0 सुषमा भंडारी 0
2 जून
कैसे भूलूँ ?
बनकर एक जुनून
आया धरा पर
चमका बनकर सितारा
फैलाई रौशनी
भारोतोलन में ( whight lifting)
लिए मैडल
गोल्ड, सिलवर,नेशनल
दिया सुकून
सच!
कैसे भूलूँ ?
२ जून
बनकर एक जुनून
आया धरा पर
कुदरत की माया
अल्पायु में तुझे अपने पास बुलाया
मगर! तू हर दिल में समाया
अफ़सोस बेटा सिर्फ ये है
कि, तू कम समय के लिए आया
आज बेशक प्रत्यक्ष दिखाई नहीं दे रहा
मगर तुम्हारी चमक इन सितारों में
हमेशा रहेगी,आज के दिन इस धरती पर आया
बहुत बहुत मुबारक उस माँ को जिसे वो कोख नसीब हुई जिसमें तुम रहे, बहुत बहुत मुबारक उस पिता को जिसे पिता होने का सम्मान प्राप्त हुआ, बहुत बहुत मुबारक उस बहिन को जिसे उस चमकते सितारे की कलाई पर प्रेम का धागा बांधना नसीब हुआ। आओ उस सितारे की चमक को महसूस करें दुःख न मनायें, ताकि सितारा अपनी चमक बिखेरता रहे ताउम्र___
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