Halloween Costume ideas 2015

नई शिक्षा नीति में पशु चिकित्सा शिक्षा पर परिदृश्य व संभावनाओं पर ऑनलाइन चर्चा

० आशा पटेल ० 

बीकानेर। वेटरनरी विश्वविद्यालय की स्थापना के ग्यारह वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में “नई शिक्षा नीति, पशुचिकित्सा शिक्षा: परिदृश्य एवं संभावनाएं” विषय पर ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के शैक्षणिक, अनुसंधान एवं प्रसार क्षेत्रों में प्रगति को प्रजेटेशन के माध्यम से बताया एवं कहा कि विश्वविद्यालय का राज्य के 22 जिलों में फैलाव हो चुका है। 

उन्होंने मुख्य उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए बताया की राज्य सरकार ने हाल ही में नावा, नागौर में नवीन पशुचिकित्सा महाविद्यालय की घोषणा की थी जिसके लिए इन्फ्रास्ट्रेक्चर एवं मानव संसाधन हेतु वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। विश्वविद्यालय के तीनों वेटरनरी महाविद्यालयों को भारतीय पशु चिकित्सा परिषद् द्वारा मान्यता, विश्वविद्यालय को यू.जी.सी. 12 बी की मान्यता, पशुधन अनुसंधान फार्मोें की कृषि भूमि का जैविक प्रमाणिकरण, राज्य सरकार द्वारा डेयरी साईंस और टेक्नोलॉजी महाविद्यालय एवं डेयरी और फुड टेक्नोलॉजी महाविद्यालय के लिए घोषणा, जयपुर स्थित दुग्ध जाँच प्रयोगशाला का एन.ए.बी.एल. प्रमाणिकरण, नये पशु विज्ञान केन्द्रों की स्थापना आदि प्रमुख है। बहुत ही अल्प समय में राजुवास एक मल्टीफैकल्टी विश्वविद्यालय बन गया है। 

कुलपति ने पशुधन एवं पशुपालकों के हित में किए जा रहे कार्यों और योजनाओं की जानकारी साझा की। अतिथि प्रो. इन्द्रजीत सिंह, कुलपति, गुरू अंगद देव पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना ने नई शिक्षा नीति में बहुसंकाय शिक्षा पर बल दिया। पशुचिकित्सा एवं पशु पालन का क्षैत्र बहुत व्यापक है अतः नई शिक्षा नीति के अनुसार हमें पशुचिकित्सा में विभिन्न आयामों पर ध्यान देना होगा एवं उद्यमित को विकसित करना होगा जिससे रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेगें। प्रो. के.एम.एल. पाठक, पूर्व उपमहानिदेशक आई.सी.ए.आर., नई दिल्ली ने अपने उद्बोधन में कहा कि राजस्थान में पशुपालन आजीविका का मुख्य स्त्रोत रहा है 

अतः नई शिक्षा नीति के तहत पशुचिकित्सा एवं पशुपालन के क्षैत्र में भविष्य की रूपरेखा तैयार करके इस क्षैत्र में अधिक से अधिक रोजगार सृजन करने चाहिए। भारतीय पशु चिकित्सा परिषद् के अध्यक्ष डॉ. उमेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि वेटरनरी विश्वविद्यालय, बीकानेर ने समयनुसार अपने आप में परिवर्तन किया है जो कि इसकी सफलता का कारण है। हमें पशुपालकों के गुणवत्ता युक्त पशुचिकित्सा सेवाऐं उपलब्ध करवानी चाहिए। पशुधन के स्वास्थ्य के साथ ही हम मानव स्वास्थ्य की परिकल्पना कर सकते है। राजुवास के पूर्व कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने कहा कि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार तीनों घटकों में नवाचार द्वारा राजुवास में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। पशुचिकित्सा के क्षैत्र में वर्तमान की आवश्यकता एवं चुनौतीयों के मध्यनजर हमें कौशल विकास, स्वरोजगार, डिजिटीलाईजेसन, पशु विविधिकरण जैसे नये आयामों पर कार्य करना होगा। राजुवास के बोर्ड ऑफ मैनेजमेट के सदस्य उद्योगपति अशोक मोदी, डॉ. अमित नैन, पूर्व अधिष्ठाता प्रो. बी.के. बेनिवाल एवं प्रो. राकेश राव ने भी परिचर्चा में अपने विचार रखे। 

इस अवसर पर वेटरनरी विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क प्रकोष्ठ द्वारा प्रकाशित “राजुवास ई-बुलेटिन”, प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रकाशित “पशुपालन नए आयाम” पशुधन चारा संसाधन प्रबंधन एवं तकनीक केन्द्र द्वारा प्रकाशित “पशु आहार एवं चारा बुलेटिन” एवं अधिष्ठाता स्नात्तकोत्तर शिक्षा द्वारा प्रकाशित “पी.जी. रेगुलेशन-2021” का विमोचन किया गया। चार घंटे तक चली परिचर्चा के दौरान राजुवास की प्रगति विषय पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। इस परिचर्चा में प्रो. ए.पी.व्यास, कुलसचिव अजित सिंह, वित्तनिय़ंत्रक प्रताप सिंह पूनिया, राजुवास के डीन-डायरेक्टर, शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी एल्युमुनाई, पशुपालक एवं किसान विश्वविद्यालय की वेबसाईट, फेसबुक पेज से जुडे़। लगभग 67000 लोगो तक इस परिचर्चा की पहुंच रही। प्रो. आर.के. सिंह अधिष्ठाता वेटरनरी कॉलेज, बीकानेर ने परिचर्चा के आरम्भ में सभी का स्वागत किया। प्रो. हेमन्त दाधीच ने परिचर्चा का संचालन किया। आयोजन सचिव प्रो. राजेश कुमार धूड़िया, निदेशक प्रसार शिक्षा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. अशोक डांगी, प्रभारी, आई.यू.एम.एस. आयोजन सह-सचिव रहे।

विद्यार्थियों हेतु ऑनलाइन पोस्टर एवं कविता लेखन प्रतियोगिता का हुआ भी आयोजन हुआ ।वेटरनरी विश्वविविद्यालय में स्थापना दिवस के तहत विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कविता लेखन एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। “कोरोना जागरूकता” विषय पर आयोजित प्रतियोगिता में पलक गुप्ता प्रथम, भाविका भाटी एवं रचना सोन क्रमशः द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। ऑनलाइन कविता लेखन प्रतियोगिता में सत्यनारायण प्रथम, रितु शर्मा एवं भाविका भाटी क्रमशः द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। प्रो. संजीता शर्मा डीन, पी.जी.आई.वी.ई.आर., जयपुर की चेयरमैनशिप में डॉ. रजनी जोशी, डॉ. बरखा गुप्ता एवं डॉ. मितेश गौड़ के संयोजन में इन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
-
Labels:

एक टिप्पणी भेजें

MKRdezign

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *

Blogger द्वारा संचालित.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget