० आशा पटेल ०
जयपुर - 11 विषयो में ugc नेट पास करके विद्याधर नगर ,जयपुर के वासी लक्ष्मण सिंह ने भारत के अकादमिक इतिहास में अपना स्थान अंकित कर दिया और तकनीकी रूप से भारत के सबसे जयादा शिक्षित वयक्ति हो गए । जयपुर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में अनुवाद अधिकारी के पद पर रहते हुए लक्ष्मण सिंह ने इतनी योग्यता हासिल की।अभी लक्ष्मण सिंह जयपुर विद्याधर नगर में रहते हैं।, मूलतः लक्ष्मण सिंह up मुजफ्फर नगर से हैं।
ड्रामा में जे आर एफ ,इंडियन कल्चर ,सोसियोलॉजी ,पोलिटिकल साइंस ,अरब कल्चर एवं इस्लामिक स्टडीज ,बौद्ध अध्ययन ,जैन अध्ययन ,गांधी एवं शान्ति अध्ययन में UGC-NET नेट। सिंह नौवीं कक्षा में लगातार दूसरी बार फेल हुए तो डर के कारण उस दिन घर देर से पहुंचे ,वो भी एक दोस्त के साथ जिससे परिजनों की नाराजगी कम हो जाए। दसवीं का प्राइवेट फॉर्म भरा ,किस्मत ने साथ दिया और पास हो गए। डी ए वी इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट करने के बाद jnu की प्रवेश परीक्षा पास की और बैचलर चीनी भाषा ऑनर्स में प्रवेश लिया। ३ महीने बाद ही फेल हो गए और कोर्स छोड़ दिया। दोबारा jnu की प्रवेश परीक्षा पास की और बैचलर स्पेनिश भाषा ऑनर्स में प्रवेश लिया और २ साल कम अंक आने के कारण तीसरे साल में एडमिशन नहीं मिला। ड्राप आउट होने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में बैचलर पास कोर्स में प्रवेश लिया और पहले ही साल २ विषयो में फेल हुए ,दूसरे साल सभी पेपर पास कर लिए ,तीसरे साल में मास्टर कोर्स के लिए jnu की मास्टर इन इंटरनेशनल रिलेशन की प्रवेश परीक्षा पास की तो पता चला कि बैचलर में इतिहास में फेल हो गए।
बैक पेपर देने के बाद बड़ी मुश्किल से बीए की डिग्री मिली। 2004 में jnu की आर्ट्स एन्ड एस्थेटिक्स की प्रवेश परीक्षा में टॉप किया और वहीँ से मास्टर डिग्री ली। बाद में jnu में M PHIL में प्रवेश नहीं मिला तो जामिया मिल्लिया इस्लामिया में MPHIL में प्रवेश लिया और वहीँ से 2009 में MPHIL और 2016 में पीएचडी की। इतने उतार चढाव वाला अकादमिक इतिहास होने के कारण और बैचलर डिग्री मात्र 39 % अंको से पास होने के कारण उन्हें हमेशा लगता रहा कि ये कलंक तो धोना पड़ेगा और एक के बाद एक विषयो में UGC NET की। सिर्फ एक बार छोड़ कर उन्हें कभी UGC नेट की परीक्षा की तैयारी करने की जरूरत नहीं पड़ी. इसमें उल्लेखनीय बात है उनकी सतत जिज्ञासावश कुछ भी पढ़ने की आदत। सामने कोई भी किताब आये उसमें से कुछ न कुछ पढ़ना जरूर होता है। हजारो थीसिस ,किताबें ,भारत के सभी जिलों के गजेटियर ,सभी धर्मो के ग्रन्थ पढ़ चुके लक्ष्मण सिंह की खास आदत है बिना ये सोचे विचारे सब कुछ पढ़ना। न कोई एग्जाम पास करने के लिए पढ़ना ,न किसी को दिखाने के लिए पढ़ना।
सिर्फ ज्ञान की प्यास बुझाने के लिए पढ़ना। इसलिए पीएचडी में नेपाल के दलितों की कला का मुश्किल टॉपिक चुना जिस पर कोई आर्टिकल भी नहीं था। नेपाल के ४८ जिलों की प्लेटिना जैसी मोटरसाईकल से यात्रा और सफलतापूर्वक पीएचडी पूरी की। लक्ष्मण सिंह केवल किताब पढ़ने में नहीं रूचि रखते ,उनकी रूचि मोटरसाइकल रेस ,पॉवरलिफ्टिंग जैसे खेलो में भी हैं। jnu में पॉवरलिफ्टिंग प्रतियोगिता में सबसे जयादा वजन उठा कर पॉवरलिफ्टिंग में स्वर्ण पदक लिया। 2018 में विश्व की दूसरी सबसे मुश्किल रैली रेड दे हिमालय में हुयी मोटरसाईकल रेस में भाग लिया रैली से मात्र २५ दिन पहले प्लेटिना चलाने वाले ने लक्ष्मण सिंह ने मित्रो से सहयोग से हीरो एक्सट्रीम मोटरसाईकल जिसमे साधारण टायर ,कारबुरेटर ,शोकर थे ,जो रैली की एकमात्र बिना किसी मोडिफिकेशन वाली साधारण मोटरसाईकल थी उसी से एक स्टेज में बुलेट हिमालयन ,ktm 390 चलाने वाले अनुभवी मोटरसाईकल चालकों को पीछे छोड़ दिया।
कमाल की बात है उससे पहले लक्ष्मण सिंह ने कोई मोटरस्पोर्ट्स इवेंट न देखा था न कोई दोस्त,परिचित मोटरस्पोर्ट से परिचित था। २ बार पंचर होने के कारण 200 सीसी मोटरसाईकल वर्ग में चौथे स्थान पर रहना पड़ा नहीं तो दूसरा स्थान तय था। लक्ष्मण सिंह का इरादा अभी और २५ विषयो मे UGC नेट पास करने का है उनका कहना है कि अगर यह परीक्षा व्यक्तिनिष्ठ हो तो उनके लिए यह और आसान हो जाएगा। छात्रों के लिए उनका संदेश है कि पढ़ने वाले गंभीर छात्र सोशल मीडिया , से दूर रहे ,काम के समाचार किसी और स्रोत से पढ़ ले। और कोशिश करें कि अंग्रेजी की मानक अच्छे प्रकाशको की किताबे ही पढ़ें।
टेक्स्ट बुक अवश्य पढ़ें। ज्ञान तथ्यों के अतिरिक्त आत्मानुभूति एवं वयक्तित्व विकास का भी कारक है। केवल परीक्षा पास करने का लक्ष्य न बनाये। लक्ष्मण सिंह ने अभी तक सैकड़ो छात्रों को jnu एवं जामिया मिल्लिया इस्लामिया जैसे विश्विद्यालयों में प्रवेश परीक्षा पास करने में निर्देशन भी किया है। उल्लेखनीय है कि उन्होंने भारत के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय JNU की प्रवेश परीक्षा विभिन्न विषयो में ३३ बार पास की ,इतनी बार परीक्षा पास करने के पीछे क्या मकसद था तो पूछने पर बताया कि अपने ज्ञान के स्तर को नापना।हैं।
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