नई दिल्ली : साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित नीलोत्पल मृणाल 21वीं सदी की नई पीढ़ी के सर्वाधिक लोकप्रिय लेखकों में से एक हैं, जिनमें कलम के साथ-साथ राजनैतिक और सामाजिक मुद्दों पर ज़मीनी रूप से लड़ने का तेवर भी हैं। इसीलिए इनके लेखन में भी सामाजिक विषमताएँ, विडंबनाएँ और आपसी संघर्ष बहुत स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर होते हैं। लेखन के अलावा लोकगायन और कविताई में बराबर गति रखने वाले नीलोत्पल ने अपने पहले उपन्यास ‘डार्क हॉर्स’ के बरक्स ‘औघड़’ में ग्रामीण भारत के राजनैतिक-सामाजिक जटिलता की गाँठ पर अपनी कलम रखी है।
इन दो चर्चित उपन्यासों के बाद नीलोत्पल मृणाल के तीसरे उपन्यास ‘‘यार जादूगर’’ प्रकाशित होते ही ऑडियोबुक में स्टोरीटेल एप्प पर सुनने क़े लिए उपलब्ध है़ जिसे स्वयं लेखक ने अपनी आवाज दी है। लेखक नीलोत्पल मृणाल की मधुर आवाज में उन्हीं क़े लिखे उपन्यास को सुनना ऑडियोबुक प्रशंसको क़े लिए दिलचस्प होगा।
लेखक नीलोत्पल मृणाल ने स्टोरीटेल फेसबुक लाइव पर स्टोरीटेल हिंदी कंटेंट मेनेजर प्रशांत सुमन से बातचीत में कहा ‘कल्प या काल्पनिक कथा या लेखन में लोग डर के कदम रखते हैं,असल में साहस हमारे पीछे की पीढ़ी ने हमें दी ही नहीं ,मुझे इस दुनिया को यह दिखाना था कि मैं एक ऐसा किरदार लिखूं जो इस दुनिया से परे हो। एक काल्पनिक किरदार को दुनिया में खोज कर लाऊं और उसे वर्तमान और यथार्थ के साथ जोड़ दूँ, यार जादूगर उपन्यास एक ऐसी ही कोशिश है़।
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