नई दिल्ली । आज देश में करोना महामारी से लोग बेचैन हैं, संसाधन कम पड़ रहे हैं औऱ लाख सावधानी और करोना गाइडलाइन के अनुपालन के बावजूद भी असामयिक रुप से लोग काल के गाल में समा रहे है। ऐसे में केन्द्रीय कर्मचारी भी अछूता नहीं है। दिल्ली स्थित दफ्तरों में अभी तक भारत सरकार के 160 से ज्यादा सिविल सेवा के कर्मचारियों का देहान्त हो चुका है।
इस असामयिक देहांत को देखते हुए केंद्रीय सचिवालय संगठन के अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले सेंट्रल सेक्रेटरियट नान गैजेटड एम्प्लॉईस यूनियन ने सरकार से मृतक के परिवार के सदस्यों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने और ऐसे कोरोना योद्धाओं के परिवार में से एक सदस्य को अनुकंपा के आधार पर रोजगार प्रदान करने का आग्रह किया है, और यह कैलेंडर वर्ष में केवल 5% रिक्तियों को अनुकंपा के आधार पर रोजगार प्रदान करने के मौजूदा नियमों में छूट की भी मांग की है।
यूनियन ने भारत सरकार के मंत्रालयों के सभी प्रमुखों को अपना अभ्यावेदन भेजा है और देश के सभी सांसदों से भी अपील की है कि यूनियन के इस अनुरोध पर विचार करते हुए भारत सरकार से उचित सकरात्मक समाधान हेतु पहल कर मांगो का उचित समाधान निकलवाये। केंद्रीय सचिवालय संगठन के अधिकारी और कर्मचारी भी ऐसे अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं में शामिल हैं जो "स्वयं से पहले सेवा" की संकल्पना के अनुसार अपना कार्य कर रहे है। जिन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए कोविड -19 संक्रमण के कारण अपनी जान गंवाई है।
सेंट्रल सेक्रेटरियट नान गैजेटड एम्प्लॉईस यूनियन के अध्यक्ष सुनिल कुमार यादव एवं महासचिव धनश्याम चौहान ने बताया है कि अभी तक दिल्ली में सिविल सेवा के 165 और लेखा सेवा के 60 कर्मचारियों की मौत कोविड-19 से हो चुकी है। जिसकी सूचना डी.ओ. पी. टी. विभाग के सचिव सहित संबंधित अधिकारियों एवं मंत्रियों को दी जा चुकी है और आशा करती है कि सरकार इस पर सहानभूति पुर्वक विचार कर 1 करोड मुआवजा देने एवं अनुकंपा के अधार पर नौकरी की मांग पर शीघ्र उचित कदम उठायेगी।
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