मुंबई, सैमको म्यूचुअल फंड ने अपने पहले एनएफओ ‘सैमको फ्लेक्सी कैप फंड’ की शुरुआत की घोषणा की। यह एनएफओ 17 जनवरी 2022 को खुलेगा और 31 जनवरी 2022 को बंद होगा। सैमको एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर और डायरेक्टर जिमीत मोदी ने कहा, “हम सैमको के पहले फंड के रूप में सैमको फ्लेक्सी कैप फंड की शुरुआत को लेकर काफी उत्साहित हैं। हमारे लक्ष्य के अनुरूप इस फंड को वास्तव में एक्टिव फंड के रूप में डिजाइन किया गया है और इसमें अधिक सक्रिय शेयरों को शामिल किए जाने का लक्ष्य और मंशा है। इसके जरिए यह सुनिश्चित होगा कि निवेशकों को एक्टिव एसेट मैनेजमेंट फी के भुगतान पर वास्तव में ऐसे अलग फंड मिलें, जिनके लिए उन्होंने भुगतान किया था। यह ऐसी दुनिया में काफी तरोताजा करने वाला बदलाव है जहां क्लोज इंडेक्सिंग आम हो गई है।”
अधिक जोखिम समायोजित रिटर्न के लिहाज से उपयुक्त पोर्टफोलियो तैयार करने के लिए सैमको फ्लेक्सी कैप फंड के तहत 3ई रणनीति का पालन किया जाता हैः 1. इफिशिएंट कंपनियों में निवेश: स्कीम केवल ऐसी इफिशिएंट कंपनियों में निवेश करेगी जिनमें लगातार उच्च रिटर्न प्राप्त करने की क्षमता है। सैमको का लक्ष्य पूंजी पर 5%+ समायोजित रिटर्न हासिल करने वाली कंपनियों में निवेश करने का है। इस स्कीम के तहत भारतीय और वैश्विक इक्विटी में 65%: 35% के अनुपात में 25 स्टॉक में निवेश की योजना है। ये स्टॉक सैमको के हेक्साशील्ड फ्रेमवर्क पर खरी उतरने वाली 125 कंपनियों में से होंग2. इफिशिएंट कीमत पर: इस स्कीम के तहत तार्किक/ इफिशिएंट कीमत के साथ प्रतिभूतियों में निवेश किया जाएगा।
3. इफिशिएंट पोर्टफोलियो टर्नओवर और लागत को बनाए रखना: इस रणनीति का तीसरा और अहम स्तंभ छिपे हुए डीलिंग कॉस्ट को कम करना और प्रदर्शन में सुधार करना है। निवेशकों को लगता है कि उनके निवेश के तहत कुल लागत का अनुपात ही एक प्रकार का व्यय होता है जबकि एक छिपी हुई लागत भी होती है, जिन्हें सार्वजनिक नहीं किया जाता हैः फंड के अंदर डील करने की लागत। जब कोई फंड मैनेजर या निवेशक स्टॉक में डील करता है तो उसे कई तरह के शुल्क का भुगतान करना होता है जिनमें ब्रोकरेज कमीशन, 0.1 प्रतिशत की दर से सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स, एक्सचेंज ट्रांजैक्शन चार्ज, स्टांप ड्यूटी, सेबी की फीस शामिल हैं। निवेशकों द्वारा किए गए निवेश की कुल लागत = स्कीम की टीईआर + स्वैच्छिक डीलिंग की लागत
सैमको म्यूचुअल फंड भारत का पहला म्यूचुअल फंड है जो सभी तरह की स्वैच्छिक डीलिंग लागत को पारदर्शी तरीके से सार्वजनिक करेगा। स्वैच्छिक डीलिंग लागत में फंड इनफ्लो/ आउटफ्लो जैसी स्वैच्छिक लेनदेन को छोड़कर खरीद और बिक्री पर आई फंड मैनेजर की पूरी लागत शामिल होगी। एयूएम के एक हिस्से के तौर पर इसकी गणना की जाएगी। इससे निवेशकों को निवेश की कुल लागत की गणना में मदद मिलेगी।सैमको एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ उमेशकुमार मेहता ने लॉन्च को लेकर कहा, “सैमको फ्लेक्सी कैप फंड अपनी डिजाइन की वजह से फ्लेक्सी कैप श्रेणी में अनूठा और शुद्ध इक्विटी फंड है। अन्य फंड्स के विपरीत इसमें केवल भारतीय और वैश्विक शेयरों में निवेश किया जाएगा। कॉरपोरेट डेट, आरईआईटी, डेराइवेटिव्स जैसे अन्य एसेट्स में निवेश की अनुमति नहीं है जिससे यह पूरी तरह से इक्विटी आधारित स्कीम बनी रहती है।
यह 25 स्टॉक पर आधारित पोर्टफोलियो निर्माण की रणनीति है, जिसमें निवेशक तार्किक आधार पर एकाग्रता और विविधीकरण का फायदा उठा सकते हैं और इसमें लोग जरूरत से ज्यादा विविधीकरण से भी बच जाते हैं। इसके साथ ही निवेशकों को बहुत अधिक ग्रोथ वाली वैश्विक कंपनियों में निवेश का अवसर भी मिल जाता है। हालांकि, पोर्टफोलियो में 65% भारतीय शेयरों के बने रहने से इस पर लांग टर्म कैपिटल गेन से जुड़े टैक्स से जुड़े नियम लागू होंगे। यह निवेशकों के लिए विशिष्ट इष्टतम संरचना के तौर पर काम करता है। इसके साथ ही हमें इस बात पर गर्व है कि हम यूनिट होल्डर्स हैंडबुक का प्रकाशन करने वाले पहले एएमसी हैं। इस हैंडबुक में विस्तार से यह बताया जाता है कि किस तरह से निवेशकों के पैसों को मैनेज किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि निवेशकों को प्रक्रिया को लेकर सबकुछ पारदर्शी तरीके से पता रहे और फंड को लेकर उनकी उम्मीद भी बिल्कुल स्पष्ट रहे। ”
सैमको फ्लेक्सी कैप फंड की इक्विटी फंड मैनेजर निराली भंसाली ने कहा, “हमने खरीदो और होल्ड करो की 3-चरण की रणनीति के साथ सैमको फ्लेक्सी कैप फंड का निर्माण किया है, जिसके तहत दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ती और पूंजी के हिसाब से ऐसी एफिशिएंट कंपनियों में निवेश किया जाएगा जो लंबी अवधि में पूंजी में वृद्धि में सक्षम हैं। निवेशक दुनियाभर की सबसे तेजी से आगे बढ़ रही कंपनियों में निवेश का लाभ उठा पाएंगे क्योंकि यह फंड अपनी संपत्तियों का 35% वैश्विक स्टॉक में निवेश करेगा। इससे इतर, चूंकि यह रणनीति पोर्टफोलियो टर्नओवर को घटाने के लिए तैयार की गई है इसलिए हम कम स्वैच्छिक डीलिंग लागत को लेकर कोशिश करेंगे ताकि निवेशकों की कुल लागत तर्कसंगत हो। एक्टिव शेयर के साथ-साथ स्वैच्छिक डीलिंग लागत को सार्वजनिक करके नए मानक स्थापित करते हुए हम काफी उत्साहित हैं।”
इस स्कीम की फंड मैनेजर निराली भंसाली होंगी और धवल धनानी दूसरे देशों में निवेश को समर्पित फंड मैनेजर होंगे। हेक्साशील्ड फ्रेमवर्क के इस्तेमाल से स्ट्रेस टेस्टेड इंवेस्टिंग सैमको म्यूचुअल फंड का स्ट्रेस टेस्टेड इंवेस्टिंग कंपनी के स्वामित्व वाले हेक्साशील्ड फ्रेमवर्क पर आधारित है जो दुनियाभर में सूचीबद्ध कंपनियों का छह मानकों के हिसाब से आकलन करता है। इस परीक्षण के जरिए इस बात का आकलन किया जाता है कि मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में कंपनी खुद को बचाए रखने के लिए पर्याप्त नकदी बनाए रख सकती है या नहीं। इसके जरिए यह समझने की कोशिश भी की जाती है कि क्या कंपनियां बहुत अधिक प्रतिकूल परिस्थितियों सहित विभिन्न प्रकार की आर्थिक स्थितियों में भी पूंजी के आधार पर अधिक कैश रिटर्न अर्जित करने में सक्षम है या नहीं।
यह जटिल वैज्ञानिक और सांख्यिकी से जुड़ी प्रक्रिया जोखिम को लेकर गहरी समझ विकसित करने में मदद करती है और किसी भी तरह के पूर्वाग्रह और व्यक्तिगत मत की आशंका को कम करता है, अनुशासन को बढ़ाता है और सफलता की संभावना को भी बढ़ाता है। स्ट्रेस टेस्ट को पास करने वाली कंपनियां आम तौर पर दो तरह के कैरेक्टर का प्रदर्शन करती हैः 1. वे गंभीर आर्थिक संकट के समय भी अपना अस्तित्व बचा लेती हैं, 2. सामान्य आर्थिक परिस्थितियों में वास्तव में कंपाउंडिंग मशीन के तौर पर करती हैं कामअधिकतर सूचीबद्ध कंपनियां स्ट्रेस टेस्ट में विफल रहती हैं। वास्तव में निफ्टी 500 में शामिल केवल 40 और निफ्टी 50 में शामिल केवल 15 कंपनियां ही सैमको के स्ट्रेस टेस्ट फ्रेमवर्क को पास कर पाती हैं। हेक्साशील्ड फ्रेमवर्क के जरिए स्ट्रेस टेस्ट पास करने वाली कुछ कंपनियों को ही सैमको म्यूचुअल फंड के स्कीम पोर्टफोलियो में जगह मिलेगी। इन स्ट्रेस टेस्टेड बिजनेसेज ने काफी बढ़िया जोखिम समायोजित रिटर्न हासिल करने की क्षमता का प्रदर्शन किया है।
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