जयपुर, वर्तमान वैश्विक महामारी के दौर में डिजिटल शिक्षा और ज्ञान को साझा करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए हैल्थकेयर और रिसर्च के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने कैडिला फार्मास्यूटिकल्स के साथ मिलकर ‘हैल्थकेयर मार्केटिंग - लेसंस एंड ट्रेंड्स’ विषय पर एक डिजिटल मास्टरक्लास का आयोजन किया। आयोजित डिजिटल मास्टरक्लास के दौरान स्वस्थ राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल करने पर विचार-विमर्श किया गया। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने अपने विद्यार्थियों के ज्ञान को व्यापक बनाने और दुनियाभर में विभिन्न हैल्थकेयर विश्वविद्यालयों के पेशेवरों के साथ उन्हें समान अवसर उपलब्ध कराने के लिहाज से डिजिटल मास्टरक्लास का आयोजन किया। साथ ही यह प्रतिष्ठित स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञों के साथ छात्रों को जोड़ने की दिशा में की गई एक पहल है।
मास्टरक्लास की शुरुआत में प्रतिभागियों को ‘चुस्त रहो, मस्त रहो, दुरुस्त रहो!’ के ध्येय वाक्य के साथ प्रेरित करने का प्रयास किया गया। साथ ही, विशेष रूप से छात्रों के लिए उद्योग-संबंधित अवधारणाओं को कवर किया गया। डॉ. डी. के. मंगल, डीन रिसर्च, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने वक्ताओं का स्वागत किया और चर्चा के लिए सत्र की शुरुआत की।
डॉ. सौरभ कुमार, डीन एसपीएम, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर ने सत्र का संचालन करते हुए कहा, ‘‘हैल्थकेयर मार्केटिंग से संबंधित मास्टरक्लास के हमारे एजेंडे में देश में स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देने और उसकी रक्षा के लिहाज से जनसमूह के लिए संदेश गढ़ना और संवाद करना शामिल था। इस मास्टरक्लास का हमारा उद्देश्य ग्राहक-केंद्रित और विज्ञान-उन्मुख रणनीतियों का उपयोग करके स्वास्थ्य जानकारी और हस्तक्षेप प्रदान करना था, ताकि विविधतापूर्ण आबादी के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके और इसे बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास किए जा सकें।‘‘
कैडिला फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट और वर्टिकल हैड प्रमोद कुमार राजपूत ने डिजिटल और टैक्नोलाॅजिकल ईकोसिस्टम के प्रभाव पर जोर देते हुए कहा कि “नई पीढ़ी के सामने नई चीजों को शुरू करने और सीखने का एक विशेष अवसर है। फिर उन्होंने अपनी यात्रा के बारे में बताया जहां उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी किए बिना ही कॉलेज छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि अपनी आशावादी मानसिकता और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के दृढ़ संकल्प के साथ उन्होंने आज एक ऐसा मुकाम हासिल किया है, जहाँ वे हमेशा पहुंचना चाहते थे। मार्केटिंग के महत्व को समझाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मार्केटिंग एक तरह से आपके प्रोडक्ट के बारे में अपने ग्राहकों के साथ आपका संवाद है।‘‘ उनका मानना था कि पारंपरिक मार्केटिंग का दौर अब खत्म हो गया है और आज के दौर में मार्केटिंग डिजिटल होनी चाहिए, पारंपरिक नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम उचित प्रयासों के साथ चुनौतियों को स्वीकार नहीं करते हैं, तो एक तरह से अपने वक्त को बर्बाद करते हैं।‘‘
न्यू नॉर्मल मोटिवेशन के लिए प्रमोद कुमार ने आगे कहा, ‘‘अचीवर्स ने कभी भी खुद को उजागर नहीं किया, बल्कि उनकी उपलब्धियों ने उनके बारे में हमंे जानकारी दी। करो या मरो पुराने जमाने का फंडा है, आज तो यह माना जाता है कि इससे पहले कि तुम आंखें मूंद लो, कुछ कर गुजरने की जरूरत है।‘‘
कैडिला फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड भारत में सबसे बड़ी निजी दवा कंपनियों में से एक है। पिछले छह दशकों से कंपनी दुनिया भर में रोगियों के लिए सस्ती दवाओं का विकास और निर्माण कर रही है। कंपनी ने हमेशा बीमारियों को रोकने, निदान करने और उन्हें ठीक करने के लिए दवा उत्पादों की खोज, विकास और सफलतापूर्वक बाजार पर ध्यान केंद्रित किया है। कंपनी ने विश्व स्तर के अनुसंधान और विकास के आधार पर टैक्नोलाॅजी में श्रेष्ठता हासिल की है। और इस तरह कंपनी दुनिया भर में चुने हुए बाजारों, उत्पादों और सेवाओं में ग्राहकों की संतुष्टि सुनिश्चित करने और नेतृत्व हासिल करने के लिए काम कर रही है।
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