० संवाददाता द्वारा ०
नयी दिल्ली -‘सहज संभव’ संस्था (नई दिल्ली) द्वारा होली मिलन समारोह एवं कवि सम्मेलन का आयोजन बहुत ही शानदार रहा । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ककरोला क्षेत्र के गणमान्य पार्षद राजदत्त गहलोत थे और विशिष्ट अतिथि महेश चंद्रा (डी०डी०ओ०, शिक्षा विभाग ) व प्रागी लाल ( विद्यालय निरीक्षक )थे । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय की भूतपूर्व प्रोफ़ेसर डॉक्टर प्रेम सिंह ने की । इस कार्यक्रम के संयोजन का कार्यभार सुषमा भंडारी ने निभाया ।
इस होली मिलन कार्यक्रम में प्रमिला मलिक , शुभी शुक्ला , पुनीता , पं० देवकांत झा और मिस इंडिया परिधि ठाकुर की गरिमामयी उपस्थिति रही । कार्यक्रम का संचालन संतोष कुमारी ‘संप्रीति’ (शिक्षिका सह कवयित्री ) ने किया कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि के हाथों दीप प्रज्वलन द्वारा हुई । इसके बाद ज्ञान की देवी सरस्वती की वंदना ‘’मेधा बल की स्वामिनी , नमन करो स्वीकार ‘’..रचना द्वारा सामूहिक रूप से की गई ।कार्यक्रम में उपस्थित कवियों ने लाजवाब काव्य पाठ करके श्रोताओं का मन मोह लिया । गीतकार ज्ञानेंद्र शुक्ल वत्सल के गीत ‘ हुई है वाटिका मधुरिम, नया आयाम मिलता है ‘ ने ख़ूब तालियाँ बटोरी ।
कवयित्री गुलफ्शां इदरीसी की सुरीली पंक्ति ‘’ समता का अधिकार पाना , हर किसी का धर्म है ‘’ ने समाँ बाँध दिया ।प्राज्ञी जी ने अपनी मार्मिक रचना के द्वारा ‘बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ’ का सुंदर संदेश दिया । कवयित्री सरला मिश्रा की प्रस्तुती अनुपम रही । कवि श्री राजेंद्र चंचल ने हास्य व्यंग्य विधा द्वारा दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया । कवयित्री संतोष कुमारी ‘संप्रीति’ ने ‘’मैं रंगों से सराबोर हूँ ,हाँ ! मैंने आज होली खेली ‘’रचना द्वारा रंग बिरंगी होली का अहसास कराया । पंडित देवकांत झा जी और मिस इंडिया परिधि ठाकुर ने अपने उद्बबोधन से अपनी शालीनता का परिचय करवाया ।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षा प्रोफ़ेसर डॉक्टर प्रेम सिंह ने ‘’बासंती प्यार री !मन बासंती कर दे ‘’ कविता के द्वारा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में होली मिलन कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रंशसा की और ‘सहज संभव’ परिवार की संस्थापिका एवं सहयोगी सदस्यों को साधुवाद दिया । अंत में कार्यक्रम की सूत्रधार श्रीमती रेखा विनोद झिंगन ने बहुत ही शानदार ढंग से आमंत्रित अतिथियों और कविवृंद के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया ।
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