जयपुर - एम्पलॉयर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। चुनाव अधिकारी उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आलोक फतेहपुरिया ने कार्यकारिणी के लिए 24 औद्योगिक सदस्य, 8 प्रोफेशनल सदस्य व 5 औद्योगिक एसोसिएशन सदस्यों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया। इन सभी 37 चुने हुए कार्यकारिणी सदस्यों ने सर्वसम्मति से एन. के. जैन को ल्रगातार नौवीं बार अपना अध्यक्ष चुना।
उद्योग जगत के चमकते सितारे और विद्युत टेलीट्रोनिक्स लिमिटेड के अध्यक्ष एन. के. जैन वर्ष 2004 से लगातार इस पद पर चुने जाते रहे हैं और उद्योग व व्यापार की आवाज को मुखर रुप से उठाने के लिए जाने जाते हैं। जैन राजस्थान चैम्बर, फिक्की , यूकोरी, राजस्थान उत्पादकता परिषद जैसी अनेकों राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय औद्योगिक संगठनों के प्रमुख पदों पर भी आसीन हैं। उद्योगों की समस्याओं के समाधान व युवाओं को रोजगार दिलाने में जैन की प्रमुख भूमिका है।इस मौके पर एन. के. जैन ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जनवरी में होने वाली इंन्वेस्ट समिट को सफल बनाने में प्रदेश के उद्यमी अपना पूरा सहयोग करेंगे और ”वन नेशन वन पावर टैरिफ“ को राष्ट्रीय अभियान बनाकर लागू करवाया जाएगा। इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उद्योग मंत्री दरवाजे प्रदेश के उद्योगपतियों के लिए हमेशा खुले हुए हैं । प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए प्रदेश सरकार भरसक प्रयास कर रही है। उद्योग युवाओं को रोजगार मुहैया कराते हैं, किसी को रोजगार मुहैया कराने से ज्यादा पवित्र काम कोई नहीं हो सकता। इसलिए उद्योग और व्यापार का सहयोग करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। राजस्थान इन्वेस्ट समिट भी इसी उद्देश्य को ध्यान में रख कर किया जा रहा है। जिसको सफल बनाने के लिए सभी के सहयोग की आवश्यकता है।
एंप्लॉयर्स एसोसिएशनश ऑफ राजस्थान के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एनके जैन ने उद्योग मंत्री शकुन्तला रावत के सामने 13 सूत्री सुझाव रखे। 1. पेट्रोल व डीजल की वैट की दरों को दिल्ली के समकक्ष किया जाए, ताकि हमारे यहां के पेट्रोल पम्प सूखे ना रहें जिससे राज्य का रेवेन्यू भी घटता है। 2. उद्योगों के बिजली के बिलों में जोडे़ जाने वाले फिक्स चार्ज व फयूल सरचार्ज को समाप्त किया जावे व इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटि को समाप्त कर (40 पैसे प्रति यूनिट इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटि अभी लगती है) इसे जीएसटी में कन्वर्ट किया जावे ताकि उसका इनपुट टैक्स क्रेडिट के रुप में उद्योग क्रेडिट ले सकें। 3. वन नेशन - वन पॉवर टैरिफ की चर्चा राज्य की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर की जानी चाहिए, इसे एक अभियान की तरह लेना चाहिए तभी राज्य में नये निवेश वास्तविक रुप से आयेंगे।
4. क्रेडिट गारंटी स्कीम लघु उद्योगों के लिए है जिसमें 2 करोड़ तक का लोन एमएसएमई को बिना किसी कोलेटरल सिक्यूरिटी के मिल जाता है और इसकी गारंटी मामूली फीस (0.75 से 1.5 प्रतिशत प्रति वर्ष) पर केन्द्र सरकार की होती है। अभी सभी बैंकों ने इस लोन पर अघोषित रोक लगा रखी है कलक्टर व राज्य सरकार का उद्योग विभाग इसकी मोनिटरिंग करे व हर महीने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपे। 5. कोरोना के बाद से रिको औद्योगिक क्षेत्रों में चोरियों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है उन्हें रोकने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में रात्रि पुलिस गश्त व नाईट विजन सीसीटीवी कैमरें लगाए जाए व सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था भी की जाए। बिजली के पोल्स पर आटोसेन्सर स्टार्ट सोलर लाईटों का प्रावधान किया जाए।
6. रिको औद्योगिक क्षेत्रों में रोड़ व इन्फ्रा को सुदृढ़ किया जावे व मजदूरों के आवागमन के लिए सिटी बसों (सरकारी) में रियायती दरों पर पास दिए जावें। 7. सुक्ष्म व लघु उद्योगों को सरकार द्वारा एमएसएमई क्रेडिट कार्ड दिए जाएं जिनकी सीमा 5 से 10 लाख हो और ब्याज दर 6 से 7 प्रतिशत वार्षिक हो ताकि वे कोविड पेनडेमिक व लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों व कैश क्रन्च के दौर से उबरने व अपने अति आवश्यक खर्चों के भुगतान बिना याचक बनें स्वाभिमान के साथ कर सकें और पुनः अपने उद्योग को पटरी पर ला सकें। इसमें राजस्थान फाईनेन्सियल कोर्पोरेशन (आरएफसी) और उद्योग व वाणिज्य विभाग (डीआईसीसी) को नोडल एजेन्सी बनाया जा सकता है।
8. यदि उद्यमियों का कोई गु्रप जिसमें 100 से 1500 से ज्यादा उद्यमी अपना उद्योग लगाने को तैयार हों तो उन्हें क्लस्टर या औद्योगिक पार्क विकसित करके रिको देवे और उनकों एडवांस भुगतान पर डायरेक्ट रियायती दरों पर भूखण्ड एलाट किये जावे। इस योजना में विकसित औद्योगिक पार्क जहाँ एक ही प्रकार के उद्योग आएंगे जमीन चिन्हित कर बिना निलामी(ऑक्शन) के सीधे उद्योगों को उनके रजिस्टर्ड संगठन के द्वारा एलाट किया जावे। 9. पूर्व में सरकार द्वारा जारी सभी एमनेस्टी स्कीम्स को मार्च 2022 तक बढ़ाया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा उद्यमी व व्यापारी इसका लाभ ले सकें। 10. रिको द्वारा हर वर्ष सर्विस चार्ज 10 प्रतिशत बढ़ोतरी कर दी जाती है पोस्ट कोविड इम्पेक्ट को देखते हुए इसे दो वर्ष के लिए स्थगित करना चाहिए।
11. उद्योगों में सोलर प्लांट लगाने पर उसकी लागत की 20 प्रतिशत सब्सिडी पुनः लागू की जावे व केप्टीव यूज पर लगने वाले व्हीलिंग चार्ज व सरचार्ज को समाप्त किया जावे। 12. पिछले बजट में व्यापार कल्याण बोर्ड बनाने की घोषणा की गयी थी इसका गठन कर इसका चेयरमेन किसी अनुभवी उद्योगपति को बनाया जाये। 13. श्रमिकों को मजदूरी के भुगतान की कैश लिमिट अभी रूपये 5000/- है इसको बढ़ाकर 20000/- किया जावे। 14. राजस्थान सरकार की खरीद के ओपन टेन्डर होते हैं इसमें बाहर की बड़ी कम्पनियों सारे आर्डर ले जाती है और हमारे यहाँ के एमएसएमई अच्छा प्रोडक्ट होने के बाद भी रह जाते हैं अतः इसमें 50 प्रतिशत खरीददारी सिर्फ राजस्थान की एमएसएमई से ही हो ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए। 15. एमएसएमई सुविधा परिषद का गठन हर जिले में होना चाहिए।
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