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पत्रकारिता के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए सतत प्रयास रहेगा जारी :अनिल सक्सेना

० आशा पटेल ० 

ब्यावर : राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम द्वारा ब्यावर में  दिवंगत पत्रकार अतुल सेठी की स्मृति में पत्रकार परिचर्चा का आयोजन हुआ।  फोरम के संस्थापक अध्यक्ष अनिल सक्सेना की अध्यक्षता में आयोजित पत्रकार परिचर्चा में गम्भीर एव ज्वलंतशील विषय 'पत्रकारिता के गिरते स्तर, जिम्मेदार कौन'  पर पत्रकार गम्भीर हुए। कार्यक्रम की शरुआत वरिष्ठ पत्रकार अनिल सक्सेना , रामप्रसाद कुमावत,घनश्याम वर्मा ने दीप प्रव्जलित कर की।  कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन देते हुए फोरम के सचिव हेमन्त साहु ने दिवंगत पत्रकार अतुल सेठी का जीवन परिचय करवाया।

 आयोजन में नसीराबाद के वरिष्ठ पत्रकार दिवंगत अतुल सेठी के भाई अजित सेठी का मीडिया एक्शन फ़ोरम द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम की


अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष अनिल सक्सेना ने कहा कि फोरम कोई पत्रकार संगठन नही बल्कि पत्रकार एव पत्रकारिता से जुड़ी चर्चा करने एव दर्द बांटने का एक साझा मंच है,जो आत्मालोकन के साथ समकालीन हालातों पर गम्भीरता से नजर रखता है,विश्लेषण करता है और इस बात की कोशिश में जुटा है कि कैसे व्यवस्था में बदलाव आए,पत्रकारिता सशक्त एव विश्वसनीय बने और पत्रकार का सम्मान एव सुरक्षा मजबूत हो।  इसके लिए हमारा प्रयास सतत जारी रहेगा। हम इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए राजस्थान प्रदेश के प्रत्येक जिले में जाकर पत्रकार चर्चा का आयोजन कर रहे हैं। 

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार धनश्याम वर्मा ने पत्रकारिता जगत में फोरम द्वारा किए इस तरह के आयोजन को सार्थक बताते हुए अनिल सक्सेना का आभार जताया साथ ही पत्रकारिता के गिरते स्तर के लिए बेबाक अंदाज में पत्रकारों को ही इसका जिम्मेदार बताया। श्री वर्मा ने तीन दशक पूर्व एव वर्तमान पत्रकारिता में अंतर बताने के साथ यह भी बताया कि किस तरह आज का युवा पत्रकार प्रशासन ने नजदीकी बढ़ाने के चक्कर मे अपनी प्रतिष्ठा एव सम्मान खो रहे है । उन्होंने कहा कि हमें अपना दायित्व  ईमानदारी व निर्भीकता के साथ निभाना है और ऐसे में  प्रशासन  के लोगो से नजदीकी सम्बध आपके मार्ग में बाधक बनते है, जिससे  समाचारो की तेज धार समाप्त  हो जाती है । 

कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार  रामप्रसाद कुमावत ने कहा कि ब्रिटिश काल मे पत्रकारिता के मकसद अलग थे और आज अलग है। तब देश की आजादी के जुनून में क्रांतिकारी सेनानियों ने घर-परिवार की  परवाह नही की तो पत्रकारों ने भी कलम को तलवार बनाए रखा ।लेकिन अब व्यवसायिकता ने हर क्षेत्र पर  कब्जा कर लिया  और मीडिया अब घराने बन गए है । सम्पादकों की जगह मैनेजर नियुक्त हो गए, जो विज्ञापन लाने के नुस्खे तैयार करते है । मीडिया का जो कार्य जनमत को तैयार करना व जनहित के मद्दों पर जनता का मार्गदर्शन  करना था, वह अब पूरी तरह समाप्त हो रहा है और सरकारे व राजनैतिक दल भी मीडिया का उपयोग अपनी छवि बनाने के लिए करने लगी है । ऐसे में मीडिया खुद  पक्षपाती हो गया है।अर्द्ध सत्य व असत्य खबरे ही परसोकर भ्रम फैलाया जाता है । 

चुनाव में मीडिया के प्रबधंन के लिए राजनैतिक दल मोटा बजट अलग रखने लगी है । ऐसे में छापे गए और टीवी पर दिखाए समाचार  खुद बोलने लगे है कि उनमें सच्चाई कितनी रह गई यह हालत होंगे तो मीडिया का स्तर गिरेगा ही। पत्रकारिता में प्रशिक्षण,शिक्षित वर्ग का होना और करियर चुनते समय  इसकी चुनोतियों को ध्यान में रख जोखिम के इस क्षेत्र में प्रवेश हेतु टीम तैयार करने की जरूरत है।मीडिया ग्लेमर दिखाकर रोब झाड़ने से विसंगतिया बढ़ती है और स्तर गिरता है। 

पत्रकार रमेश शर्मा ने कहा कि अजमेर जिला एव ब्यावर  ने पत्रकारिता के कई आदर्श स्थापित किए है तथा कई अवसरों पर दिग्गजो को आईना दिखाकर सावधान किया है । यह इसलिए संभव हो पाया क्योकि ऐसा करने वाले पत्रकार निष्कलंक रहने  की कीमत चुकाने से डरे नही। आयोजन के दौरान पत्रकार सिद्धार्थ जेन ने अपने स्मरण सुनाए ओर कहा कि 1990 में नसबन्दी अभियान से प्रदेश स्तरीय सम्मान पाने वाले एक आईएएस द्वारा झूठे आंकड़े पेश करने पर उसकी पोल खोली ओर उस समाचार से बौखलाए अधिकारी ने धमकी दी तो उसका जवाब कलम की धार से दिया। 

स्वतन्त्र पत्रकार विमल चौहान ने कहा कि आज मीडिया पूंजीपतियों व सत्ताधारियो की रखेल बन गई है यह भी पत्रकारिता के  गिरते स्तर का बड़ा कारण बना है।आयोजन में महिला प्रतिनिधित्व के रूप में शिक्षाविद कल्पना भटनागर ने मीडिया के गिरते स्तर का कारण लोभ,लालच ओर स्वार्थ को बताते हुए अपने विचार रखे तथा दिंवगत अतुल सेठी से जुड़े स्मरण को साझा किया।

कार्यक्रम में ब्यावर एव अजमेर से आए कई वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने विचार व्यक्त किए।   जिसमे कार्यक्रम संयोजक हेमन्त साहू , युवा पत्रकार कुलभूषण उपाध्याय,संजय सिंह गहलोत,ब्रजपाल सिंह,अरुण बाहेती,अनिल पराशर,मनोज आहूजा, कल्याण आर्य,राधेश्याम दर्जी,दिलीप सिंह,प्रवीण वैष्णव,विष्णु धीमन,गोविंद शर्मा प्रतापगढ के तेज करण राठौड़,हितेश उपाध्याय,हेमंत सालवी, देवेंद्र सक्सेना आदि ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन गिरीश पालीवाल ने किया तथा अशोक लोढा ने आभार व्यक्त किया ।

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