जयपुर। जवाहर कला केन्द्र की सुदर्शन कला दीर्घा मंडला आर्ट के सौंदर्य से सराबोर रही। मौका था देहरादून के जाने-माने मंडला आर्ट आर्टिस्ट राजीव वर्मा की बनाई कलाकृतियों की प्रदर्शनी ‘बिन्दी’ के उद्घाटन का। इस मौके पर कला दीर्घा में चारों ओर रंगों की स्वप्निल आभा से सजाई गई कलाकृतियां हर आने वाले को सहज ही अपनी ओर खींच रही थीं। संगीता वर्मा के संयोजन में आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन ख्यातनाम मिनिएचर आर्टिस्ट पद्मश्री तिलक गिताई और भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी राकेश वर्मा ने किया। दोनों ही अतिथियों ने राजीव वर्मा की कलाकृतियों की भूरी भूरी प्रशंसा की। इस मौके पर राजीव वर्मा की मंडला आर्ट शैली में बनाई 30 कृतियां प्रदर्शित की गईं।
राजीव वर्मा की यहां प्रदर्शित की गईं सभी आकृतियां एक कलाकार की जिजिविशा और कलात्मक सोच का बेहतरीन उदाहरण हैं। राजीव वर्मा एक आत्मदीक्षित कलाकार हैं। राजीव मूल रूप से भारत सरकार में उच्चाधिकारी हैं। राजीव ने बताया कि कलात्मक अभिव्यक्ति उनके मन में बचपन से ही रही है लेकिन उसे अभिव्यक्त करने का उन्हें मौका नहीं मिला। कोरोना काल में मिले समय में उन्होंने अपनी जीवन संगिनी संगीता वर्मा के सहयोग से इस अभिव्यक्ति को मूर्त रूप दिया। यहां प्रदर्शित सभी कलाकृतियां उन्होंने डेढ़ वर्ष के समय में बनाई हैं। ये उनके जीवन की पहली आर्ट एग्जीबिशन है।
यहां प्रदर्शित मंडला आर्ट आकृतियों को आकर्षक रूप देने के लिए राजीव ने कुछ सर्किल्स के बीच गणपति, भगवान शिव, गजराज, अश्व, सिंह, लक्ष्मी वाहन उलूक, पंख फैलाकर नृत्य में मगन मोर, माखन चोर कन्हैया आदि आकृतियों को खूबसूरत अंदाज में चित्रित किया है। कलाकार ने इसके अलावा कांच की बोतलों को भी मंडला आर्ट की आकृतियों से सजाया है।मंडला आर्ट कला का एक रूप है जहां रचनाकार आमतोर पर एक गोलाकार रूप में जटिल डिजाइन तैयार करता है। इस डिजाइन में आमतौर पर कई परतें होती हैं जिन पर रंगों का आकर्षक संयोजन देखने योग्य होता है। इस कला में एक केंद्र बिन्दु होता है। कलाकार इसी केंद्र बिंदु को आधार बनाकर उसके चारों ओर तरह तरह की सूक्ष्म आकृतियों का निर्माण करता है.
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