नयी दिल्ली - कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान नेताओं के बीच पैदा हुई कटुता को दूर करने तथा दोनों पक्षों में सौहार्द पूर्ण वातावरण बनाकर संवाद के जरिए मौजूदा समस्या को दूर करने की पहल करते हुए राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति तथा व्यापारियों के शीर्ष संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट), ट्रांसपोर्ट सेक्टर के सबसे बड़े संगठन आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन, ग्राहकों के सबसे बड़े संगठन अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने एक साथ होकर न केवल किसानों बल्कि अर्थव्यवस्था से जुड़े अन्य संगठनों के साथ मिलकर एक साझा मोर्चा " स्वावलम्बी भारत मंच " गठित किये जाने की घोषणा की है और देश के वरिष्ठ किसान नेता तथा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नरेश सिरोही को मंच का संयोजक बनाये जाने की भी घोषणा की है !
मंच में शामिल सभी राष्ट्रिय संगठनों के नेताओं ने आंदोलन कर रहे किसान नेताओं से भी आग्रह किया कि उन्हें अपने रूख में परिवर्तन कर तीनों किसी कानूनों को वापिस लेने के बजाय तीनों कानूनों में अपने हितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक संशोधन हेतु सरकार से बातचीत करनी चाहिए ! यह मुद्दा केवल बातचीत के जरिये ही सुलझ सकता है ! माई वे या हाई वे के आधार पर अड़ियल रवैया रखने से देश के किसानों का कोई भला नहीं होगा ! उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी आग्रह किया कि वो वास्तविक किसान नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित करने की पहल करें !
भारतीय किसान संगठन की पहल पर गत २० मार्च को संगठन के नई दिल्ली कार्यालय में हुए एक मीटिंग में जिसमें विभिन्न किसान संगठनों और कृषि से जुड़े व्यापार, ट्रांसपोर्ट, ग्राहक एवं अन्य वर्गों के राष्ट्रीय नेता शामिल थे में कृषि कानूनों पर उपजे विवाद पर अफ़सोस जताया गया और यह भी कहा गया की वर्तमान में न केवल किसान बल्कि अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी वर्गों को एक साथ एक फोरम पर आ कर सभी वर्गों के हितों को सुरक्षित रखते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना जरूरी है ! कृषि बिलों पर विभिन्न किसान संगठनों की बनी राष्ट्रीय समन्वय समिति एवं कृषि से जुड़े अन्य वर्गों के नेताओं ने इस हेतु "स्वावलम्बी भारत मंच " का गठन किया !
मंच के अन्य लोगों में किसान संघ के महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी,राष्ट्रीय किसान मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी एम सिंह,उत्तर प्रदेश , शेतकरी संघठना (शरद जोशी) महाराष्ट्र के अध्यक्ष विट्ठल पवार, अखिल भारतीय किसान महासंघ, छत्तीसगढ़ के संयोजक राजाराम त्रिपाठी, कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्र प्रवीन खंडेलवाल, आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप सिंघल, नेशनल हॉकर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शक्तिमान घोष, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के संगठन मंत्री श्री दिलीप पांडेय सहित अन्य राष्ट्रीय संगठनों के नेता शामिल हैं ! इस मंच में फ़ूड प्रोसेसींग, मंडी में काम करने वाले कारोबारी, कृषि विशेष्ज्ञ, रिटेल व्यापार विशेषज्ञ, कृषि शास्त्री, अर्थशास्त्री सहित कृषि एवं अर्थव्यवस्था से जुड़े अन्य सभी वर्गों को मंच से जोड़ा जाएगा !
मंच के संयोजक नरेश सिरोही ने कहा की देश में आजादी के बाद कृषि क्षेत्र में हुए तमाम सुधारों के बावजूद भी आज भी किसान घाटे की खेती कर रहा है ! किसानों की समस्याओं एवं किसान की खेती को किस प्रकार से लाभ की खेती में परिवर्तित किया जाए तथा तीनों कृषि कानूनों में किसानों के अतिरिक्त अन्य प्रभावित वर्गों के हितों को कैसे सुरक्षित करते हुए देशकी अर्थव्यवस्स्था को कैसे मजबूत किया जाए इस उद्देश्य को लेकर मंच का गठन हुआ है !
एक लम्बी वार्ता के बाद देश में किसानों की वर्तमान स्तिथि का विश्लेषण , तीनों कृषि क़ानून एवं अन्य वर्गों के हितों आदि पर विचार किया गया कि किस प्रकार से किसानों के वर्तमान आंदोलन को सम्मान जनक समाधान निकालते हुए समाप्त करने के लिए प्रेरित किया जाए ।
मंच में शामिल सभी राष्ट्रिय संगठनों के नेताओं ने आंदोलन कर रहे किसान नेताओं से भी आग्रह किया कि उन्हें अपने रूख में परिवर्तन कर तीनों किसी कानूनों को वापिस लेने के बजाय तीनों कानूनों में अपने हितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक संशोधन हेतु सरकार से बातचीत करनी चाहिए ! यह मुद्दा केवल बातचीत के जरिये ही सुलझ सकता है ! माई वे या हाई वे के आधार पर अड़ियल रवैया रखने से देश के किसानों का कोई भला नहीं होगा ! उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी आग्रह किया कि वो वास्तविक किसान नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित करने की पहल करें !
भारतीय किसान संगठन की पहल पर गत २० मार्च को संगठन के नई दिल्ली कार्यालय में हुए एक मीटिंग में जिसमें विभिन्न किसान संगठनों और कृषि से जुड़े व्यापार, ट्रांसपोर्ट, ग्राहक एवं अन्य वर्गों के राष्ट्रीय नेता शामिल थे में कृषि कानूनों पर उपजे विवाद पर अफ़सोस जताया गया और यह भी कहा गया की वर्तमान में न केवल किसान बल्कि अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी वर्गों को एक साथ एक फोरम पर आ कर सभी वर्गों के हितों को सुरक्षित रखते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना जरूरी है ! कृषि बिलों पर विभिन्न किसान संगठनों की बनी राष्ट्रीय समन्वय समिति एवं कृषि से जुड़े अन्य वर्गों के नेताओं ने इस हेतु "स्वावलम्बी भारत मंच " का गठन किया !
मंच के अन्य लोगों में किसान संघ के महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी,राष्ट्रीय किसान मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी एम सिंह,उत्तर प्रदेश , शेतकरी संघठना (शरद जोशी) महाराष्ट्र के अध्यक्ष विट्ठल पवार, अखिल भारतीय किसान महासंघ, छत्तीसगढ़ के संयोजक राजाराम त्रिपाठी, कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्र प्रवीन खंडेलवाल, आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप सिंघल, नेशनल हॉकर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शक्तिमान घोष, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के संगठन मंत्री श्री दिलीप पांडेय सहित अन्य राष्ट्रीय संगठनों के नेता शामिल हैं ! इस मंच में फ़ूड प्रोसेसींग, मंडी में काम करने वाले कारोबारी, कृषि विशेष्ज्ञ, रिटेल व्यापार विशेषज्ञ, कृषि शास्त्री, अर्थशास्त्री सहित कृषि एवं अर्थव्यवस्था से जुड़े अन्य सभी वर्गों को मंच से जोड़ा जाएगा !
मंच के संयोजक नरेश सिरोही ने कहा की देश में आजादी के बाद कृषि क्षेत्र में हुए तमाम सुधारों के बावजूद भी आज भी किसान घाटे की खेती कर रहा है ! किसानों की समस्याओं एवं किसान की खेती को किस प्रकार से लाभ की खेती में परिवर्तित किया जाए तथा तीनों कृषि कानूनों में किसानों के अतिरिक्त अन्य प्रभावित वर्गों के हितों को कैसे सुरक्षित करते हुए देशकी अर्थव्यवस्स्था को कैसे मजबूत किया जाए इस उद्देश्य को लेकर मंच का गठन हुआ है !
एक लम्बी वार्ता के बाद देश में किसानों की वर्तमान स्तिथि का विश्लेषण , तीनों कृषि क़ानून एवं अन्य वर्गों के हितों आदि पर विचार किया गया कि किस प्रकार से किसानों के वर्तमान आंदोलन को सम्मान जनक समाधान निकालते हुए समाप्त करने के लिए प्रेरित किया जाए ।
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