जयपुर । पधारो म्हारे देस एक डिजिटल कोविड रीलीफ काॅन्सर्ट सीरीज़ राजस्थान के लोक कलाकारों के समर्थन के लिए शुरू की गई है, इस श्रृंखला के दूसरे चरण का प्रीमियर हुआ। पधारो म्हारे देस एक फंडरेज़िंग काॅन्सर्ट सीरीज़ है जो एक राजस्थानी गायिका मनीषा ए. अग्रवाल की अर्पन फाउन्डेशन की एक पहल है। इस श्रृंखला में 70 से अधिक लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियां दे रहे हैं तथा जोधपुर, जैसलमेर एवं बाड़मेर के सुदूर हिस्सों से 2000 से अधिक लोक कलाकारों को इसमें शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। संगीत बिरादरी के दिग्गज सुरेश वाडेकर एवं रिचा शर्मा राजस्थानी लोक कला एवं संगीत की विरासत को इस डिजिटल प्लेटफाॅर्म के माध्यम से दुनिया भर में बढ़ावा देने के लिए बहुमूल्य प्रयास किया जा रहा है।
अर्पन फाउन्डेशन भारतीय लोक कलाकारों को जीवित रहने का साधन देने का प्रयास करता है, जो पारंपरिक कला को युवा पीढ़ी को सौंपने में अपना कोई भविष्य नहीं देखते हैं और कोवड19 प्रकोप रोजमर्रा के बिगड़ते परिदृश्य में आग में ईंधन का काम कर रहा है। काविड19 ने कलाकारों के लिए एवं उनकी कला के अस्तित्व और अधिक कठिन बना दिया है, जो उनकी आजीवन विरासत को विलुप्त होने की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। यह श्रृंखला इस चुनौतीपूर्ण समय में सिंगर्स, फोक आर्ट प्रमोटर्स के माध्यम से लोक कलाकारों के समर्थन के लिए मनीषा ए. अग्रवाल के अर्पन फाउन्डेशन की एक पहल है।
श्रीमति मनीषा ए.अग्रवाल, संस्थापक, अर्पन फाउन्डेशन ने कहा कि, “पधारो म्हारे देस के पहले एपिसोड की अपार सफलता से काॅन्सर्ट सीरीज़ की पहल के साथ अब हम महामारी वायरस के कारण भारतीय कला एवं संस्कृति में गिरावट से लड़ने में और अधिक आश्वस्त हैं। अर्पन के साथ हम उन संस्थानों के बीच की खाई को पाटने का प्रयास करते हैं जो अनुकरणाय कार्य करते हैं एवं ऐसे व्यक्ति जो समाज के सबसे उपेक्षित क्षेत्रों के कल्याण, समग्र विकास के लिए अपना योगदान देने के लिए उत्सुक हैं।”
भारतीय संगीत उद्योग के जाने-माने कलाकार जिनमें पाश्रवगयिका रिचा शर्मा, पाश्रवगायक सुरेश वाडेकर, गायिका नीति मोहन, संगीत निर्देशक रूप कुमार राठौड़ जैसे कुछ नाम हैं जो काॅन्सर्ट सीरीज़ के समर्थन में आगे आए हैं और इसी कारण अत्यधिक उत्सुक हैं। कोविड19 वैश्वििक महामारी के कारण एक स्थान पर एकत्र होने पर प्रतिबंधित होने की वजह से 2020 के इन समस्त कलाकारों को इस नये डिजिटल तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है।
पधारो म्हारे देस इस अनूठी श्रृंखला के लिए रिचा शर्मा ने मनीषा ए. अग्रवाल जी को बधाई देते हुए कहा कि, “जब मुझे यह पता चला कि राजस्थान के हमारे सुरीले लोक कलाकार इस वैश्विक महामारी के चलते बहुत मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं, तब ऐसे में हम सभी कलाकारों का यह कर्तव्य बनता है कि हम सभी एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आकर हाथ बढ़ाएं, जिसकी मनीषा ने आॅनलाइन काॅन्सर्ट सीरीज़ के ज़रीए एक शुरूआत की है जिससे राजस्थान के लोक कलाकारों की आर्थिक मदद हो सकेगी।”
पधारो म्हारे देस इस अनूठी श्रृंखला के लिए रिचा शर्मा ने मनीषा ए. अग्रवाल जी को बधाई देते हुए कहा कि, “जब मुझे यह पता चला कि राजस्थान के हमारे सुरीले लोक कलाकार इस वैश्विक महामारी के चलते बहुत मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं, तब ऐसे में हम सभी कलाकारों का यह कर्तव्य बनता है कि हम सभी एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आकर हाथ बढ़ाएं, जिसकी मनीषा ने आॅनलाइन काॅन्सर्ट सीरीज़ के ज़रीए एक शुरूआत की है जिससे राजस्थान के लोक कलाकारों की आर्थिक मदद हो सकेगी।”
सुरेश वाडेकर ने कहा कि, “संगीत का हर एक स्तोत्र, हर एक तार आपको प्रकृति से जोड़ता है, और जब हम इसके बारे में बात करते हैं तो सुंदर प्रकृतिक लोक संगीत, संगीत का सबसे अच्छा स्वरूप है। राजस्थान के विभिन्न हिस्सों के ये लोक कलाकार एक समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर एवं संरक्षण को साथ लेकर चलते हैं जिसे आने वाली पीढ़ियों में आगे बढ़ाया जाता है। हमें इस कला को बचाए रखना एवं आगे बढ़ाना चाहिए। पधारो म्हारे देस एक अच्छा मंच है, और महामारी के पश्चात संगीत जगत में परिवर्तन का एक संकेत है।”
एक टिप्पणी भेजें