जयपुर : प्लास्टिक्स निर्यातकों की शीर्ष नोडल व्यापार संस्था,प्लास्टिक्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (प्लेक्सकाउंसिल) के अनुसार, अप्रैल से जून 2021 के दौरान भारत का प्लास्टिक्स निर्यात अप्रैल-जून 2020 के 2,211 मिलीयन यूएस डॉलर से 55% ( उच्च 2 अंक की वृद्धि) की मजबूती वृद्धि के साथ 3,417 मिलीयन यूएसडी( संचयी मूल्य) पर पहुंच गया. भारत ने जून 2021 में 60.4% की वृद्धि के साथ 1,301 मिलीयन यूएसडी का निर्यात किया जबकि जून 2020 में 811 मिलीयन यूएसडी का निर्यात किया गया था.
महामारी के बावजूद वित्त वर्ष 21 में भारत का प्लास्टिक्स का संचयी निर्यात लगभग 10 बिलियन यूएसडी हुआ.कंजूमर और हाउसवेयर, कमपोजिट/ एफआरपी प्रोडक्ट, फ्लोर कवरिंग, लेदर क्लॉथ और लैमिनेट, पाइप और फिटिंग, वोवन सॉक्स और एआईबीसी जैसे पैनल ने वित्त वर्ष 22 की प्रथम तिमाही में बेहतर 3 अंकीय वृद्धि दर्ज की जबकि इस अवधि में वैश्विक निर्यात में 100% की वृद्धि हुई थी. वित्त वर्ष 22 की प्रथम तिमाही में मानव हेयर और संबंधित प्रोडक्ट के निर्यात में 350% से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई . वित्त वर्ष 22 की प्रथम तिमाही में राइटिंग इंस्ट्रूमेंट(74%),
रिजिड पैकेजिंग(52.6%), कोर्डिज और फिशनेट(60.9%), पॉलिस्टर फिल्म्स(34.7%), और प्लास्टिक रॉ मैटेरियल(16.9) जैसे पैनल ने भी उच्च दो अंकीय वृद्धि दर्ज की.हाल के बाजार अध्ययन में प्लेक्सकाउंसिल ने कहा कि प्रथम तिमाही के दौरान प्लेक्सकाउंसिल ने निर्यात बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाए. उसने फ्रांस और यूरोप को भारत का प्लास्टिक निर्यात बढ़ाने के लिए इंडो- फ्रेंच चेंबर के साथ हाथ मिलाया. फ्रांस को मूल्यवर्धित प्लास्टिक का भारत का निर्यात बढ़ने की संभावना लगभग 5.6 बिलीयन यूएसडी है. भारत का फ्रांस को प्लास्टिक निर्यात लगभग 162 मिलियन यूएसडी है. भारत का यूके को मूल्यवर्धित प्लास्टिक के निर्यात में 5.6 बिलीयन यूएसडी की वृद्धि होने की संभावना है. भारत यूके को 365.7 मिलीयन यूएसडी का निर्यात कर रहा है.
प्लेक्सकाउंसिल के चेयरमैन, अरविंद गोयनका ने कहां, " वित्त वर्ष 22 की प्रथम तिमाही में प्लास्टिक निर्यात मैं दिखी वृद्धि भारतीय निर्यातकों के भारी प्रयास और उद्यमशीलता की भावना को दर्शाती है, जिन्होंने महामारी के दौरान अनेक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद वृद्धि दर्ज की है. काउंसिल उभरते सप्लाई चैन मैनेजमेंट परिस्थिति में ग्लोबल सप्लायर्स को टारगेट करने और प्रमुख कंपनियों की तलाश करने के लिए अनेक प्रोएक्टिव कदम उठा रही है. यूस , यूके, ईयू और फ्रांस मेक इन इंडिया प्लास्टिक के बढ़ते निर्यात के लिए अनेक अवसर ऑफर करते हैं. "
भारतीय प्लास्टिक निर्यातक सरकार से भारतीय गुड्स को स्पर्धात्मक बनाने, यूके,यूस और ईयू में वेयरहाउसिंग के लिए अनुदान देने और यहां भारतीय स्टेटसहोल्डर निर्यातकों को सस्ती ब्याज दर पर कर्ज देने आदि के लिए मुक्त व्यापार करार (एफटीए ) पर विचार करने और व्यापार भागीदारी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय निरंतर प्लास्टिक निर्यातकों को इंगेज कर रहा है इसमें मुख्यत: एमएसएमई का समावेश है. प्लास्टिक निर्यातकों ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी संस्थाओं के साथ सामंजस्य स्थापित करने की उद्योग मंत्रालय की पहल का स्वागत किया है.
प्लेक्सकाउंसिल के चेयरमैन, अरविंद गोयनका ने कहां, " वित्त वर्ष 22 की प्रथम तिमाही में प्लास्टिक निर्यात मैं दिखी वृद्धि भारतीय निर्यातकों के भारी प्रयास और उद्यमशीलता की भावना को दर्शाती है, जिन्होंने महामारी के दौरान अनेक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद वृद्धि दर्ज की है. काउंसिल उभरते सप्लाई चैन मैनेजमेंट परिस्थिति में ग्लोबल सप्लायर्स को टारगेट करने और प्रमुख कंपनियों की तलाश करने के लिए अनेक प्रोएक्टिव कदम उठा रही है. यूस , यूके, ईयू और फ्रांस मेक इन इंडिया प्लास्टिक के बढ़ते निर्यात के लिए अनेक अवसर ऑफर करते हैं. "
भारतीय प्लास्टिक निर्यातक सरकार से भारतीय गुड्स को स्पर्धात्मक बनाने, यूके,यूस और ईयू में वेयरहाउसिंग के लिए अनुदान देने और यहां भारतीय स्टेटसहोल्डर निर्यातकों को सस्ती ब्याज दर पर कर्ज देने आदि के लिए मुक्त व्यापार करार (एफटीए ) पर विचार करने और व्यापार भागीदारी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय निरंतर प्लास्टिक निर्यातकों को इंगेज कर रहा है इसमें मुख्यत: एमएसएमई का समावेश है. प्लास्टिक निर्यातकों ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी संस्थाओं के साथ सामंजस्य स्थापित करने की उद्योग मंत्रालय की पहल का स्वागत किया है.
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