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प्रैक्सिस बिजनेस स्कूल ने टेक में जेंडर गैप खत्म कर वूमेन इन टेक (डब्लूआईटी) स्कालरशिप प्रोग्राम शुरू किया

० संवाददाता द्वारा ० 

"यह एक छोटा लेकिन देश में महिलाओं के लिए डिजिटल स्वतंत्रता के युग को कायम करने का महत्वपूर्ण कदम होगा"
कोलकाता : आने वाले समय के डिजिटल लीडर्स को बनाने वाला प्रमुख संस्थान, प्रैक्सिस बिजनेस स्कूल ने 2011 में डेटा साइंस के क्षेत्र में शुरू किए गए देश के पहले पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम की हाल ही में दसवीं सालगिरह मनाई। इस अवसर पर, प्रैक्सिस ने भारत में जेंडर गैप (लैंगिक असामनता ) को कम करने के लिए "वूमेन इन टेक" नाम की स्कालरशिप का अनावरण किया जो इनके इस संकल्प को और मज़बूती प्रदान करेगा। भारत की पहली महिला पैरालम्पिक पदक विजेता, पद्मश्री और मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार हासिल करने वाली दीपा मलिक द्वारा इस स्कालरशिप की घोषणा की गयी।

वूमेन इन टेकस्कालरशिप को प्रैक्सिस कॉलेज में पढ़ाये जाने वाले सभी पाठ्यक्रमों जैसे पीजीडीएम, डेटा साइंस और डेटा इंजीनियरिंग में लागू किया जाएगा जिसका लाभ सिर्फ योग्य छात्राएं ही उठा सकेंगीं। इस अवसर पर प्रैक्सिस बिजनेस स्कूल के संस्थापक निदेशक चरणप्रीत सिंह ने कहा, प्रैक्सिस के साथ 14 साल का सफर बहुत ही शानदार रहा है। हर्ष के साथ बताना चाहता हूँ की हमारे डेटा साइंस प्रोग्राम को 2021 के लिए लेटेस्ट एनालिटिक्स इंडिया मैगज़ीन द्वारा देश में सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है। यह हमारे फैकल्टी मेंबर्स, शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक लीडर्स , हमारे इंडस्ट्री पार्टनर्स, रिक्रूटर्स (नियोक्ताओं), हमारे पूर्व छात्रों के मज़बूत नेटवर्क और हमारे सभी छात्र की अद्भुत टीम के बिना यह संभव नहीं था। हम इस बात को लगातार मानते हुए आए हैं कि हमारे टैलेंट पूल की 50 प्रतिशत क्षमता जो कि महिलाएँ हैं उनके बिना डिजिटल लीडरशिप हासिल नहीं की जा सकती है। इसलिए हम आज उस प्रतिबद्धता को औपचारिक रूप देते हैं।"

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, "यह निश्चित रूप से हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि इस महत्वपूर्ण अवसर पर हमारे साथ देश में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक, दिग्गज सुश्री दीपा मलिक हमारे साथ मौजूद हैं। प्रैक्सिस के इस अच्छे काम में साथ जुड़ कर दीपा मलिक ने जो उदारता दिखाई है, उसके लिए हम उनके आभारी रहेगें । मुझे पूरा विश्वास है कि यह एक छोटा लेकिन देश में महिलाओं के लिए डिजिटल स्वतंत्रता के युग को कायम करने का महत्वपूर्ण कदम होगा चूंकि हम उनकी स्वतंत्रता के 75 वर्ष मना रहे हैं। ” प्रैक्सिस बिजनेस स्कूल के निदेशक डॉ. पृथ्वी मुखर्जी ने मुख्य वक्ता के रूप में दर्शकों को टेक्नोलॉजी (प्रौद्योगिकी) की वर्चुअल (आभासी) दुनिया में अपनी अंतर्ज्ञान से सभी को मोहित कर दिया। "डेटा साइंस इन द मेटावर्स" शीर्षक नामक उनके व्याख्यान ने फिजिकल और वर्चुअल दुनिया के क्रॉस-सेक्शन में मौजूद पूरी तरह से काम कर रहे डेटा-संचालित समानांतर ब्रह्मांड की कल्पनाओं को हवा दी, जिसे हम सभी निकट भविष्य में ले जा सकते हैं।

महिला सशक्तिकरण में अन्य पहलों के अलावा, सिंह ने स्कूल स्तर पर छात्राओं के बीच डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए , महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सदैव तत्पर्य एवं पुरूस्कार विजेता ,चेंज इनिशिएटिव्स' नामक एनजीओ के साथ प्रैक्सिस की साझेदारी के बारे में भी बताया। टेक में करियर बनाने के लिए विशेष योग्यता वाली महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए सुश्री मलिक के व्हीलिंग हैप्पीनेस फाउंडेशन को भी एक बड़ी राशि देने की भी घोषणा की गई। प्रैक्सिस जुलाई के समय कोलकाता परिसर के अपने प्रमुख पीजीडीएम पाठ्यक्रम में छात्रों को प्रवेश देता है वहीँ जनवरी और जुलाई में डाटा साइंस कार्यक्रम में कोलकाता और बैंगलोर के अपने परिसरों में छात्रों को प्रवेश देता है।
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