रीवा . समाजवादी जन परिषद के नेता अजय खरे ने कहा है कि मोदी सरकार में बैंकों की हालत बेहद खस्ता होती जा रही है .जनधन की अमानत में खयानत के हालात हैं . बैंकों में जमा धन देश की जनता का है , जिसे बैंक डुबोकर लूटा जा रहा है . अमीरों ने बैंकों से अरबों खरबों रुपए का कर्ज लेकर उसे व्यापार में लगा रखा है , जिससे वह दिन दूना , रात चौगुना कमाई कर रहे हैं . यह भारी विडंबना है कि अमीरों को और मालामाल बनाने के लिए बैंकों के द्वारा कर्ज दिया जाता है उसे वापस करने की जगह कई अमीर विदेश भाग रहे हैं .
सरकार में बैठे लोग , पूंजीपति और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत के चलते बैंक डूब रहे हैं . सरकार अमीरों के लाखों करोड़ों रुपए के कर्ज धड़ल्ले से माफ कर रही है . वहीं किसानों की कर्ज माफी अधर में लटकी हुई है . इधर सरकार यह वादा कर रही है कि वह बैंक डूबने पर ₹500000 तक की राशि लौटाएगी , इसका मतलब यह है कि वह बाकी धन डकार जाएगी . खरे ने कहा कि बैंकों में आम आदमी का पैसा है जिस पर अमीरों की गिद्ध दृष्टि लगी हुई है . यदि कहीं एक रुपए प्रति व्यक्ति भी गड़बड़ होता है तो 130 करोड़ का घपला आसानी से हो जाएगा . पिछले कुछ सालों में बैंक की फिक्स डिपाजिट और बचत खाते की ब्याज दर में भारी गिरावट आई है . बैंकों से अपना पैसा निकालना मुसीबत बन गया है .
एक दौर था जब सरकार के द्वारा बैंक डूबने पर एक लाख रुपए देने की गारंटी दी गई थी लेकिन तब न तो बैंक डूबते थे और न ही इतनी बड़ी राशि लोग बैंक में जमा करवा पाते थे . लेकिन आज के दौर में लाखों लोगों के द्वारा खुद के जीवन काल में कष्ट उठाते हुए अपने और बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए ईमानदारी की कमाई में पेट काटकर बैंकों में रखी गई ₹500000 से अधिक की जमा राशि अब खतरे में पड़ गई है . श्री खरे ने बताया कि इस तरह का अधिकांश पैसा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों का है . काम धंधे के अभाव में बहुत सारे लोग बैंक में जमा पैसे के ब्याज से अपनी आजीविका चलाते हैं .
मोदी राज में बैंक डूबने का सिलसिला बदस्तूर जारी है . अदानी अंबानी जैसे पूंजीपति बैंकों से लोन लेकर अरबों खरबों रुपए का भारी कर्ज माफ करवा लेते हैं . पूंजीपति , सरकार में बैठे लोग और बैंकों के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते बैंक घोटाले हो रहे हैं . वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बता दिया है कि उनके रहते बैंक डूबेंगे और सिर्फ ₹500000 लौटा कर सारा पैसा हजम कर लिया जाएगा . श्री खरे ने कहा कि यदि लोगों का पैसा बैंक में सुरक्षित नहीं है और सरकार उस पैसे की पूरी गारंटी नहीं दे सकती है तो लोगों को वह पैसा अपने पास रखने की इजाजत होना चाहिए .
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