नयी दिल्ली - सड़क सुरक्षा का तात्पर्य पूरे समाज के दायित्व से है। न केवल वाहन चालक बल्कि पैदल चलने वाले राहगीर, यातायात विभाग, सड़क निर्माण विभाग, सड़क सुरक्षा नियम विभाग, स्थानीय पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, अस्पताल से लेकर न्यायालय तक। सर्वप्रथम सड़कें पक्की व बिना गडडे वाली हों, समय समय पर जाँच हो।
छोटे बड़े वाहन के लिये अलग अलग लेन का प्रावधान हो। ट्रैफिक पुलिस नियमों में उल्लंघन करने वालों को तय शुदा सजा देने का प्रावधान हो। दुर्घटना होने पर चिकित्सालय ठीक व समय पर उपचार करें, कानूनी कारवाही के चलते कई बार इंसान की जान चली जाती है।
सर्वप्रथम तो इसकी तैयारी प्रत्येक घर से होनी चाहिए ट्रैफिक नियमों का पालन कैसे करना है बचपन से ही बच्चे को सिखानी चाहिए। विद्यालयों में भी समय समय पर इस तरह की ट्रेनिंग होती है। लाइसेंस होना, पूरे पेपर होना, गाड़ी अपनी लेन में ,तय रफ़्तार में, बिना नशा किये, बेल्ट सहित चलानी चाहिए । गाड़ी चलाते हुए मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ।आज की परिस्थिति में मास्क भी अनिवार्य है।
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