नयी दिल्ली -उत्तर पूर्वी जिले के मुस्तफाबाद इलाके की जामा मस्जिद में जामा मस्जिद की इंतज़ामिया समिति ने बच्चों को पढ़ने ने लिए एक लाइब्रेरी शुरू की है जिसमें उत्तरी ज़िले के ACP वेद प्रकाश ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करके प्रबंधन समिति के लोगों के साथ लाइब्रेरी का उट्घाटन किया। किसी भी समाज को इज़्ज़त तभी मिल सकती है जब वह समाज शिक्षित हो और यदि वह समाज धार्मिक संस्थानों के ज़रिये शिक्षा देना शुरू कर दे तो समझ लेना चाहिए कि अब इंक़लाब की शुरुआत हो गयी है और समाज व देश की तरक्क़ी को कोई नहीं रोक सकता है ।
वेद प्रकाश ने अपने सम्बोधन मे कहा कि मस्जिदों मे लाइब्रेरी बनना अपने आप मे बेहद सराहनीय क़दम है मुस्लिम धर्म के हिसाब से पढ़ाई के लिए यदि आपको सात समंदर पार भी जाना पड़े तो आपको जाना चाहिए तो हम क्यों नहीं पढ़ाई पर ज़ोर दें , लाइब्रेरी एक ऐसी जगह जहाँ पर आप बैठकर एकांत में जितना चाहे पढ़ सकते हैं और लाइब्रेरी यदि मस्जिद में हो तो इबादत व पढ़ाई साथ साथ हो जायेंगी फिर निश्चित ही कामयाबी आपके क़दम चूमेगी, जामा मस्जिद पब्लिक लाइब्रेरी का खुलना अपने आप में एक मिसाल कायकम करेगी व सभी मस्जिदों को इससे सीख लेकर अपने अपने इलाक़ों मे लाइब्रेरी या कोई भी शिक्षा के काम की शुरुआत करनी चाहिए इस काम मे मेरी कही भी ज़रूरत पड़ेगी तो मैं हर समय आपके लिए तैयार हूँ।
सुहैल सैफी अध्यक्ष सोफिया संस्था ने कहा कि कोई भी समाज, कोई भी देश, कोई भी व्यक्ति जब तक तरक्की नहीं कर सकता जब तक शिक्षा का स्तर ठीक न हो जाये तो हमें ये अभियान चलाने की ज़रूरत है कि हमारी मस्जिदें हमारा शिक्षा का घर भी बने व बच्चे यहाँ पढ़ने के साथ साथ अपनी नमाज़ों की पाबंदी भी करें, मस्जिदों के तमाम हॉल बहुत कम समय के लिए इस्तेमाल होते हैं यदि इनमे कोई शिक्षा का काम शुरू किया जाये तो समाज को बदलाव की तरफ ले जाया सकता है और हम एक नए व शिक्षित भारत की कल्पना कर सकेंगे जामा मस्जिद की इस पहल की वजह से हम समाज में एक नया अध्याय लिखने की तरफ बढ़ रहे हैं और मुझे यकीन है कि समाज इस बदलाव को स्वीकार करेगा और एक नयी शुरुवात का स्वागत करेगा इस लाइब्रेरी को शुरू करवाने मे मौलाना आकिल ने बहुत मेहनत की है।
इस मोके पर मौलाना आकिल, हाजी अब्दुर रेहमान(सदर जामा मस्जिद), मेहबूब मालिक, मौलाना सरवर, मौलाना इरशाद, डॉक्टर उस्मान व् अन्य लोग मौजूद रहे ।
एक टिप्पणी भेजें