यूचुअल फंड्स जैसी प्रतिभूतियों में एक निश्चित रकम डाली जा सकती है। किसी नौसिखिये के सामने पहला कदम यह सुनिश्चित करना है कि वह इन दो विधियों में से किसी एक के माध्यम से स्टॉक मार्केट में कितना पैसा लगा चाहते हैं।
निवेश का लक्ष्य तय करना हालाँकि यह सलाह बिलकुल बुनियादी स्तर की लगती है, तो भी किसी नए निवेशक को स्टॉक मार्केट में बड़ा कदम बढ़ाने के लिए ठीक-ठीक उद्देश्य अवश्य तय कर लेना चाहिए। किसी व्यक्ति के निवेश का लक्ष्य जोखिम संबंधी पसंद और जीवन के उद्देश्यों पर निर्भर करता है। यह कोई विदेश यात्रा या अपने सपनों का घर हो सकता है। कोई बहुत बड़ा उद्देश्य होना ज़रूरी नहीं है, लेकिन निवेश की प्रक्रिया आरम्भ करने के पहले यह तय कर लेना महत्वपूर्ण है।
स्टॉक मार्केट में निवेश के अलग-अलग तरीकों की समझ किसी नए निवेशक के लिए स्टॉक मार्केट में प्रवेश करने के अनेक तरीके होते हैं। उदाहरण के लिए, ऋण और इक्विटी प्रतिभूतियों को मिलाकर एक विविधीकृत पोर्टफोलियो तैयार किया जा सकता है। शुरुआत करने वाले नए निवेशक इंडेक्स फंड्स पर भी विचार कर सकते हैं जो सेंसेक्स और निफ्टी जैसे सूचकांकों की नक़ल हैं और कई वित्तीय संस्थानों द्वारा संचालित किये जाते हैं। आप रोबो-एडवायजर्स का भी लाभ उठा सकते हैं जिन्हें हाल में अनेक फिनटेक कंपनियों ने लागू किया है। ये रोबो-एडवायजर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा संचालित प्रक्रिया हैं जो अलग-अलग स्टॉक्स के पिछले प्रदर्शन पर विचार करते हैं और निवेशकों को अपेक्षित प्रदर्शन का सुझाव देते हैं। चूँकि इस तरह की सलाह गंभीर शोध और परिमाणात्मक विश्लेषण के आधार पर दी जाती है, इसलिए यह अत्यंत विश्वसनीय होती हैं। पोर्टफोलियो में विविधता का समावेश
एक बार फिर यह बात अपेक्षाकृत खरी-खरी लग सकती है, पर आरंभिक निवेशक अक्सर इसे नजरअंदाज कर जाते हैं। स्टॉक मार्केट में उत्साह के भाव के कारण विभिन्न इक्विटी, सूचकांकों और डेरिवेटिव्स में उछाल आ सकता है। यह नए निवेशकों को पोर्टफोलियो में नियोजित से अधिक धनराशि डालने के लिए लुभा सकता है। हालांकि, प्रथम चरण में तय की गई राशि पर अडिग रहना हमेशा बेहतर होता है। इसके अलावा, सारा पैसा एक ही जगह निवेश करने से उच्च रिटर्न (कभी-कभी) मिल सकता है, लेकिन अक्सर ऐसे मामलों में घाटा हो सकता है। इसलिए, विविधता के फायदों का आनंद उठाने के लिए एक संतुलित पोर्टफोलियो रखना महत्वपूर्ण है। इसका अर्थ है कि पैसों को अलग-अलग विकल्पों में, जैसे कि डिबेंचर्स, बांड्स (नियत बाज़ार प्रतिभूतियाँ), इक्विटीज (लार्ज, स्मॉल और मिड-कैप्स) तथा इंडेक्स फंड्स में पैसा रखा जाए। प्रत्येक विकल्प में निवेश का अनुपात व्यक्तिगत जोखिम क्षमता पर निर्भर करेगा।
निवेश के सफ़र की शुरुआत में बहुत ज्यादा जोखिम उठाने से बचना उचित है कि नए निवेशक अधिक जोखिम वाली प्रतिभूतियों, जैसे कि फ्यूचर्स और ऑप्शन्स से बचें। ये डेरीवेटिव प्रतिभूतियाँ भारी घाटा दे सकती हैं, क्योंकि इस तरह के विकल्पों में कोई अधोगामी सुरक्षा की व्यवस्था नहीं होती है। निवेशकों की पूरी रकम डूब सकती है, जो विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो बना लेने पर कभी नहीं हो सकता। पोर्टफोलियो की ट्रैकिंग, समीक्षा और निगरानी
जितनी अवधि के लिए निवेश की योजना है, उस अवधि के आधार पर नए निवेशकों को हमेशा प्रतिभूतियों की कीमतों की ट्रैकिंग, समीक्षा और निगरानी करनी चाहिए और कंपनियों की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर किसी निवेशक ने निवेश के लिए मारुति सुजुकी का चुनाव किया है, तो उसे स्टॉक के प्रदर्शन पर नजर रखने के अलावा औद्योगिक और कंपनी-सम्बंधित समाचारों जैसे विभिन्न घटकों का भी विचार अवश्य करना चाहिए। इससे बाज़ार को परखने और कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारणों को समझने में मदद मिलेगी
स्टॉक मार्केट में निवेश करना काफी फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, यह समझना भी ज़रूरी है कि अपने खुद के अनुभव से सीखने से बेहतर सिखाने वाला और कोई टीचर नहीं होता। इसलिए, एक नौसिखिए को बाज़ार में सावधानीपूर्वक नियोजित एवं व्यवस्थित ढंग से प्रवेश करना चाहिए। इस तरह घाटा होने की सामान्य संभावना कम-से-कम होगी और समुचित प्रतिलाभ (रिटर्न) अर्जित करने की संभावना अधिक होगी।
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