जीजेईपीसी ने निर्यात संबंधी मामलों में अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट पर सरकार से स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह
मुंबई- जीजेईपीसी ने देश में अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग संबंधी नियमों को लाूग करने में 15 दिनों की छूट देने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है। जीजेईपीसी ने इस बारे में केंद्रीय उपभोक्ता मामले और खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल को एक ज्ञापन सौंपा है और साथ ही मांग की है कि हॉलमार्किंग प्रावधानों के तहत निर्यात से संबंधित कुछ मुद्दों पर सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
हॉलमार्किंग ऑर्डर में निर्यातकों को शामिल नहीं किया गया है, ऐसे में जीजेईपीसी ने अधिकारियों से यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि क्या केवल निर्यात स्ट्रीम में लेनदेन करने वाले ज्वैलर्स को हॉलमार्किंग ऑर्डर के दायरे से पूरी तरह से बाहर रखा गया है।
जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने परिचालन संबंधी चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए इस तथ्य का हवाला दिया है कि सभी निर्यातक निर्यात और घरेलू दोनों धाराओं के लिए काॅमन इन्वेन्ट्री बनाकर रखते हैं। शाह ने कहा कि पूरी तरह से निर्मित विशिष्ट सोने की वस्तुओं के भंडारण के लिए, घरेलू बिक्री से पहले को छोड़कर, हॉलमार्किंग प्रावधानों के अनुपालन की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
के श्रीनिवासन, संयोजक, गोल्ड पैनल, जीजेईपीसी ने स्पष्ट किया, चूंकि भारतीय हॉलमार्क वाली वस्तुओं को भारत के बाहर स्वीकृति नहीं है, इसलिए ऐसी कोई भी कानूनी व्याख्या जिसके लिए निर्यातक को हॉलमार्किंग प्रावधानों का पूर्ण या आंशिक रूप से पालन करने की आवश्यकता होती है, उससे निर्यात स्ट्रीम में लेनदेन लागत में वृद्धि होगी और इस तरह रत्न और आभूषण निर्यात का काम अव्यावहारिक हो सकता है।’’
श्रीनिवासन ने यह भी बताया कि आईआईजेएस जैसी घरेलू प्रदर्शनियों में विदेशी खरीदारों द्वारा की गई खरीदारी निर्यात बिक्री के समान है और इसलिए इसे हॉलमार्किंग ऑर्डर के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। श्रीनिवासन ने निर्यातकों को वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले निर्माताओं/थोक विक्रेताओं को लेकर हॉलमार्किंग छूट पर स्पष्ट संशोधन देने का अनुरोध किया है।
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