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माइंस व हिन्दुस्तान जिंक की टीम करेगी खनन खोज -एसीएस डाॅ. अग्रवाल

० आशा पटेल ० 

जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि राज्य में माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग व हिन्दुस्तान जिंक के विषेषज्ञ मिलकर प्रदेष में खनन खोज एवं खनन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए समन्वित प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए हिन्दुस्तान जिंक और विभाग के विषेषज्ञ अधिकारियों की टीम गठित की जाएगी। इससे प्रदेष में खनन खोज और खनन कार्य को गति मिलेगी व प्रदेष में राजस्व व रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम डाॅ. सुबोध अग्रवाल को सचिवालय से वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से हिन्दुस्तान जिंक के लिए कार्य कर रही एक्सपर्ट बोस्टन कंसल्टिंग गु्रप बीसीजी टीम और विभाग के माइनिंग और जियोलाॅजी के वरिष्ठ अधिकारियों से रुबरु हो रहे थे। उन्होेंने बताया कि यह वीडियो काॅन्फ्रेसिंग पिछले दिनों मुख्यमंत्री श्री अषोक गहलोत के साथ वेदांता समूह के चेयरमेन अनिल अग्रवाल के साथ हुई चर्चा के निर्णयों को आगे बढ़ाने के उद्देष्य से आयोजित की गई। उल्लेखनीय है कि चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने कहा था कि राजस्थान में अपार खनिज संपदा मौजूद है। 

खनन के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए पूरी प्रतिवद्धता, तकनीक, पारदर्षिता और इंवेस्टमेंट फ्रैण्डली के रुप में काम किया जाएगा। श्री अग्रवाल ने कहा था कि आॅक्षन प्रक्रिया को बेहतर बनाकर और तकनीक का प्रयोग कर राजस्थान को खनिज खनन के क्षेत्र में अव्वल प्रदेष बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया इन निर्णयों को आगे बढ़ाते हुए मोटे रुप से दो दिषाओं में कार्य किया जाएगा जिसमें एक तो ऐसे क्षेत्रों को लिया जाएगा जहां अभी पूरी तौर से एक्सप्लोर नहीं हुआ है व दूसरा वह क्षेत्र जिसमें अभी तक पार्टली एक्सप्लोरेषन कार्य हुआ है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में अथाह खनिज संपदा है और उसके खोज और खनन कार्य को गति देने से राज्य में राजस्व बढ़ने के साथ ही रोजगार के अवसरों का भी विस्तार हो सकेगा।

डाॅ. अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा गत माह माइनिंग क्षेत्र के लिए जो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं उनका लाभ उठाते हुए प्रदेष में खनिज कार्य को आगे बढ़ाने की दिषा में कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में कंपोजिट लाइसेंस के माध्यम से आॅक्षन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की संभावनाओं और बिना एक्सप्लोरेषन के भी आॅक्षन की प्रक्रिया शुरु करने की संभावनाओं को तलाषा जाएगा। उन्होंने बताया कि नाॅन एक्सप्लोसिव प्रोस्पेक्टिव लाइसेंस की दिषा में कदम बढ़ाया जाएगा वहीं राज्य में खनन खोज व खनन कार्य में निजी क्षेत्र के विषेषज्ञों की सेवाओं की भी संभावना तलाषी जा रही है। उन्होंने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक और बीसीजी के साथ वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा संभावनाओं को तलाष में बढ़ता कदम है।

हिन्दुस्तान जिंक के विषेषज्ञों ने पीपीटी प्रजेंटेषन के माध्यम से विस्तार से देष में खनन गतिविधियांे व राजस्थान की संभावनाओं पर सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़, उडीसा आदि राज्यों ने अपने यहां सरलीकरण किया है जिससे वहां खनन गतिविधियों को गति मिली है। उन्होंने प्रदेष का स्टेट वाइड मिनरल मेप बनाने, एक्सप्लोरेषन सेल गठित करने, संबंधित विभागों में परस्पर समन्वय के लिए इज आॅफ डूइंग के तहत सिंगल विण्डों क्लियरेंस सिस्टम विकसित करने और आंतरिक व बाहरी रिसोर्सेज को मजबूत बनाने का सुझाव दिया।

बैठक में निदेषक माइंस केबी पण्ड्या, उप सचिव नीतू बारुपाल, हिन्दुस्तान जिंक से अरुण मिश्रा, जयरामन, सुनील वषिष्ठ, केयर्न के शाष्वत कुलश्रेष्ठ, अतिरिक्त निदेषक एनके कोठ्यारी, प्रदीप अग्रवाल, एनएस शक्तावत,  आलोक जैन, ओएसडी महावीर मीणा हिन्दुस्तान जिंक, बीसीजी और विभाग के अधिकारियांे ने हिस्सा लिया।
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