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बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर अन्नदान कर जरूरत मंद लोगों के जीवन में खुशियां लाने का प्रयास

० संवाददाता द्वारा ० 

ग्वालियर - दुनिया में भारत वर्ष की गरिमा या भारत का नाम तथागत गौतम बुद्ध के कारण ही है। बुद्ध का मतलब ही समता, स्वतंत्रता, बन्धुता एवं न्याय को इंगित करता है। लगातार लोकडाउन के कारण बहुत अति गरीब लोग भूखों मरने की स्थिति में आ गये हैं। उन जरूरत मंद लोगों को जरूरी किचिन राशन सामग्री वितरण हेतु ये संस्था एक प्रयास कर रही है लोगों को तथा उनके परिवार को कोई काम या मजदूरी भी नहीं मिल पा रही गोपाल किरन समाजसेवी संस्था ने जन सहयोग से अन्नदान किट ज़रूरत मंद परिवार को प्रदान किया। 
 जिसमे आटा, चावल, दाल, चीनी , तेल, सब्जी आलू, प्याज, मसाले, साबुन, कपड़े का थेला आदि का वितरण संगीता शाक्य,( डिवीजनल कमाण्डेन्ट, होमगार्ड, ने वितरित किया। वितरण से पूर्व श्रीमती शाक्य ने अपना सन्देश देते हुए कहा कि विश्व में समता मूलक समाज के प्रेणता , समाज को प्रज्ञा का संदेश देने वाले तथा किसी चमत्कार या कल्पना के स्थान पर आत्म दीपो भव का मंत्र देने वाले तथागत बुद्ध को सादर नमन । आज हम सभी को भगवान बुद्ध के बताये अष्टांग मार्ग पर चल कर अनुशासित जीवन जीने की जरूरत है तभी हम कोरोना महामारी से अपना, अपने परिवार का और अपने समाज एवं देश को मुक्ति दिला सकते है और यही आज समय की मांग भी है l हमारा प्रयास रहेगा कि कोई भी व्यक्ति भूखा नही सोये । मानवता की विचार धारा और जन कल्याण की विचार धारा पर कार्यरत रहेंगे। उसके बाद डॉ. प्रवीण गौतम, एसोसियेट प्रोफेसर जी ने बताता कि जिन परिरस्थिओ मैं काम किया वह काबिले तारीफ है।

भगवान बुद्ध ने कभी नहीं कहा कि मुझे पूजे उन्होंने एक रास्ता दिखाया है।  एच. बी.हँसपुरिया, निज सहायक पुलिश महानिरीक्षक महिला अजमेर सिंह राजे,पार्षद,छावनी बोर्ड मुरार, किशन लाल हिंडोलिया पूर्व सदस्य किशोर न्यायलय, आदि उपसिथत थे। संचालन करते हुऐ श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, अध्यक्ष गोपाल किरन समाज सेवी संस्था ने बताया कि गोपाल किरन समाजसेवी सं स्था एक स्वेच्छिक संस्था है जो कि प्रदेश मैं 1986 से शहरी ओर ग्रामीण क्षेत्र मैं 1993 से कार्यरत है। संस्था करते उन्हें उचित इलाज या चिकित्सा परामर्श की सुविधा मै सहयोग प्रदान किया जा रहा है। साथ ही शहर व गांव में लोगों को मास्क लगाने के लिए भी निरंतर प्रेरित कर रहे है। 

ताकि ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का अधिक फैलाव न हो। उन्होंने कहा कि गांव में लोगों को जागरूक किया जाए कि अगर कोई व्यक्ति बीमार है या उसमें लक्षण हैं तो वे घर में जहाँ से हवा आती हो उस कमरे मैं स्वयं को आइसोलेट कर लें तथा डॉक्टर से उचित परामर्श प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि सभी सदस्य अपने एरिया में लॉकडाउन व कंटेनमेंट की सभी गाइडलाइन की अनुपालना जरूर करें । आंकड़ो के अनुसार पिछले कुछ दिनों में जिला में पॉजीटिवीटी रेट में कमी आई है तथा अब अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या कम हो रही है। संस्था ने बनाये गये हेल्प सेंटर मैं आने वाली कॉल्स व लोगों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के संबंध में जानकारी दी। कार्यक्रम के उद्देश्य पर जहाँआरा ने जानकारी दी। 

ग्वालियर में  कोरोना सक्रमंण की दूसरी लहर खतरनाक रूप से सा मने आई जिस कारण पहले की तुलना मे लोग डर के कारण आवागमन ओर बाहर कम निकले। ऐसे मे रोटी का इंतजाम करने वालो की परेशानी बढ़ी, क्योंकि बाहर सभी कामकाज ओर कारोबार बंद हो गये। श्याम बाबू हँसपुरिया आर.एस.बघेल अशोक निम,इंजीनियर आर.एस. वर्मा,पुणे, मोहन सिंह,निरीक्षक,रेडिओ,भोपाल,पद्मजा पिल्लई ,निहाल चंद्र शिवहरे, झांसी, का भी योगदान रहा है। साथ ही राधा सैनी, मंजू मसोरिया, गौरीशंकर ने सक्रिय भागीदारी की।
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