० आशा पटेल ०
नई दिल्ली- ईपीसीएच ने निर्यातक सदस्यों के लिए “महामारी के दौरान उत्पादन प्रोटोकॉल पर विचार” नाम से एक जागरूकता (वर्चुअल) वेबिनार का सफलतापूर्वक आयोजन किया. ईपीसीएच अध्यक्ष रवि के पासी, ईपीसीएच उपाध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा, ईपीसीएच महानिदेशक राकेश कुमार, ईपीसीएच उपाध्यक्ष कमल सोनी, मुरादाबाद के क्षेत्रीय संयोजक अवधेश अग्रवाल, प्रमुख निर्यातकों प्रदीप मुचला, राजेश जैन के साथ ही वेबिनार में बड़ी संख्या में सदस्य निर्यातक मौजूद थे.
वेबिनार के दौरान ईपीसएच उपाध्यक्ष राजकुमार मल्होत्रा प्रमुख वक्ता थे. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में अपने विस्तृत अनुभव को साझा किया और हस्तशिल्प उत्पादन इकाइयों में कोविड अनुपालन को कैसे लागू करना है इस पर नवीनतम तरीकों की जानकारी दी. उपरोक्त विचार विमर्श के मुख्य वक्ता राजकुमार मल्होत्रा ने अपने कारखाना परिसर का उदाहरण देते हुए कोविड महामारी से सुरक्षा के लिए अपने अपने कारखानों में सुरक्षा के लिए अपनाए जा सकने वाले महत्वपूर्ण कदमों के बारे में विस्तार से बताया.
उन्होंने एक विस्तृत पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए लोगों के बुखार को नियमित मापने, कार्यस्थल के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने, आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल, कोविड प्रोटोकॉल की निगरानी के लिए कंपनी में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति, वैक्सीनेशन के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने, आपूर्तिकर्ताओं के जरिए कच्चे माल का आना, आपूर्तिकर्ताओं के अनुपालन के साथ तैयार उत्पादों की निकासी और ऐसे कई कदमों की जानकारी दी जिससे कार्यस्थल को सभी के लिए सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करने वाला बनाया जा सकता है.
ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने अपने संबोधन के दौरान प्रतिभागियों को बताया किया कि कोविड महामारी ने विनिर्माण सेक्टर में उनके श्रमिकों की सुरक्षा के लिए कोविड अनुपालनों के महत्व को आगे लाया है. उन्होंने बताया कि हाल ही में कोविड महामारी और आर्थिक बंदी ने अनुपालन शब्द को वापस लोकप्रिय बना दिया. इस सेक्टर के हस्तशिल्प उत्पादन इकाइयों को ईपीसीएच से संशोधित कोविड गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करते हुए चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और उबरना होगा.
ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने अपने संबोधन के दौरान प्रतिभागियों को बताया किया कि कोविड महामारी ने विनिर्माण सेक्टर में उनके श्रमिकों की सुरक्षा के लिए कोविड अनुपालनों के महत्व को आगे लाया है. उन्होंने बताया कि हाल ही में कोविड महामारी और आर्थिक बंदी ने अनुपालन शब्द को वापस लोकप्रिय बना दिया. इस सेक्टर के हस्तशिल्प उत्पादन इकाइयों को ईपीसीएच से संशोधित कोविड गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करते हुए चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और उबरना होगा.
रवि के पासी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि महामारी के प्रकोप के साथ उद्योग ने एक मंदी का अनुभव किया जिसने कंपनियों और संस्थानों को अपने कार्यबल की सुरक्षा के लिए कठोर कदम कदम उठाने के लिए मजबूर किया और सदस्य प्रतिभागियों के साथ विचार साझा करने के लिए श्री मल्होत्रा और अन्य वक्ताओं की सराहना की. उन्होंने कहा कि मल्होत्रा ने जो जानकारी साझा की है वो निश्चित ही इस महामारी के वातावरण के दौरान प्रभावी ढंग से कार्य संचालन के लिए अन्य हस्तशिल्प उत्पाद क्षेत्रों की मदद करेगा.
इस बैठक को ईपीसीएच उपाध्यक्ष कमल सोनी, मुरादाबाद के क्षेत्रीय संयोजक श्री अवधेश अग्रवाल और प्रदीप मुछला और जाने माने निर्यातक राजेश जैन ने भी संबोधित किया. उन्होंने इस महामारी के दौरान स्थिति से निपटते हुए अपने कारखानों में उत्पादन को चालू रखने के अनुभवों को साझा किया. चालू वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-मार्च की अवधि के दौरान हस्तशिल्प के निर्यात के अनुमानित आंकड़े 25558.94 करोड़ रुपये (3443.45 मिलियन अमेरिकी डॉलर) हैं. यह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में रुपये के संदर्भ में 1.14% की वृद्धि और डॉलर के संदर्भ में (-)3.39 % की गिरावट को दर्शाता है.
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