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अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच ,दिल्ली द्वारा आन लाइन काव्य गोष्ठी


० संवाददाता द्वारा ०  

नयी दिल्ली - अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच ,दिल्ली इकाई द्वारा नववर्ष के उपलक्ष में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रतिष्ठित लेखिका संतोष श्रीवास्तव , राष्ट्रीय अध्यक्ष,विश्व मैत्री मंच के दिशा निर्देश और अध्यक्षता में गूगल पर आॅनलाइन काव्य गोष्ठी का सफलता पूर्वक आयोजन संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम की रूपरेखा विश्व मैत्री मंच दिल्ली की अध्यक्षा सुषमा भण्डारी और दिल्ली इकाई की मंच संचालिका अर्चना पाण्डया ने तैयार की।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राधा गोयल ,विशिष्ट अतिथि के रूप में अनेक पुरस्कारों से सम्मानित प्रतिष्ठित कथाकार एस जी एस सिसोदिया और अध्यक्ष रूप में संतोष श्रीवास्तव ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दी। कार्यक्रम का शुभारम्भ अंजू दुआ जैमिनी ने दीप प्रज्वलित कर की। वरिष्ठ कवयित्री सुषमा भण्डारी  ने अपनी सुमधुर सरस्वती वंदना से आयोजन का आगाज़ करते हुए सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

इस आॅनलाइन काव्य गोष्ठी के आयोजन में डाॅ. दुर्गा सिन्हा 'उदार ',अर्चना पाण्डया,नीलम दुग्गल,डाॅ.सरोज गुप्ता,वीणा अग्रवाल,पुष्पा सिन्हा,वंदना रानी दयाल,डाॅ. भावना शुक्ल,,राधा गोयल,डाॅ. ,अंजू दुआ जैमिनी,डाॅ. कल्पना पाण्डेय ,डाॅ. शुभ्रा,डाॅ.मुक्ता, शोभा नारायण, सुषमा भण्डारी,शकुंतला मित्तल,सुरेखा जैन और एस जी एस सिसोदिया जैसे प्रतिष्ठित साहित्यकारों ने अपनी नववर्ष का अभिनंदन करती ऊर्जावान,संदेश परक शुभकामनाओं भरी काव्य प्रस्तुतियों से समा बांध दिया। 

मुख्य अतिथि राधा गोयल जी ने सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए अपनी सशक्त कालजयी काव्य प्रस्तुति दी।विशिष्ट अतिथि एस जी एस सिसोदिया ने विश्व मैत्री मंच का आभार व्यक्त करते हुए अपनी रचना से वसंत का खूबसूरत आगाज़ किया।

आयोजन की अध्यक्षा संतोष श्रीवास्तव ने सभी रचनाकारों की रचनाओं की और संचालन की सराहना करते हुए आयोजन की सुव्यवस्थित सफलता की सबको बधाई दी।उन्होंने बताया कि पहले हेमंत फाउंडेशन की स्थापना हुई और उसके बाद विश्व मैत्री मंच की महिलाओं की सदस्यता वाली संस्था का गठन हुआ पर अब उसमें पुरूष साहित्यकार भी सहभागिता कर रहे हैं। अपनी कविता 'विदा बीते साल' के माध्यम से उन्होंने बीते साल से अनूठे अंदाज में उम्दा संवाद किया। 

"जा रहे हो रोकूं भी कैसे ,दस्तूर नहीं है ,पर जाते-जाते मेरा गिरवी रखा सामान तो लौटा दो।"आयोजन का सुचारू सुव्यवस्थित और कुशल संचालन वंदना रानी दयाल जी ने मोहक अंदाज में कर समां बांध दिया।

कवयित्री शकुंतला मित्तल ने मुख्य अतिथि ,विशिष्ट अतिथि ,अध्यक्षा,संचालिका और सभी प्रतिभागियों का हृदय से आभार व्यक्त किया और विश्व मैत्री मंच पर दुर्गा सिन्हा 'उदार' को उनके काव्य संग्रह 'चलो जिंदगी' के लिए मिलने वाले डाॅ. शिव शरण द्विवेदी सम्मान के लिए और वंदना रानी दयाल जी को उनकी पुस्तक 'राब्ता' के लिए मिलने वाले द्वारका प्रसाद सक्सेना स्मृति साहित्य गरिमा पुरस्कार के लिए बधाई देते हुए विश्व मैत्री मंच का आभार व्यक्त किया। आयोजन पूर्ण उल्लासमय वातावरण में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।

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