पांच साल में टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की पहली नीलामी म 77,814.80 करोड़ रुपये के सपेक्ट्रम खरीदने के साथ खत्म हुई, जिसमें ज्यादातर स्पेक्ट्रम मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने खरीदा। टेलीकॉम कंपनियों द्वारा स्पेक्ट्रम की कीमतों का भुगतान अगले 18 वर्षों में किया जाएगा।
नई दिल्ली, दो दिन चली दूरसंचार विभाग की स्पेक्ट्रम नीलामी समाप्त हो गई। रिलायंस जियो ने सभी 22 सर्किलों में स्पेक्ट्रम खरीदा है। रिलायंस जियो द्वारा खरीदे गए स्पेक्ट्रम की कुल कीमत 57123 करोड़ रू है। इस खरीद के बाद रिलायंस जियो के पास कुल 1717 मेगा हर्ट्ज (अपलिंक+डाउनलिंक) हो जाएगा जो पहले के मुकाबले 55फीसदी अधिक है। स्पेक्ट्रम की खरीद से रिलायंस जियो को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
रिलायंस जियो ने जो स्पेक्ट्रम खरीदा है उसका इस्तेमाल 5जी सर्विस देने के लिए भी किया जा सकता है। रिलायंस जियो ने हाल ही में घोषणा की थी कि उसने स्वदेशी 5जी तकनीक विकसित कर ली है जिसे अमेरीका में टेस्ट कर लिया गया है। रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी ने भी इसी वर्ष 5जी लॉन्च की घोषणा की है।
इस अवसर पर बोलते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि “जियो ने भारत में डिजिटल क्रांति ला दी है, भारत डिजिटल-लाइफ को तेजी से अपनाने वाला देश बन गया है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अपने मौजूदा ग्राहकों के साथ साथ हम डिजिटिल सेवाओं से जुड़ने वाले संभावित 30 करोड़ उपयोगकर्ताओं को बेहतरीन डिजिटल अनुभव प्रदान कर सकें। हम भारत में डिजिटल फुटप्रिंट को और विस्तार देने के लिए तैयार हैं और साथ ही 5 जी रोलआउट के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। ”
भारत में पांच साल में टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की पहली नीलामी म 77,814.80 करोड़ रुपये के सपेक्ट्रम खरीदने के साथ खत्म हुई, जिसमें ज्यादातर स्पेक्ट्रम मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने खरीदा। टेलीकॉम कंपनियों द्वारा स्पेक्ट्रम की कीमतों का भुगतान अगले 18 वर्षों में किया जाएगा। प्रतिद्वंदियों के मुकाबले रिलायंस जियो मजबूत स्थिती में है क्योंकि जियो के पास औसतन 15.5 वर्षों के लिए स्पेक्ट्रम उपलब्ध है।
नई दिल्ली, दो दिन चली दूरसंचार विभाग की स्पेक्ट्रम नीलामी समाप्त हो गई। रिलायंस जियो ने सभी 22 सर्किलों में स्पेक्ट्रम खरीदा है। रिलायंस जियो द्वारा खरीदे गए स्पेक्ट्रम की कुल कीमत 57123 करोड़ रू है। इस खरीद के बाद रिलायंस जियो के पास कुल 1717 मेगा हर्ट्ज (अपलिंक+डाउनलिंक) हो जाएगा जो पहले के मुकाबले 55फीसदी अधिक है। स्पेक्ट्रम की खरीद से रिलायंस जियो को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
रिलायंस जियो ने जो स्पेक्ट्रम खरीदा है उसका इस्तेमाल 5जी सर्विस देने के लिए भी किया जा सकता है। रिलायंस जियो ने हाल ही में घोषणा की थी कि उसने स्वदेशी 5जी तकनीक विकसित कर ली है जिसे अमेरीका में टेस्ट कर लिया गया है। रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी ने भी इसी वर्ष 5जी लॉन्च की घोषणा की है।
इस अवसर पर बोलते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि “जियो ने भारत में डिजिटल क्रांति ला दी है, भारत डिजिटल-लाइफ को तेजी से अपनाने वाला देश बन गया है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अपने मौजूदा ग्राहकों के साथ साथ हम डिजिटिल सेवाओं से जुड़ने वाले संभावित 30 करोड़ उपयोगकर्ताओं को बेहतरीन डिजिटल अनुभव प्रदान कर सकें। हम भारत में डिजिटल फुटप्रिंट को और विस्तार देने के लिए तैयार हैं और साथ ही 5 जी रोलआउट के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। ”
भारत में पांच साल में टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की पहली नीलामी म 77,814.80 करोड़ रुपये के सपेक्ट्रम खरीदने के साथ खत्म हुई, जिसमें ज्यादातर स्पेक्ट्रम मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने खरीदा। टेलीकॉम कंपनियों द्वारा स्पेक्ट्रम की कीमतों का भुगतान अगले 18 वर्षों में किया जाएगा। प्रतिद्वंदियों के मुकाबले रिलायंस जियो मजबूत स्थिती में है क्योंकि जियो के पास औसतन 15.5 वर्षों के लिए स्पेक्ट्रम उपलब्ध है।
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