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महिला एवं पुरुष की फर्टिलिटी बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपचार - डॉ चंचल शर्मा

० नूरुद्दीन अंसारी ० 

नयी दिल्ली - सफल गर्भाधान के लिए महिला एवं पुरुष दोनों की फर्टिलिटी का अच्छा होना बहुत ही जरुरी होता है। ऐसे में यदि आप महिला एवं पुरुष की प्रजनन क्षमता में वृद्धि का विचार कर रहे हैं। तो आयुर्वेदिक उपचार एवं आयुर्वेद के द्वारा बताई गई दिनचर्या,रात्रिचर्चा व ऋतुचर्या का पालन कर आप एक स्वस्थ संतान के माता पिता बन सकते है।

आयुर्वेद चिकित्सा में महिला एवं पुरुष की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए पंचकर्म पद्धति के साथ-साथ बहुत सारी जड़ी बुटियों के सेवन की सलाह दी जाती है। यह सभी आयुर्वेदिक जड़ी बुटियां बिना किसी दुष्प्रभाव के अच्छा परिणाम देने का कार्य करती है।यदि आप भी फैमली प्लानिंग का विचार कर रहें हैं। तो आयुर्वेदिक उपचार गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकते हैं। आयुर्वेदिक जड़ी बुटियां एवं आयुर्वेदिक रसायन बिना चिकित्सक से परामर्श के प्रयोग में न लाएं।

आयुर्वेदिक चिकित्सा कैसे फर्टिलिटी बढ़ाने में सहायक है ?

आयुर्वेदिक जड़ी बुटिया इनफर्टिलिटी के इलाज में एक अच्छी भूमिका अदा करती है। आयुर्वेद में प्रजनन स्वास्थ्य को अच्छा रखने और फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए पंचकर्म चिकित्सा का इस्तेमाल किया जाता है। आज के समय में भी आयुर्वेदिक औषधियां महिला एवं पुरुष दोनों में हार्मोन संतुलिन स्थापित करने का कार्य करते हैं। फर्टिलिटी को बुस्ट करने के लिए आयुर्वेदिक हर्ब बहुत ही कारगर है। यह गर्भाधान में अच्छा योगदान देते है।

आयुर्वेदिक नेचुरल टिप्स कैसे फर्टिलिटी बढ़ाकर प्रेगनेंट होने में मदद करते है ?

बदलती जीवन शैली का प्रभाव केवल सेहत पर नहीं बल्कि हार्मोन और फर्टिलिटी पर भी पड़ता है। इसी वजह से बहुत बड़ी संख्या में नव विवाहित जोड़ों को गर्भधारण में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब ऐसे में अगर बच्चा गर्भधारण का प्रयास कर रही हैं। तो आपको और आपके साथी को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। ताकि आप दोनों का फर्टिलिटी पावर बेहतर हो सके।

निम्नलिखित आयुर्वेदिक हर्बल औषधियां जो फर्टिलिटी बुस्टर का काम करती है -

अश्वगंधा - अश्वगंधा शरीर में ऊर्जा का संचार करने वाली एक आयुर्वेदिक औषधि और फर्टिलिटी बुस्टर हर्बल दवा है। जो शरीर में प्रजनन क्षमता में वृद्धि करती है और प्रजनन तंत्र की मजबूती के लिए बेहतर काम करती है। अश्वगंधा के सेवन से एंडोक्राइन तंत्र में मजबूती आती है। जिससे एड्रेनल और थायराइड ग्रंथी कंट्रोल में रहती है। यह दोनों ग्रंथी प्रजनन तंत्र और प्रजनन हार्मोन हार्मोन को संतुलन करने में शरीर की मदद करते है। अश्वगंधा इम्यून सिस्टम, गर्भाशय और ओवरी को मजबूर रखता है।

जंगली रतालू - आयुर्वेद में जंगली रतालू का प्रयोग औषधि के रुप में किया जाता है। इसका स्वाद मीठे आलू की तरह ही होता है। इसका प्रयोग आयुर्वेद में महिला एवं पुरुष की प्रजनन क्षमता में वृद्धि करने के लिए किया जाता है। रतालू वीर्य वर्धक और धातु वर्धक है। इसलिए गर्भधान की संभावना इसके सेवन से बढ़ जाती है। रतालू के सेवन से महिलाओं का प्रजनन तंत्र मजबूत हो जाता है। यदि आपको ओवुलेशन के बारे में जानकारी है तो उसके पहले इसका सेवन कर शीघ्र गर्भवती हो सकती है।

मेडीटेशन और डाइट - आयर्वेद में कहा गया है । कि आप नियमित ध्यान और संतुलित आहार से अपनी प्रजनन क्षमता में 70 प्रतिशत तक वृद्धि कर सकते है। आप अपनी खोई हुई उम्मीदों को दोबारा से जगा सकते है।

सफेद मूसली - यह औषधि पेल्विक एरिया को मजबूत रखती है। और गर्भाशय के लिए टॉनिक का काम करती है। इसके सेवन से मासिक धर्म नियमित रहता है और यूट्रस की लाइनिंग में मजबूती आती है।
शतावर - शतावरी या शतावर के सेवन से पुरुषों के लो स्पर्म काउंट और स्मर्म क्वालिटी में सुधार होता है। लिबिडो तथा अन्य फर्टिलिटी से संबंधी परेशानियों का समाधान शतावर के सेवन से हो जाता है।

माका की जड़ - माका की जड़ महिला एवं पुरुषों में ऊर्जा का स्तर बनाए रखती है। इसके प्रयोग से स्मर्म काउंट और शुक्राणुओं की गतिशीलता में सुधार में होता है। माका की जड़ इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के उपचार के लिए उपयोग में लाई जाती है। यह ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर के लिए भी प्रयोग में लाई जाती है। गोजी बेरी - आयुर्वेद की कुछ विशेष औषधियां है। जिसके सेवन से वीर्य को हाइपरथर्मिया (ओवरहीट) से बचाती है। गोजी बेरी से सेवन से स्पर्म की मात्रा और क्वालिटी में किसी भी प्रकार की हानि नही होती है। गोजीबेरी लीबर को भी अच्छा रहता है जिससे शरीर का पाचन तंत्र मजबूत रहता है।
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