रिलायंस और सनमीना भारत में बनाएंगे वर्ल्ड क्लास इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग हब
नई दिल्ली, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिलायंस स्ट्रेटेजिक बिजनेस वेंचर्स लिमिटेड (RSBVL) और सनमीना कॉर्पोरेशन ने भारत में इलेक्ट्रानिक हब बनाने के लिए एक संयुक्त उद्यम बनाने की घोषणा की है। सनमीना की मौजूदा भारतीय यूनिट में रिलायंस 1670 करोड़ रू का निवेश करेगा। सयुंक्त उद्यम में रिलायंस के पास 50.1 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी। जबकि प्रबंधन सनमीना की मौजूदा टीम के हाथों में रहेगा।
संयुक्त उद्यम संचार नेटवर्किंग जैसे 5G, क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर, हाइपरस्केल डेटासेंटर को प्राथमिकता देगा। साथ ही स्वास्थ्य प्रणालियों, औद्योगिक और रक्षा तथा एयरोस्पेस जैसे उद्योगों के लिए हाई टेक्नॉलोजी हार्डवेयर बनाएगा। कंपनी ने इसे प्रधानमंत्री मोदी के "मेक इन इंडिया" विजन के अनुरूप बताया है। संयुक्त उद्यम सनमीना के मौजूदा ग्राहकों को यह पहले की तरह सेवाएं देता रहेगा इसके अलावा एक अत्याधुनिक 'मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' बनाया जाएगा, जो भारत में प्रोडक्ट डेवलेपमेंट और हार्डवेयर स्टार्ट-अप के इको-सिस्टम को बढ़ावा देगा।
RSBVL के पास संयुक्त उद्यम इकाई में 50.1% इक्विटी हिस्सेदारी होगी, जबकि शेष 49.9% सनमीना के पास रहेगा। RSBVL इस स्वामित्व को मुख्य रूप से सनमीना की मौजूदा भारतीय इकाई में नए शेयरों में 1,670 करोड़ रुपये तक के निवेश के माध्यम से प्राप्त करेगी। इस निवेश से सनमीना को अपना बिजनेस बढ़ाने में मदद मिलेगी। सभी निर्माण शुरू में चेन्नई में सनमीना के 100 एकड़ के परिसर में होंगे। भविष्य में इनका विस्तार भी किया जा सकेगा।
सनमीना के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जुरे सोला ने कहा, "हम भारत में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी बनाने और रिलायंस के साथ साझेदारी को लेकर बेहद उत्साहित हैं। यह संयुक्त उद्यम घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों की जरूरतें पूरा करेगा और भारत सरकार की "मेक इन इंडिया" के लिए मील का पत्थर साबित होगा।“
रिलायंस जियो के निदेशक आकाश अंबानी ने कहा, "भारत में हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग के महत्वपूर्ण बाजार तक पहुंच बनाने के लिए सनमीना के साथ काम करने में हमें खुशी होगी। भारत के विकास और सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भर होना आवश्यक है। दूरसंचार, आईटी, डेटा सेंटर, क्लाउड, 5जी, न्यू एनर्जी और अन्य उद्योगों की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता जरूरी है क्योंकि हम एक नई डिजिटल अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ रहे हैं। इस साझेदारी के माध्यम से हम भारतीय और वैश्विक मांग को पूरा करते हुए भारत में इनोवेशन और प्रतिभा को बढ़ावा देने की योजना बना रहे हैं।
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